
#चंदवा #दुर्घटना : एनएच-22 पर टायर ब्लास्ट में चालक की मौत, टोरी फाटक बंद रहने से एम्बुलेंस आधे घंटे फंसी रही
- चंदवा थाना क्षेत्र, एनएच-22 पर भूषाढ़ नदी के पास जोरदार टायर ब्लास्ट।
- चालक उमाशंकर सहाय, निवासी गोंदापुर, नवादा (बिहार) की मौत।
- पंचर दुकान संचालक परवेज आलम भी घायल, उसने तुरंत प्राथमिक उपचार कर एम्बुलेंस बुलाया।
- टोरी रेलवे फाटक बंद होने से एम्बुलेंस लगभग आधा घंटा फंसी, देरी से बढ़ी गंभीरता।
- स्थानीयों का आरोप—फाटक रोज देर तक बंद रहता है, आपात स्थितियों में बड़ी बाधा।
- ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग की।
शनिवार सुबह 10:30 बजे, चंदवा थाना क्षेत्र अंतर्गत एनएच-22 (रांची–चतरा मुख्य मार्ग) पर भूषाढ़ नदी के पास एक भयावह हादसा हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। गैस सिलेंडर से लदे ट्रक के पंचर टायर को ठीक करते समय अचानक हुए तेज धमाके ने 40 वर्षीय चालक उमाशंकर सहाय की जान ले ली। हादसा इतनी तेजी से हुआ कि स्थानीय लोग सन्न रह गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उमाशंकर सहाय पांकी दिशा की ओर जा रहे थे। रास्ते में टायर पंचर होने के बाद वे किसी तरह हवा भरवाकर चंदवा पहुंचे और स्थानीय पंचर दुकान संचालक परवेज आलम से टायर ठीक कराने लगे। परवेज ने पंचर टायर को खोलकर अलग कर दिया था। इसी दौरान चालक टायर को ढुलकाते हुए दुकान के सामने ला रहा था कि अचानक जोरदार धमाका हुआ और टायर फट गया।
भयंकर धमाके में चालक उछलकर गिरा, दुकान संचालक भी घायल
ब्लास्ट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि उमाशंकर सहाय हवा में उछलकर जोर से जमीन पर गिरे। उनका माथा बुरी तरह फट गया और वे गंभीर रूप से लहूलुहान हो गए। परवेज आलम भी हल्के रूप से घायल हो गया। उसने तत्काल गमछे से चालक का सिर बांधा, पास के निजी डॉक्टर से प्राथमिक उपचार करवाया और फिर एम्बुलेंस को कॉल किया।
दुकान संचालक परवेज आलम ने कहा: “हमने तुरंत मदद की कोशिश की, लेकिन एम्बुलेंस के देर से आने से स्थिति और खराब हो गई। समय पर पहुंच जाती, तो शायद जान बच जाती।”
सबसे बड़ी समस्या—एम्बुलेंस का देर से पहुंचना
हादसे के बाद वास्तविक संकट तब उत्पन्न हुआ जब एम्बुलेंस रास्ते में ही टोरी रेलवे फाटक बंद होने की वजह से लगभग आधा घंटा फंसी रही। इस देरी के दौरान गंभीर घायल चालक सड़क किनारे जिंदगी और मौत के बीच जूझता रहा।
फाटक खुलने के बाद ही एम्बुलेंस आगे बढ़ सकी और घायल को चंदवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन तब तक उनके जीवन को बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों ने पहुंचते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस जांच शुरू—स्थानीयों में रोष
घटना की सूचना पर चंदवा पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। क्षेत्र में हादसे को लेकर गहरी शोक और नाराजगी का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि एम्बुलेंस समय पर पहुंचती, तो स्थिति कुछ और हो सकती थी।
टोरी फाटक—हर दिन ग्रामीणों के लिए बाधा
स्थानीय लोगों ने बताया कि टोरी रेलवे फाटक लगभग रोज कई बार लंबे समय तक बंद रहता है। इससे—
- एक्सीडेंटल मरीजों को समय पर अस्पताल नहीं मिल पाता
- गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को भारी परेशानी
- स्कूल जाने वाले बच्चों को रोजाना देरी
- एम्बुलेंस और आपात वाहनों की आवाजाही पर गंभीर असर
ग्रामीणों ने कहा कि लंबे समय से इस समस्या की शिकायत की जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।
ग्रामीणों की मांग—फाटक समस्या का अविलंब समाधान
ग्रामीणों ने प्रशासन और रेलवे विभाग से मांग की है कि इस फाटक की समस्या पर तुरंत कार्रवाई हो। उनका कहना है कि एक ही समस्या के कारण दूसरे लोगों की जान खतरे में नहीं पड़ सकती।
इसके साथ ही उन्होंने दुर्घटना स्थल के आसपास सुरक्षित पंचर जोन, चेतावनी बोर्ड और नियमित एम्बुलेंस मार्ग अपडेट की भी मांग की है।
न्यूज़ देखो: अवरुद्ध फाटक—आपात व्यवस्था पर भारी बोझ
यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि उस बड़े सिस्टम की कमी को उजागर करती है जहाँ एम्बुलेंस जैसी जीवनरक्षक सेवा भी अवरोधों में फंस जाती है। रेलवे फाटक की समस्या वर्षों से ग्रामीणों की तकलीफ बढ़ा रही है। प्रशासन को चाहिए कि वैकल्पिक मार्ग, अंडरपास या नियंत्रित समय व्यवस्था बनाए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित राहें—सुरक्षित जीवन
आपात सेवाओं तक त्वरित पहुंच हर नागरिक का अधिकार है। जब सड़क, फाटक और प्रशासनिक व्यवस्था समय पर सहयोग करे, तभी हादसों में जानें बचाई जा सकती हैं। आप भी अपने क्षेत्र की समस्याओं को आवाज दें, जागरूक बनें और इस खबर को साझा कर प्रशासन तक मुद्दा पहुंचाएं। अपनी राय कमेंट में जरूर लिखें—क्या आपके इलाके में भी फाटक की ऐसी ही समस्या है?





