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बिरनी पीएचसी में रूरल प्रैक्टिशनरों का प्रशिक्षण शिविर आयोजित—मलेरिया, डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों पर विस्तृत चर्चा

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#बिरनी #स्वास्थ्य_प्रशिक्षण : प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सभागार में रूरल प्राथमिक प्रैक्टिशनरों को वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम पर दिया गया प्रशिक्षण
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिरनी सभागार में रूरल प्रैक्टिशनरों का एकदिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित।
  • प्रशिक्षण प्रभारी स्वास्थ्य पदाधिकारी के पत्रांक 654 के आलोक में किया गया।
  • प्रशिक्षक संजीव कुमार ने मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, जे.ई., कालाजार सहित वेक्टर जनित रोगों पर विस्तृत जानकारी दी।
  • रोगों के कारण, प्रभाव व रोकथाम पर विशेष जोर।
  • शिविर में रंजीत कुमार, मो. महबूब आलम, मो. शहजाद अंसारी सहित दर्जनों प्रतिभागी शामिल हुए।

शनिवार को बिरनी प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सभागार में रूरल प्राथमिक प्रैक्टिशनरों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण प्रभारी स्वास्थ्य पदाधिकारी द्वारा जारी पत्रांक संख्या 654 के निर्देश पर आयोजित किया गया था। इसमें प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों से आए स्वास्थ्य प्रैक्टिशनरों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में वेक्टर जनित रोगों के बारे में सही जानकारी पहुंचाना और इनके प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रैक्टिशनरों को प्रशिक्षित करना था।

वेक्टर जनित रोगों पर विस्तृत प्रशिक्षण

शिविर में प्रशिक्षक संजीव कुमार ने मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस और कालाजार जैसे गंभीर वेक्टर जनित रोगों के कारण, लक्षण, प्रभाव और रोकथाम के तरीकों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि इन बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए समय पर पहचान, जागरूकता और सही उपचार अत्यंत जरूरी है।

रोकथाम और जागरूकता पर बल

प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि

  • साफ-सफाई,
  • मच्छर नियंत्रण,
  • जागरूकता अभियान,
  • और शुरुआती उपचार

वेक्टर जनित रोगों से बचाव के सबसे प्रभावी उपाय हैं। प्रैक्टिशनरों से कहा गया कि वे गांवों में इन बीमारियों को लेकर लोगों को जागरूक करें और संदिग्ध मरीजों को तुरंत स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुंचाने में सहयोग करें।

प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी

इस प्रशिक्षण शिविर में रंजीत कुमार, मो. महबूब आलम, मो. शहजाद अंसारी, राजेंद्र प्रसाद वर्मा, पवन कुमार, माणिक विश्वकर्मा, मुन्ना राणा, रंजीत कुमार यादव, एआर अंसारी, मो. अयूब अंसारी, भुनेश्वर प्रसाद शर्मा, युनुस अंसारी, अब्बास अंसारी, सुनील कुमार वर्मा, अनिल कुमार वर्मा, पिंटू कुमार, उमेश कुशवाहा सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

प्रतिभागियों ने प्रशिक्षक से कई सवाल पूछे और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अपने अनुभव साझा किए।

न्यूज़ देखो: ग्रामीण स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

यह प्रशिक्षण शिविर दिखाता है कि ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूती देने में रूरल प्रैक्टिशनरों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। वेक्टर जनित रोगों पर ऐसी कार्यशालाएँ न सिर्फ जागरूकता बढ़ाती हैं, बल्कि समय पर पहचान और उपचार सुनिश्चित करने में भी सहायक हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

स्वस्थ गांव, सुरक्षित भविष्य—जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव

अपने इलाके में वेक्टर जनित रोगों से बचाव के लिए साफ-सफाई पर ध्यान दें, पानी जमा न होने दें और मच्छरदानी का उपयोग करें। इस खबर को शेयर करें और कमेंट में बताएं—क्या आपके गांव में भी ऐसी प्रशिक्षण शिविरों की जरूरत महसूस होती है?

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Surendra Verma

डुमरी, गिरिडीह

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