
#गिरिडीह #राजस्व_कार्यशाला : प्रमंडल आयुक्त पवन कुमार ने अधिकारियों को लंबित राजस्व मामलों का ससमय निपटारा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
- गिरिडीह समाहरणालय सभागार में उत्तरी छोटा नागपुर प्रमंडल आयुक्त पवन कुमार की अध्यक्षता में राजस्व संबंधी मामलों पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
- कार्यशाला में CNT Act, BLR Act, Bihar Tenants Holding Act की विभिन्न धाराओं और 13 संशोधनों पर विस्तृत चर्चा हुई।
- भूमि हस्तांतरण, अधिग्रहण, बंदोबस्ती, दाखिल-खारिज, खतियान जमाबंदी जैसे विषयों पर भी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए।
- प्रमंडल आयुक्त ने सीओ, डीसीएलआर, और एसडीओ को लंबित मामलों के ससमय निष्पादन का सख्त निर्देश दिया।
- उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों का निष्पादन जनता से सीधा जुड़ा विषय है, अतः पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करें।
गिरिडीह। समाहरणालय सभागार में सोमवार को उत्तरी छोटा नागपुर प्रमंडल आयुक्त श्री पवन कुमार की अध्यक्षता में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें राजस्व संबंधी मामलों की विस्तृत समीक्षा और प्रशिक्षण सत्र आयोजित हुआ। कार्यशाला में प्रमंडल के सभी जिलों से आए पदाधिकारियों ने भाग लिया।
विधिक प्रावधानों पर हुई विस्तृत चर्चा
कार्यशाला के दौरान The Bihar Tenants Holding (Maintenance of Records) Act, 1973 की धारा 14, 15, 16 एवं 18, CNT Act, 1908 की धारा 46 और 49, तथा BLR Act, 1950 की धारा 4(h) पर चर्चा हुई। प्रत्येक कानून के तहत लंबित 02–02 केस हिस्ट्री का विश्लेषण किया गया और अधिकारीयों को बताया गया कि किन प्रक्रियाओं में विलंब हो रहा है।
आयुक्त ने कहा कि CNT Act, 1908 के सभी 13 संशोधनों को भलीभांति समझना जरूरी है ताकि केस निस्तारण में पारदर्शिता और तत्परता दोनों बनी रहे। उन्होंने कहा कि अधिकारी कानूनी प्रावधानों का पूर्ण पालन करते हुए जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरें।
भूमि विवादों और दाखिल-खारिज पर विशेष फोकस
कार्यशाला में भूमि हस्तांतरण, भूमि अधिग्रहण, बंदोबस्ती, लीज, दाखिल-खारिज, शपथ पत्र, केवाला, खतियान जमाबंदी, एसी कोर्ट, डीसी कोर्ट, भूमि वापसी आदेश पारित, उत्तराधिकार और वंशावली जैसे मामलों की प्रकृति पर विस्तार से चर्चा की गई।
प्रमंडल आयुक्त ने कहा कि इन सभी विषयों का सीधा संबंध आम जनता से है, इसलिए हर प्रकरण का निष्पादन समय पर और सही तरीके से होना आवश्यक है।
प्रमंडल आयुक्त श्री पवन कुमार ने कहा: “राजस्व मामलों का निष्पादन आम जनता से सीधे जुड़ा विषय है, इसलिए यह सुनिश्चित करें कि किसी भी नागरिक को अनावश्यक रूप से कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। सभी कार्य निर्धारित प्रक्रिया और समयसीमा में पूरे किए जाएं।”
आयुक्त ने यह भी कहा कि किसी भी मामले में देरी या लापरवाही पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी लंबित मामलों की मॉनिटरिंग नियमित रूप से की जाए और हर माह प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
जिलेवार समीक्षा और सख्त निर्देश
बैठक के दौरान प्रमंडलीय आयुक्त ने जिलेवार लंबित प्रकरणों की स्थिति का अवलोकन किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि सीओ, डीसीएलआर और एसडीओ सभी अपने अधीन लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई और शिविरों में प्राप्त शिकायतों को तत्काल प्रभाव से निपटाना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
प्रमंडल आयुक्त ने कहा कि प्रशासन की विश्वसनीयता जनता के बीच तभी बढ़ेगी जब हर स्तर पर समयबद्ध और पारदर्शी कार्रवाई होगी। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि वे न केवल तकनीकी पहलुओं पर ध्यान दें, बल्कि संवेदनशील रवैया भी अपनाएं ताकि जनता का भरोसा प्रशासन पर कायम रहे।



न्यूज़ देखो: पारदर्शी प्रशासन के प्रति जिम्मेदारी की सीख
गिरिडीह में आयोजित इस कार्यशाला ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि राजस्व न्याय प्रणाली की गति और पारदर्शिता ही सुशासन की रीढ़ है। प्रमंडल आयुक्त पवन कुमार का यह निर्देश प्रशासनिक जवाबदेही को मजबूत बनाता है। अगर अधिकारी इस दिशा में तत्परता से कार्य करें तो ग्रामीण जनता की अनेक समस्याएं समय रहते सुलझ सकती हैं।
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समय की कद्र और जनता का सम्मान प्रशासन की असली पहचान
प्रशासन का असली दायित्व जनता के जीवन में सरलता और न्याय लाना है। गिरिडीह की यह कार्यशाला इस सोच को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हर अधिकारी और नागरिक को यह समझना होगा कि समय पर न्याय ही सच्चे सुशासन की पहचान है।
सजग रहें, सक्रिय बनें, और अपने क्षेत्र में पारदर्शिता की संस्कृति को बढ़ावा दें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को दोस्तों तक पहुंचाएं और अच्छे प्रशासन की इस पहल को साझा करें।




