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जामताड़ा में “सैयारा” जैसी दर्दनाक घटना: पत्नी ने गुस्से में पति की चाकू मारकर हत्या की

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#जामताड़ा #हत्या : प्रेम विवाह के बाद भी नहीं थमी कलह, विवाद के बाद पत्नी ने पति की छाती पर चाकू घोंप दिया
  • प्रेम विवाह के बाद भी दांपत्य जीवन में कलह जारी।
  • रविवार रात पति-पत्नी के बीच फिर हुआ विवाद।
  • पत्नी ने गुस्से में पति की छाती पर चाकू मार दी
  • मौके पर ही पति महावीर की मौत हो गई।
  • पत्नी काजल देवी पति की लाश से लिपटकर रोती रही

जामताड़ा जिले के मिहिजाम इलाके में रविवार देर रात एक दिल दहला देने वाली वारदात हुई, जिसने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। बताया जा रहा है कि महावीर और काजल देवी का प्रेम विवाह हुआ था, लेकिन शादी के बाद भी दांपत्य जीवन में कलह लगातार बनी रही। रविवार रात विवाद इतना बढ़ गया कि गुस्से में काजल देवी ने चाकू उठाकर अपने पति महावीर की छाती पर वार कर दिया।

मौके पर मौत और सन्नाटा

चाकू लगते ही महावीर की वहीं मौत हो गई। घटना के बाद पूरे घर में चीख-पुकार और मातम का माहौल पसर गया। बताया जाता है कि हत्या करने के बाद खुद काजल देवी भी पति की लाश से लिपटकर रोने लगी। इस दर्दनाक दृश्य को देखकर आस-पड़ोस के लोग भी सन्न रह गए।

प्रेम विवाह से लेकर खून तक

स्थानीय लोगों ने बताया कि महावीर और काजल ने परिवार की मर्जी के खिलाफ प्रेम विवाह किया था। शुरुआत में दोनों का रिश्ता सामान्य रहा, लेकिन समय के साथ झगड़े और अविश्वास बढ़ते चले गए। आखिरकार यह कलह खून-खराबे में तब्दील हो गया।

इलाके में सनसनी और पुलिस की कार्रवाई

घटना की खबर मिलते ही मिहिजाम पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही काजल देवी से पूछताछ की जा रही है। इस वारदात से पूरा मिहिजाम और आसपास का इलाका सनसनी में है।

न्यूज़ देखो: रिश्तों में अविश्वास का खौफनाक अंजाम

यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि जब रिश्तों में विश्वास और संवाद खत्म हो जाता है, तो गुस्सा और अविश्वास रिश्तों को खून से लाल कर देता है। समाज को ऐसे मामलों से सीख लेकर वैवाहिक जीवन में संवाद और समझदारी को अहमियत देनी होगी।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

रिश्तों में संवाद ही है समाधान

यह घटना हमें चेतावनी देती है कि गुस्से और अविश्वास से समस्याओं का समाधान कभी नहीं हो सकता। रिश्तों को बचाने के लिए धैर्य, आपसी सम्मान और संवाद जरूरी है। अब समय है कि हम सब मिलकर परिवार और समाज में सकारात्मक सोच और विश्वास का माहौल बनाएं।
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Saroj Verma

दुमका/देवघर

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