
#गढ़वा #कॉफी_विद_एसडीएम – बॉर्डर पर तैनात सैनिकों के परिवारों से सीधा संवाद, शहीदों को दी श्रद्धांजलि, पूर्व सैनिकों ने दिए अहम सुझाव
- SDM संजय कुमार ने ‘कॉफी विद SDM’ में सैनिकों के परिजनों को किया आमंत्रित
- 1971 और कारगिल युद्ध में लड़ चुके पूर्व सैनिकों ने भी दी सहभागिता
- सैनिकों के अदम्य साहस और शहीदों को सामूहिक रूप से दी गई श्रद्धांजलि
- व्यक्तिगत समस्याओं के समाधान व पूर्व सैनिक क्लब की मांग उठी
- SDM ने सभी परिजनों के पैर छूकर किया अभिनंदन
- स्थानीय व्यापारी ने परिजनों को भेंट कर जताया सम्मान
देश के प्रहरी परिवारों से संवाद का गरिमामय अवसर
गढ़वा अनुमंडल कार्यालय में SDM संजय कुमार द्वारा चलाए जा रहे साप्ताहिक कार्यक्रम कॉफी विद SDM का यह सत्र खास था, क्योंकि इस बार आमंत्रित थे वे परिजन जिनके बेटे, भाई या पति आज देश की सीमा पर तैनात हैं। इस मौके पर 1971 युद्ध और कारगिल में लड़ चुके पूर्व सैनिक भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सुरक्षा बलों के विभिन्न अंगों में सेवाएं दे रहे जवानों के परिजन भी पहुंचे और उन्होंने अपनी व्यक्तिगत चिंताओं के साथ-साथ समाजहित में सुझाव रखे।
जब पूर्व सैनिकों और परिजनों ने साझा की गर्व की कहानियाँ
इस खास संवाद में शहर के सहेजना निवासी कैप्टन रामराज पांडे ने बताया कि उन्होंने 1971 के युद्ध में भाग लिया था और उनके पुत्र सूबेदार संतोष पांडे वर्तमान में उरी सेक्टर में तैनात हैं। उनका भतीजा हरेंद्र पांडे भी कश्मीर घाटी में तैनात है। इसी तरह दुबे मरहटिया निवासी सूबेदार रामकृष्ण तिवारी, नाहर चौक निवासी श्री वशिष्ठ तिवारी, पतरिया निवासी रमेश तिवारी, हूर गांव के श्री रघुनाथ तिवारी, करकोमा निवासी श्री कमलेश तिवारी, अचला निवासी हरेकृष्ण दुबे जैसे दर्जनों परिजन कार्यक्रम में पहुंचे।
कार्यक्रम में श्यामा चौबे के भतीजे विकास चौबे (एयरफोर्स), अतुल तिवारी (चंडीगढ़ एयरफोर्स), नीलेश दुबे, पंकज दुबे, संदीप तिवारी, अंकित तिवारी, पंकज चौबे जैसे देश के रक्षक जवानों का ज़िक्र हुआ।
देश की रक्षा में सैनिकों के परिजन भी उतने ही महत्त्वपूर्ण : SDM
SDM संजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि सैनिक जिस समर्पण से देश की सेवा करते हैं, उनके पीछे खड़े परिजन उतने ही बड़े योद्धा होते हैं।
“इन परिवारों से मिलकर मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। यह केवल प्रशासन का नहीं, बल्कि पूरे समाज का कर्तव्य है कि वह इनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहे।”
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बहाने वीर सैनिकों की अदम्य वीरता को याद करते हुए ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के सामूहिक उद्घोष से वातावरण को देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया।
भूतपूर्व सैनिकों ने साझा की समस्याएं, दिए रणनीतिक सुझाव
डुमरिया के अजय कुमार तिवारी, अचला नवाडीह के कैप्टन अशोक तिवारी, बोगांसी के सूबेदार रामजी तिवारी, झूरा के सूबेदार जुगल किशोर तिवारी, जाटा के सुदामा प्रजापति, देवगाना के अभिमन्यु चौबे और गाढ़ा कसना कांडी के गोपाल दुबे जैसे पूर्व सैनिकों ने भाग लिया।
इन सभी ने पूर्व सैनिकों के लिए एक स्थायी क्लब या कार्यालय की मांग रखी। बृजमोहन ठाकुर ने शहीदों के नाम पर स्मारक की आवश्यकता बताई। सभी ने एक स्वर में कहा कि रिटायरमेंट के बाद भी वे राष्ट्रसेवा में योगदान देने को तैयार हैं।
शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि और परिजनों का सम्मान
कार्यक्रम में शहीद आशीष तिवारी के पिता अरविंद तिवारी एवं शहीद रामप्रीत ठाकुर की पत्नी श्रीमती संकलिया देवी और पुत्र बृजमोहन ठाकुर भी उपस्थित रहे। श्रीमती संकलिया देवी ने बताया कि उनके दोनों बेटे भी आज सेना में कार्यरत हैं।
समस्याओं पर दिए गए समाधान के निर्देश
कार्यक्रम में जुगल किशोर तिवारी, अभिमन्यु चौबे, उषा कुमारी, बृजमोहन ठाकुर, सुदामा प्रजापति जैसे लोगों ने गढ़वा, मेराल, मझिआंव, डंडई एवं एलआरडीसी ऑफिस से जुड़ी व्यक्तिगत समस्याएं रखीं। SDM ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत समाधान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
सिविल डिफेंस को सक्रिय करने की भी रही मांग
सभी पूर्व सैनिकों और परिजनों ने एक स्वर में सुझाव दिया कि गढ़वा जिले में सिविल डिफेंस को संचालनात्मक रूप में सक्रिय किया जाए ताकि राष्ट्रीय आपात स्थितियों में नागरिक योगदान सुनिश्चित हो सके।
सामाजिक कुरीतियों पर कार्रवाई के लिए तालियों से सम्मान
सभी सहभागियों ने अवैध शराब, अवैध पटाखे, और डीजे पर प्रभावी कार्रवाई के लिए SDM संजय कुमार के प्रयासों की सराहना की और उन्हें खड़े होकर तालियों से सम्मानित किया।
जब SDM ने पैर छूकर जताया सम्मान
कार्यक्रम के अंत में संजय कुमार ने व्यक्तिगत रूप से सभी परिजनों के पैर छूकर उनका अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि
“रक्षा करने वाले देवतुल्य होते हैं, और उनके परिवारों का आशीर्वाद मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।”
स्थानीय व्यापारी द्वारा भावपूर्ण सम्मान
स्थानीय प्रतिष्ठान बाबा कमलेश के प्रोपराइटर कमलेश अग्रवाल ने कार्यक्रम में मौजूद सैनिकों के परिजनों और पूर्व सैनिकों को सम्मानस्वरूप उपहार भेंट कर अपने स्तर से कृतज्ञता व्यक्त की।



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