Simdega

संविधान दिवस पर सरडेगा में गूंजा गर्व का स्वरसरस्वती शिशु विद्या मंदिर में बच्चों ने उत्साहपूर्वक पढ़ी संविधान की प्रस्तावना

Join News देखो WhatsApp Channel
#सिमडेगा #संविधान_दिवस : विद्यालय में प्रस्तावना वाचन, अधिकार–कर्तव्य और संविधान निर्माण पर छात्रों को दी गई जानकारी
  • सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, सरडेगा सिमडेगा में संविधान दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया।
  • विद्यालय का संचालन श्री हरि वनवासी विकास समिति, झारखंड द्वारा किया जाता है।
  • कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता, ओउम और सरस्वती माता वंदना से की गई।
  • बच्चों ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया।
  • प्रधानाचार्य जितेंद्र कुमार पाठक समेत आचार्यों और छात्रों ने संविधान दिवस का महत्व बताया।
  • विद्यार्थियों को संविधान निर्माण, मौलिक अधिकार और कर्तव्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

संविधान दिवस के अवसर पर पूरे विद्यालय में देशभक्ति और जिम्मेदारी की भावना स्पष्ट रूप से झलकती दिखी। सरदेगा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में बच्चे, आचार्य-आचार्याएं और प्रधानाचार्य ने मिलकर संविधान के प्रति सम्मान जताते हुए राष्ट्र की लोकतांत्रिक विरासत का स्मरण किया। प्रस्तावना वाचन के दौरान विद्यार्थियों की आवाज में छिपा गर्व विद्यालय परिसर को ऊर्जावान बना रहा। संविधान दिवस का यह आयोजन केवल एक औपचारिक दिन नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति जागरूक करने का महत्वपूर्ण माध्यम बना।

विद्यालय में संविधान का सामूहिक वाचन

कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता, ओउम और सरस्वती माता की वंदना से हुई, जिसके बाद विद्यार्थियों ने गर्वपूर्वक भारतीय संविधान की प्रस्तावना को एक स्वर में पढ़ा।
इस सामूहिक वाचन के दौरान बच्चों की आवाज़ में जो उत्साह नजर आया, उसने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया।

प्रधानाचार्य जितेंद्र कुमार पाठक ने कहा: “संविधान को जानना और उसे जीवन में उतारना हर नागरिक का दायित्व है।”

उन्होंने बच्चों को संविधान की प्रस्तावना से मिली मूल भावना को दैनिक जीवन में अपनाने का आग्रह किया।

मौलिक अधिकार, कर्तव्यों और संविधान निर्माण पर चर्चा

आचार्यों ने संविधान दिवस का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, संविधान सभा के प्रयास और संविधान निर्माण की कठिन प्रक्रिया को समझाया।
विद्यार्थियों को बताया गया कि किस प्रकार देश की विविधता, एकता और लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान तैयार किया गया।

बच्चों को संविधान सभा के प्रमुख तथ्य, मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्यों के बारे में व्यावहारिक उदाहरणों के साथ जानकारी दी गई। विद्यार्थियों ने चर्चा के माध्यम से एक नागरिक के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को समझा और उन्हें निभाने के संकल्प व्यक्त किए।

देशभक्ति के नारों के साथ कार्यक्रम का समापन

संविधान दिवस कार्यक्रम का समापन पूरे विद्यालय परिसर में गूंजते नारों— “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम”—के साथ हुआ।
इस उत्साहपूर्ण घोष ने बच्चों में राष्ट्रभावना और संविधान के प्रति सम्मान को और प्रबल किया।

न्यूज़ देखो: संविधान की शक्ति, नागरिकों की जिम्मेदारी

यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिक दिवस का आयोजन नहीं था, बल्कि बच्चों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की वास्तविक समझ देने वाला सशक्त प्रयास था। यह स्पष्ट संदेश देता है कि संविधान का सम्मान केवल पढ़ने से नहीं, बल्कि उसे जीवन में अपनाने से होता है। ऐसे शैक्षिक आयोजन हमारे लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करते हैं और भावी पीढ़ी को जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

लोकतंत्र के प्रहरी बनें, जागरूक नागरिकता निभाएं

संविधान हमें अधिकार देता है, लेकिन वही हमें कर्तव्य निभाने की प्रेरणा भी देता है। आज के कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को समझाया कि नागरिक होना केवल अधिकार पाना नहीं, बल्कि देश के प्रति जिम्मेदारी निभाना भी है।
आइए, हम सभी संविधान की मूल भावना को पहचानें—समानता, न्याय, स्वतंत्रता और बंधुत्व—और इन्हें अपने जीवन में मजबूत आधार बनाएं।

आप संविधान की किस बात को सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं?
अपनी राय कमेंट में लिखें, समाचार साझा करें और जागरूकता फैलाकर लोकतंत्र को और मजबूत बनाएं।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20251017-WA0018
1000264265
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250925-WA0154
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Birendra Tiwari

सिमडेगा

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Check Also
Close
Back to top button
error: