
#पलामू #विद्यालय_हिंसा : हुसैनाबाद प्रखंड के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय तकेया में छात्रा के साथ मारपीट की घटना से ग्रामीणों में नाराज़गी
- प्रधानाध्यापक लालदेव राम पर कक्षा पाँच की छात्रा चांदनी कुमारी (10) को पीटने का आरोप।
- घटना में छात्रा का बायां हाथ टूट गया, परिजनों ने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में कराया इलाज।
- मामूली गलती पर पिटाई करने की बात कही जा रही है।
- ग्रामीणों ने दोषी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
- विद्यालय प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल, क्षेत्र में बढ़ा आक्रोश।
पलामू जिले के हुसैनाबाद प्रखंड के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय तकेया में मंगलवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई, जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक सह सचिव लालदेव राम ने कथित रूप से कक्षा पाँच की छात्रा चांदनी कुमारी (10) की पिटाई कर दी। इस मारपीट में छात्रा का बायां हाथ टूट गया, जिससे विद्यालय परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
मामूली गलती पर बच्ची को दी गई सजा
परिजनों के अनुसार, छात्रा से किसी छोटी गलती के कारण प्रधानाध्यापक नाराज़ हो गए और गुस्से में आकर उसकी पिटाई कर दी। मारपीट इतनी गंभीर थी कि चांदनी का हाथ टूट गया। घायल छात्रा को तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
परिजनों ने कहा: “इतनी छोटी बच्ची के साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी शिक्षक को शोभा नहीं देता। हम न्याय की मांग करते हैं।”
घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों में भारी नाराज़गी फैल गई और लोग विद्यालय परिसर में जुट गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विद्यालय में इस तरह की घटनाएं बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालती हैं।
ग्रामीणों ने जताया आक्रोश, कार्रवाई की मांग
गांव के दर्जनों लोगों ने प्रधानाध्यापक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि बच्चों की शिक्षा के मंदिर में हिंसा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
ग्रामीणों ने कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे शिक्षा विभाग कार्यालय का घेराव करेंगे और आंदोलन की राह अपनाएंगे।
प्रशासनिक जांच की संभावना
घटना की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग और प्रखंड प्रशासन से जांच की मांग की जा रही है।
इस बीच, क्षेत्र के अन्य शिक्षकों ने भी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए संवेदनशील व्यवहार अपनाने की अपील की है।
न्यूज़ देखो: शिक्षा के मंदिर में हिंसा बर्दाश्त नहीं
विद्यालय वह स्थान है जहाँ बच्चों को सीखने, बढ़ने और सम्मान से जीने की शिक्षा दी जाती है। ऐसी घटनाएं पूरे शिक्षा तंत्र की छवि को धूमिल करती हैं। प्रशासन को इस मामले में तत्काल और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी शिक्षक को बच्चों के साथ हिंसा करने की हिम्मत न हो।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बच्चों की सुरक्षा सबसे बड़ी जिम्मेदारी
बच्चों का अधिकार है कि वे एक सुरक्षित और स्नेहपूर्ण माहौल में शिक्षा प्राप्त करें। अब समय है कि हम सब शिक्षक, अभिभावक और समाज के रूप में मिलकर इस दिशा में जिम्मेदारी निभाएं।
अपनी राय कमेंट में लिखें और इस खबर को साझा करें, ताकि हर बच्चा हिंसा से मुक्त, सम्मानपूर्ण शिक्षा का हकदार बन सके।




