
#गिरिडीह #फाइलेरियाउन्मूलन : एमएमडीपी किट वितरण और दिव्यांग पंजीकरण के साथ जनजागरूकता की पहल
- महेशलुंडी पंचायत में फाइलेरिया उन्मूलन पर विशेष बैठक।
- एमएमडीपी किट का रोगियों में वितरण किया गया।
- यूडीआईडी पोर्टल पर दिव्यांग प्रमाणपत्र हेतु पंजीकरण।
- तीसरी श्रेणी और उससे ऊपर के रोगियों का चयन।
- फाइलेरिया चैंपियन नियुक्त कर गांव में अभियान को मजबूती।
गिरिडीह के सदर प्रखंड के महेशलुंडी पंचायत में मंगलवार को फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य गांव में फाइलेरिया रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना और रोगियों के उपचार व सहयोग के लिए ठोस रणनीति बनाना था।
एमएमडीपी किट का वितरण
बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से एमएमडीपी (मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसएबिलिटी प्रिवेंशन) किट तीसरी श्रेणी और उससे ऊपर के रोगियों को प्रदान की गई। यह किट फाइलेरिया से पीड़ित लोगों को रोजमर्रा की देखभाल और संक्रमण से बचाव में मदद करेगी।
दिव्यांग प्रमाणपत्र के लिए पंजीकरण
फाइलेरिया के गंभीर मामलों में दिव्यांगता का आकलन करते हुए रोगियों का यूडीआईडी पोर्टल पर पंजीकरण किया गया, ताकि उन्हें दिव्यांग प्रमाणपत्र और सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
फाइलेरिया चैंपियन की नियुक्ति
बैठक में एक फाइलेरिया चैंपियन नियुक्त किया गया, जो गांव में फाइलेरिया उन्मूलन से संबंधित जागरूकता फैलाने और स्वास्थ्य विभाग को जमीनी स्तर पर सहयोग प्रदान करेगा।
न्यूज़ देखो: जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुधार की मजबूत पहल
महेशलुंडी पंचायत में हुई यह बैठक दर्शाती है कि स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय स्तर पर योजनाबद्ध और सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। फाइलेरिया चैंपियन की नियुक्ति और किट वितरण जैसे कदम ग्रामीण स्वास्थ्य को सशक्त करने की दिशा में सराहनीय हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
स्वस्थ समाज की ओर कदम
फाइलेरिया जैसी बीमारियों को जड़ से मिटाने के लिए जागरूकता, समय पर उपचार और सामुदायिक भागीदारी जरूरी है। इस खबर को साझा कर ग्रामीण स्वास्थ्य के संदेश को और दूर तक पहुंचाएं।