
#आरा #रेल_दुर्घटना : घने कोहरे में अनधिकृत स्थान से ट्रैक पार करते समय ट्रैक्टर की मेमू ट्रेन से टक्कर।
आरा–सासाराम मेमू पैसेंजर ट्रेन से आरा–गढ़हनी रेलखंड पर मंगलवार सुबह एक ट्रैक्टर की टक्कर हो गई। घने कोहरे में चालक द्वारा अनधिकृत स्थान से रेलवे ट्रैक पार करने का प्रयास इस घटना का कारण बना। लोको पायलट की सूझबूझ और आपात ब्रेक से यात्रियों की जान सुरक्षित रही। रेलवे प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर परिचालन बहाल किया और कानूनी प्रक्रिया शुरू की।
- ट्रेन संख्या 63369 आरा–सासाराम मेमू पैसेंजर से हुई टक्कर।
- घटना 23 दिसंबर 2025 सुबह 07:55 बजे आरा–गढ़हनी सेक्शन में।
- घना कोहरा और चालक की लापरवाही बनी मुख्य वजह।
- लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टला।
- 10:18 बजे परिचालन बहाल, रेलवे एक्ट में केस की तैयारी।
मंगलवार सुबह आरा–गढ़हनी रेलखंड पर एक गंभीर रेल दुर्घटना होते-होते टल गई, जब आरा–सासाराम मेमू पैसेंजर ट्रेन संख्या 63369 से एक ट्रैक्टर टकरा गया। घटना सुबह करीब 07:55 बजे की है, जब घने कोहरे के बीच ट्रैक्टर चालक ने लगातार दी जा रही ट्रेन की सीटी को नजरअंदाज करते हुए रेलवे ट्रैक पार करने का प्रयास किया। यह स्थान किसी भी प्रकार से अधिकृत समपार नहीं था।
घटना के समय ट्रेन आरा से सासाराम की ओर जा रही थी। अचानक सामने ट्रैक्टर आ जाने से लोको पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए आपात ब्रेक लगाया, जिससे बड़ा हादसा टल गया। ट्रेन में सवार यात्रियों में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बना, लेकिन स्थिति जल्द ही सामान्य हो गई।
घने कोहरे में लापरवाही बनी हादसे की वजह
रेलवे प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जिस स्थान पर ट्रैक्टर चालक ने ट्रैक पार करने का प्रयास किया, वह कभी भी अधिकृत रेलवे क्रॉसिंग नहीं रहा है। चालक ने ऊंचाई चढ़कर जबरन ट्रैक पार करने की कोशिश की, जिससे न केवल अपनी जान बल्कि ट्रेन में सवार सैकड़ों यात्रियों की जान भी जोखिम में डाल दी।
रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि चालक द्वारा यह कृत्य पूरी तरह अपराधपूर्ण है और इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार है। घने कोहरे के बावजूद ट्रेन द्वारा लगातार हॉर्न दिया जा रहा था, जिसे चालक ने अनदेखा किया।
लोको पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा
इस पूरी घटना में लोको पायलट की तत्परता और सूझबूझ अहम साबित हुई। जैसे ही ट्रैक्टर ट्रैक पर दिखाई दिया, लोको पायलट ने बिना देरी किए आपात ब्रेक लगाया। इससे ट्रेन की गति नियंत्रित हो गई और किसी बड़ी जनहानि से बचाव हो सका।
रेलवे प्रशासन ने लोको पायलट की इस सजगता की सराहना की है। अधिकारियों का कहना है कि यदि कुछ सेकेंड की भी देरी होती, तो गंभीर दुर्घटना हो सकती थी।
आरपीएफ और इंजीनियरिंग टीम की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे की इंजीनियरिंग टीम और आरपीएफ मौके पर पहुंची। ट्रैक पर फंसे ट्रैक्टर को हटाने का कार्य तुरंत शुरू किया गया। इंजीनियरिंग टीम की त्वरित कार्रवाई के चलते सुबह 10:18 बजे रेलवे ट्रैक को पूरी तरह साफ कर दिया गया और रेल परिचालन पुनः बहाल कर दिया गया।
आरपीएफ की तत्परता से ट्रैक्टर चालक और वाहन मालिक की पहचान कर ली गई है। फिलहाल चालक की तलाश जारी है और उसके विरुद्ध रेलवे एक्ट की सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
यात्रियों को नहीं हुई कोई बड़ी असुविधा
रेलवे प्रशासन ने बताया कि इस घटना के दौरान ट्रेन यात्रियों में स्थिति सामान्य बनी रही। कुछ समय के लिए ट्रेन को रोका गया था, लेकिन परिचालन बहाल होते ही यात्रियों को आगे की यात्रा के लिए रवाना कर दिया गया। किसी यात्री के घायल होने या किसी प्रकार की बड़ी असुविधा की सूचना नहीं है।
घटना के बाद संबंधित उच्च अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। मंडल मुख्यालय से लगातार घटनाक्रम की निगरानी की जा रही थी।
रेलवे प्रशासन की सख्त चेतावनी और अपील
रेलवे प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए आमजन से सख्त अपील की है कि रेलवे ट्रैक से हमेशा सुरक्षित दूरी बनाए रखें। पैदल या वाहन से ट्रैक पार करते समय केवल अधिकृत समपार फाटकों का ही उपयोग करें।
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि अनधिकृत स्थानों से ट्रैक पार करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि जानलेवा भी हो सकता है। खासकर कोहरे और कम दृश्यता की स्थिति में ऐसी लापरवाही बड़े हादसों को जन्म दे सकती है।
रेलवे प्रशासन ने कहा: “रेलवे ट्रैक पार करते समय सभी संकेतों, चेतावनियों और निर्देशों का पालन करें। आपकी थोड़ी सी लापरवाही कई जिंदगियों को खतरे में डाल सकती है।”
सुरक्षा नियमों की अनदेखी बन रही हादसों की वजह
हाल के दिनों में रेलवे ट्रैक पर अनधिकृत रूप से पार करने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जागरूकता की कमी और जल्दबाजी की मानसिकता ऐसे हादसों की बड़ी वजह बन रही है। रेलवे प्रशासन समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाता है, लेकिन इसके बावजूद नियमों की अनदेखी जारी है।
इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि रेलवे सुरक्षा नियमों का पालन करना कितना आवश्यक है। थोड़ी सी सावधानी से बड़ी दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
न्यूज़ देखो: लापरवाही बनाम सतर्कता
आरा–गढ़हनी रेलखंड की यह घटना लापरवाही और सतर्कता के फर्क को साफ दिखाती है। एक ओर चालक की गैरजिम्मेदाराना हरकत, तो दूसरी ओर लोको पायलट की सूझबूझ से सैकड़ों जानें सुरक्षित रहीं। अब देखना होगा कि दोषी के खिलाफ कितनी सख्त कार्रवाई होती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षा पहले, जल्दबाजी नहीं
रेलवे ट्रैक कोई सड़क नहीं, यह जानलेवा क्षेत्र हो सकता है।
नियमों का पालन करें, अधिकृत समपार का ही उपयोग करें।
इस खबर से सीख लें और दूसरों को भी जागरूक करें।
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