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नव निर्मित सड़क के नीचे पानी से बना सुरंग, धंसने का खतरा बढ़ा, ग्रामीणों में आक्रोश

#छिपादोहर #सड़कनिर्माण : नावाडीह से लाभर तक बनी सड़क के नीचे पानी का सुरंग, किसी भी वक्त धंस सकती सड़क

छिपादोहर थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती पंचायत चुंगरू में दो साल पहले ग्राम नावाडीह से लाभर तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत करोड़ों की लागत से कालीकरण सड़क का निर्माण हुआ था। ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक द्वारा निर्माण कार्य में भारी अनियमितताएं की गईं। लोगों ने निर्माण के समय विरोध भी किया, लेकिन ठेकेदार ने किसी बात पर ध्यान नहीं दिया और घटिया सामग्री से सड़क का काम पूरा कर दिया। परिणामस्वरूप सड़क पर कई स्थानों पर दरारें आने लगीं।

निर्माण में लापरवाही और गंभीर खामियां

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण के समय पानी निकासी के लिए न तो कलभट (culvert) बनाया गया और न ही पुल का निर्माण हुआ। ऐसे में बारिश का पानी सीधे सड़क के नीचे से बहता रहा। हालात इतने खराब हो गए कि चुंगरू स्कूल के पास पानी के बहाव से सड़क के नीचे एक बड़ा सुरंग बन गया है। इस सुरंग से तेज़ी से पानी का बहाव हो रहा है, जिससे सड़क किसी भी वक्त धंस सकती है।

जान-माल के खतरे की आशंका

सड़क के नीचे सुरंग बनने और उसमें पानी के तेज़ बहाव से दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है। यदि समय रहते मरम्मत या सुरक्षा के उपाय नहीं किए गए तो सड़क धंस सकती है, जिससे जान-माल का गंभीर खतरा उत्पन्न होगा।

ग्रामीणों का आक्रोश और कार्रवाई की मांग

इस गंभीर स्थिति से नाराज़ ग्रामीणों ने उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता से जांच की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में अनियमितता के दोषी संवेदक और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

चुंगरू पंचायत के मुखिया बलदेव परहिया ने कहा: “निर्माण कार्य में लापरवाही के कारण यह खतरा उत्पन्न हुआ है। हम उपायुक्त से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं।”

ग्रामीणों में राजा ठाकुर, राजू परहिया, रूंकु प्रसाद, पंकज प्रसाद, पपु सिंह, पीतांबर यादव, संतोष मेहता, दशरथ राम और डॉ. महेंद्र प्रजापति समेत कई लोगों ने संयुक्त रूप से प्रशासन को शिकायत दर्ज कराई है।

न्यूज़ देखो: सड़क सुरक्षा पर प्रशासनिक लापरवाही का आईना

यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता और मानकों की अनदेखी ग्रामीण इलाकों को किस तरह जोखिम में डाल रही है। करोड़ों की लागत के बाद भी इस तरह की लापरवाही प्रशासन और संवेदकों की जवाबदेही पर सवाल खड़ा करती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सुरक्षित सड़कें, सुरक्षित सफर

अब वक्त है कि हम सभी ग्रामीण विकास योजनाओं में जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग करें। इस खबर को अपने दोस्तों और परिवार तक पहुंचाएं, अपनी राय कमेंट में साझा करें और सड़क सुरक्षा पर जनजागरण का हिस्सा बनें।

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