
#गुमला #सड़कहादसा : देर रात श्रीनगर गांव में पलटा टमाटर लदा वाहन – चालक और खलासी बाल-बाल बचे
- गुमला जिले के जारी थाना क्षेत्र में गुरुवार रात्रि सीसीकरमटोली पंचायत के श्रीनगर गांव के पास सड़क हादसा।
- रात 2 बजे एक टमाटर लदा पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया।
- वाहन चालक और खलासी दोनों सुरक्षित, किसी को चोट नहीं आई।
- ग्रामीणों ने ट्रैक्टर की मदद से वाहन को सड़क से बाहर निकाला।
- प्रशासन से ग्रामीणों ने तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण की मांग की।
गुमला जिले के जारी थाना क्षेत्र के सीसीकरमटोली पंचायत स्थित श्रीनगर गांव में देर रात एक बड़ा हादसा टल गया। गुरुवार रात लगभग दो बजे टमाटर लदा एक पिकअप वाहन तीखे मोड़ पर अनियंत्रित होकर पलट गया। गनीमत रही कि वाहन में सवार चालक और खलासी दोनों बाल-बाल बच गए। यह घटना उस समय हुई जब पिकअप चटकपुर से टमाटर लादकर गिरिडीह की ओर जा रहा था।
रात के सन्नाटे में पलटी टमाटर लदी पिकअप
वाहन चालक ने बताया कि गुरुवार शाम चटकपुर स्थित खेतों से टमाटर लोड करने के बाद वे रात्रि करीब 1:45 बजे निकले थे। श्रीनगर गांव पहुंचने पर वाहन की रफ्तार अधिक थी और तीखा मोड़ होने के कारण गाड़ी नियंत्रण से बाहर हो गई। जैसे ही वाहन पलटा, साइड गेट खुलने से चालक और खलासी बाहर निकल आए। सौभाग्य से किसी को चोट नहीं लगी।
ग्रामीणों ने की तत्काल मदद
घटना की सूचना जारी थाना को दी गई। शुक्रवार सुबह आसपास के ग्रामीण पहुंचे और ट्रैक्टर की मदद से वाहन में लदे टमाटरों को उतारकर सड़क से हटाया। ग्रामीणों ने बताया कि मोड़ का हिस्सा बहुत खतरनाक है और अक्सर रात में हादसे होते रहते हैं।
बार-बार हो रही हैं ऐसी घटनाएं
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इन दिनों टमाटर लदे वाहन बहुत तेज गति से सड़कों पर दौड़ रहे हैं। कुछ दिनों पहले भी भीखमपुर के पास एक टमाटर लदे वाहन ने मोटरसाइकिल सवार को टक्कर मार दी थी, जिससे वह घायल हो गया था। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए प्रशासन को सख्ती करनी चाहिए।
कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष राजेश टोप्पो ने कहा: “हम कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं कि तीखे मोड़ पर चेतावनी बोर्ड और स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं, पर अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।”
प्रशासन से अपेक्षित कार्रवाई
स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि तेज रफ्तार वाहनों की निगरानी के लिए पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए और चालकों को सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए चेताया जाए। साथ ही तीखे मोड़ों पर संकेतक बोर्ड, रिफ्लेक्टर और स्पीड ब्रेकर की व्यवस्था हो ताकि भविष्य में किसी बड़ी दुर्घटना से बचा जा सके।

न्यूज़ देखो: रफ्तार पर लगाम जरूरी
गुमला की यह घटना फिर याद दिलाती है कि रफ्तार और लापरवाही की जुगलबंदी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में खराब सड़क ढांचा और रात के समय दृश्यता की कमी इन हादसों को और बढ़ाती है। प्रशासन को चाहिए कि सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दे और स्थानीय लोगों की शिकायतों पर तुरंत संज्ञान ले।
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सड़क सुरक्षा ही जीवन सुरक्षा
रफ्तार जितनी धीमी होगी, सफर उतना ही सुरक्षित रहेगा। हमें खुद से शुरुआत करनी होगी – ट्रैफिक नियमों का पालन करें, सीमित गति में वाहन चलाएं, और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। सजग रहें, जिम्मेदारी निभाएं, और इस खबर को शेयर करें ताकि सड़क सुरक्षा की जागरूकता हर गांव तक पहुंचे।



