#रांची #स्वास्थ्य_सेवा : उपायुक्त ने अस्पताल के वार्डों, कैंटीन और शौचालय की व्यवस्था देखी—गंदगी पर जताई नाराजगी और त्वरित सुधार का आदेश
- उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने सदर अस्पताल, रांची का औचक निरीक्षण किया।
- निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार, डीपीआरओ उर्वशी पांडेय, डॉ. विमलेश कुमार सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
- उपायुक्त ने इमरजेंसी, फार्मेसी, रेडियोलॉजी, कैंटीन और शौचालय की सफाई व्यवस्था देखी।
- शौचालय में दुर्गंध और गंदगी पर डीसी ने जताई सख्त नाराजगी।
- मरीजों को मुफ्त रेडियोलॉजी जांच का निर्देश दिया गया।
- आयुष्मान भारत योजना के तहत मिलने वाली सेवाओं की भी ली जानकारी।
रांची जिला प्रशासन की सतर्कता एक बार फिर देखने को मिली जब उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने मंगलवार, 07 अक्टूबर 2025 को अचानक सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। अस्पताल पहुंचते ही उन्होंने सीधे इमरजेंसी वार्ड का रुख किया और मरीजों से उनका हालचाल पूछा। निरीक्षण का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और मरीजों को दी जा रही सुविधाओं का मूल्यांकन था।
मरीजों से मुलाकात और स्वास्थ्य सेवाओं का आकलन
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने भर्ती मरीजों से बातचीत की और उपचार की स्थिति जानी। मरीजों ने इलाज और दवा की उपलब्धता पर संतोष जताया। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात नर्सों और चिकित्सकों से भी बातचीत कर सेवा प्रणाली की जानकारी ली।
उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि सदर अस्पताल जिला का प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र है, ऐसे में दूरदराज से आने वाले मरीजों को गुणवत्तापूर्ण इलाज मिलना चाहिए।
इमरजेंसी, फार्मेसी और रेडियोलॉजी का निरीक्षण
उपायुक्त ने फार्मेसी का भी निरीक्षण किया और स्टाफ से दवाओं की उपलब्धता के संबंध में पूछताछ की। उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी मरीज को दवा के अभाव में परेशानी नहीं होनी चाहिए।
रेडियोलॉजी विभाग में उपायुक्त ने जांच प्रक्रिया का अवलोकन किया। इस दौरान कुछ मरीजों ने जांच से संबंधित समस्या बताई, जिस पर उपायुक्त ने मौके पर ही सिविल सर्जन को मुफ्त रेडियोलॉजी जांच कराने का निर्देश दिया।
शौचालय की गंदगी पर नाराज हुए उपायुक्त
निरीक्षण के क्रम में जब उपायुक्त शौचालय क्षेत्र में पहुंचे तो वहां फैली दुर्गंध और गंदगी को देखकर उन्होंने गहरा असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल जैसी जगह पर स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को तत्काल सफाई कर सुधारात्मक कदम उठाने का आदेश दिया।
उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा: “अस्पताल की सफाई और रखरखाव में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर विभाग अपनी जिम्मेदारी तय करे।”
सिटी स्कैन यूनिट और बच्चा वार्ड का निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने सिटी स्कैन यूनिट का जायजा लिया और आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मरीजों को दी जा रही सेवाओं की जानकारी ली।
मरीजों ने बताया कि योजना के तहत उन्हें निःशुल्क और सहज उपचार मिल रहा है।
इसके बाद उपायुक्त बच्चा वार्ड पहुंचे और वहां की स्वच्छता, चिकित्सकीय उपस्थिति तथा मरीजों की सुविधा का निरीक्षण किया। उन्होंने नर्सों को प्रशिक्षण और सेवा की गुणवत्ता में सुधार के निर्देश दिए।
अस्पताल कैंटीन और भोजन की गुणवत्ता की समीक्षा
डीसी ने अस्पताल कैंटीन का निरीक्षण करते हुए बैठने की व्यवस्था, स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने कैंटीन संचालक को निर्देश दिया कि मरीजों और परिजनों को स्वच्छ, पौष्टिक और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिलना चाहिए।
उपायुक्त ने दिया सख्त निर्देश
निरीक्षण के बाद उपायुक्त ने सिविल सर्जन और अस्पताल प्रशासन को निर्देशित किया कि:
- मरीजों को समय पर उपचार मिले।
- अस्पताल परिसर में सफाई और उपकरणों की व्यवस्था बनी रहे।
- आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को पारदर्शी और सहज सेवाएं दी जाएं।
उन्होंने कहा कि “स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

न्यूज़ देखो: जिला प्रशासन की सक्रियता से सुधर रही स्वास्थ्य व्यवस्था
सदर अस्पताल रांची का यह औचक निरीक्षण दिखाता है कि जिला प्रशासन जनता की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सजग है। उपायुक्त द्वारा स्वच्छता और उपचार व्यवस्था पर दिया गया जोर प्रशासनिक जवाबदेही को मजबूत करता है। ऐसी पहलें न केवल चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाती हैं, बल्कि आम नागरिकों में विश्वास भी जगाती हैं।
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बेहतर स्वास्थ्य, जिम्मेदार प्रशासन
रांची प्रशासन का यह कदम एक संदेश देता है कि यदि व्यवस्था में ईमानदारी और निगरानी हो तो सार्वजनिक संस्थान भी उत्कृष्ट सेवा दे सकते हैं। अब समय है कि नागरिक भी स्वच्छता और अनुशासन के प्रति जिम्मेदार बनें।
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