#गढ़वा #नवजात_तस्करी : पलामू के मेदिनीनगर से पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित रेस्क्यू किया
- गढ़वा जिले के डंडा थाना क्षेत्र से सामने आया गंभीर मामला।
- महज 5 दिन के नवजात शिशु को बेचने का आरोप।
- नवजात को पलामू जिले के मेदिनीनगर से सुरक्षित बरामद किया गया।
- पुलिस ने एक महिला को हिरासत में लिया।
- बच्चा फिलहाल अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर।
गढ़वा जिले से मानवता को शर्मसार करने वाला एक बेहद संवेदनशील और गंभीर मामला सामने आया है, जहां महज पांच दिन के एक नवजात शिशु को कथित रूप से पांच लाख रुपये में बेच दिए जाने का आरोप है। मामले की जानकारी मिलते ही डंडा थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पलामू जिले के मेदिनीनगर शहरी क्षेत्र से नवजात को सुरक्षित बरामद कर लिया। इस घटना ने न केवल प्रशासन, बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख दिया है।
यह पूरा मामला गढ़वा जिले के डंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत छपरदागा इलाके से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, नवजात शिशु को गुप्त तरीके से पलामू जिले ले जाकर बेच दिया गया था। पुलिस को जैसे ही इस अवैध खरीद-बिक्री की भनक लगी, तुरंत एक विशेष टीम गठित कर छापेमारी की गई।
पलामू में छापेमारी, रेडमा इलाके से नवजात बरामद
डंडा थाना प्रभारी दिलीप कुमार के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने शनिवार की शाम पलामू जिले के मेदिनीनगर पहुंचकर रेडमा इलाके में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान संजय शर्मा नामक व्यक्ति के घर से नवजात शिशु को सुरक्षित बरामद किया गया।
मौके से एक महिला को हिरासत में लिया गया है, जिस पर नवजात की खरीद-बिक्री में संलिप्त होने का संदेह है। पुलिस ने महिला और नवजात दोनों को अपने साथ गढ़वा लाकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
नवजात की हालत स्थिर, अस्पताल में भर्ती
बरामद किए गए नवजात शिशु की उम्र महज पांच दिन बताई जा रही है। बच्चे की नाजुक स्थिति को देखते हुए पुलिस ने तत्काल उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों के अनुसार फिलहाल नवजात की स्थिति स्थिर है और उसकी निगरानी की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बच्चे को रविवार को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जहां उसके भविष्य और संरक्षण से जुड़ा निर्णय लिया जाएगा।
प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाले तथ्य
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि नवजात की मां की मानसिक स्थिति ठीक नहीं बताई जा रही है। साथ ही परिवार की आर्थिक हालत भी काफी कमजोर है। इन्हीं परिस्थितियों के कारण बच्चे को बेचने का निर्णय लिया गया, ऐसा शुरुआती जांच में संकेत मिला है। हालांकि पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह केवल प्रारंभिक जानकारी है और पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस सौदे में कितने लोग शामिल हैं और कहीं इसके पीछे कोई संगठित नवजात तस्करी गिरोह तो सक्रिय नहीं है।
पुलिस का बयान
डंडा थाना प्रभारी दिलीप कुमार ने कहा:
“यह मामला बेहद संवेदनशील है। नवजात की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पूरे प्रकरण की हर पहलू से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे को खरीदने वाले लोगों की पहचान और उनके उद्देश्य की भी जांच की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक का क्या कहना है:
पुलिस अधीक्षक अमन कुमार साहू ने बताया कि उक्त मामले में उनके परिजन वह कुछ बिचौलियों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जा रहा है आखिरकार उक्त परिजन बच्चों को सौदा क्यों किया? मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
न्यूज़ देखो: नवजात तस्करी समाज के लिए बड़ा चेतावनी संकेत
यह घटना समाज में बढ़ती संवेदनहीनता और अवैध मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराधों की ओर इशारा करती है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह भी जरूरी है कि ऐसे मामलों की जड़ तक पहुंचकर स्थायी समाधान निकाला जाए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
एक मासूम की जिंदगी समाज की जिम्मेदारी
नवजात की तस्करी जैसी घटनाएं केवल कानून नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चुनौती हैं। जरूरत है कि कमजोर परिवारों को समय पर सहायता मिले और ऐसे अपराधों के खिलाफ सामूहिक आवाज उठे।
इस खबर पर अपनी राय कमेंट करें, इसे अधिक से अधिक लोगों तक साझा करें और मासूम जिंदगियों की रक्षा के लिए जागरूकता फैलाएं।





