
#पलामू #पांडू : पंचायत सहायकों की समीक्षा बैठक में विकास, पारदर्शिता और जनसहभागिता को लेकर गहन चर्चा।
- पांडू प्रखंड के पंचायत सहायकों की समीक्षा बैठक मुसीखाप पंचायत सचिवालय में संपन्न हुई।
- बैठक की अध्यक्षता पंचायत सहायक संघ के अध्यक्ष पंकज पांडेय ने की।
- गांव-गांव तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने पर विस्तृत चर्चा की गई।
- सहायकों ने संसाधन की कमी और समन्वय की चुनौतियों को साझा किया।
- पारदर्शिता, जवाबदेही और एकजुटता को विकास की कुंजी बताया गया।
पलामू जिले के पांडू प्रखंड में शुक्रवार को पंचायत सहायकों की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक मुसीखाप पंचायत सचिवालय भवन में हुई, जिसमें प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायत सहायक उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य गांव स्तर पर चल रहे विकास कार्यों की स्थिति की समीक्षा करना और यह सुनिश्चित करना था कि सरकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र लाभुक तक समय पर पहुंचे।
विकास कार्यों की प्रगति पर चर्चा
बैठक की अध्यक्षता पंचायत सहायक संघ के अध्यक्ष पंकज पांडेय ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पंचायत सहायक ही ग्रामीण प्रशासन की रीढ़ हैं, जिनके प्रयासों से योजनाएँ धरातल पर उतरती हैं।
पंकज पांडेय ने कहा: “गांव के अंतिम व्यक्ति को योजनाओं का लाभ मिलना ही पंचायत सहायकों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी और उपलब्धि है। ईमानदारी और पारदर्शिता के बिना विकास अधूरा है।”
उन्होंने कहा कि संगठन की मजबूती और आपसी एकता ही विकास की असली ताकत है। जब पंचायत सहायक एकजुट होकर कार्य करते हैं, तभी गांवों में वास्तविक प्रगति संभव होती है।
चुनौतियां और समाधान की राह
बैठक के दौरान कई पंचायत सहायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में कार्य के दौरान आने वाली समस्याओं और अनुभवों को साझा किया। कई सहायकों ने बताया कि संसाधनों की कमी और विभागीय समन्वय की दिक्कतें अक्सर सामने आती हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि आपसी संवाद और सहयोग से इन चुनौतियों का समाधान संभव है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सभी विकास कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा, लाभुकों तक योजनाओं की जानकारी समय पर पहुंचाई जाएगी, और हर कार्य में पारदर्शिता व जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
पंचायत सहायकों की भूमिका पर बल
बैठक में यह सहमति बनी कि पंचायत सहायकों को न केवल योजनाओं की निगरानी करनी है, बल्कि जनता और प्रशासन के बीच सेतु के रूप में कार्य करना है। उनके द्वारा दी गई सही जानकारी से ही योजनाओं की सफलता सुनिश्चित की जा सकती है। पंचायत स्तर पर उनकी सक्रिय भूमिका ही ग्रामीण विकास का आधार बन रही है।
बैठक में उपस्थित प्रमुख पंचायत सहायकों में मनोरंजन गुप्ता, आशुतोष पांडेय, सनोज कुमार रवि, अजित राम, विजय कुमार कुशवाहा, राकेश कुमार पांडेय, श्यामदेसर मेहता, इंदु देवी, अंजू देवी, विकास कुमार मेहता, रसीदा खातून, बिनोद राम, अशोक रवि सहित कई अन्य शामिल रहे।
न्यूज़ देखो: ग्राम प्रशासन की रीढ़ हैं पंचायत सहायक
पांडू प्रखंड की यह समीक्षा बैठक साबित करती है कि पंचायत सहायकों की भूमिका केवल योजनाओं के क्रियान्वयन तक सीमित नहीं है, बल्कि वे ग्रामीण विकास की आत्मा हैं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे कर्मठ सहायकों को प्रशिक्षण, संसाधन और तकनीकी सहयोग से सशक्त बनाए ताकि विकास योजनाएं सही मायनों में गांवों तक पहुंचे।
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जिम्मेदारी से विकास की दिशा तय करें
गांवों का विकास तभी संभव है जब योजनाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंद तक पहुंचे। ईमानदारी, पारदर्शिता और एकजुटता से ही आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। सजग नागरिक बनें, पंचायत स्तर पर हो रहे कार्यों पर नजर रखें, अपनी राय कमेंट करें और खबर को साझा कर विकास की इस मुहिम का हिस्सा बनें।



