Dumka

बासुकीनाथ धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, 9 दिनों में लाखों श्रद्धालुओं ने किया जलार्पण

Join News देखो WhatsApp Channel
#बासुकीनाथ #श्रावणीमेला : श्रद्धालुओं के जयकारों से गूंज उठा धाम — प्रशासन की व्यवस्था रही चाक-चौबंद
  • श्रावणी मेला 2025 के 9 दिन हुए सफलतापूर्वक पूर्ण
  • लाखों श्रद्धालुओं ने बासुकीनाथ पहुंचकर बाबा को जल अर्पित किया।
  • प्रशासन ने की व्यापक तैयारियाँ — चिकित्सा, पेयजल, सुरक्षा, यातायात सभी व्यवस्था चुस्त।
  • मंदिर परिसर में गूंजते रहे हर हर महादेव के जयकारे।
  • भक्तों की भीड़ से गुलजार हुआ स्थानीय बाज़ार — प्रसाद व पूजा सामग्री की खूब हुई बिक्री।
  • रातभर यात्रा कर भक्त सुबह बाबा पर जल चढ़ाने पहुँचते रहे

9 दिनों में उमड़ा करोड़ों श्रद्धा का सैलाब

श्रावणी मेला 2025 के प्रथम 9 दिन आस्था, अनुशासन और भक्ति से सराबोर रहे। देशभर से आए श्रद्धालुओं ने बासुकीनाथ धाम पहुँचकर कठिन कांवड़ यात्रा पूरी कर बाबा बासुकीनाथ को गंगाजल अर्पित किया। हर हर महादेव, बोल बम के जयघोष से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा।

प्रशासन की तैयारी से भक्तों को नहीं हुई परेशानी

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा से लेकर चिकित्सा तक की मुकम्मल व्यवस्था की गई थी। शौचालय, पेयजल, चिकित्सा केंद्र, खोया-पाया केंद्र, यातायात नियंत्रण जैसे तमाम जरूरी इंतजाम मौजूद रहे।

उपायुक्त डॉ. अनिल कुमार ने कहा: “हमने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूरे मेला क्षेत्र में चौबीसों घंटे निगरानी और व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।”

दिन-रात चलते रहे दर्शन, श्रद्धा से बंधा अनुशासन

भक्तों का जत्था दिन-रात बिना रुके बासुकीनाथ मंदिर पहुँचता रहा। कई श्रद्धालु रातभर सफर कर सुबह मंदिर पहुँचे और कांवरियों की कतार में लगकर बाबा पर जल चढ़ाया। मेला क्षेत्र में केसरिया वस्त्रधारी भक्तों की मौजूदगी ने आध्यात्मिक वातावरण को और भी रंगीन कर दिया।

स्थानीय बाजारों में भी दिखी रौनक

धाम की यात्रा सिर्फ आस्था तक सीमित नहीं रही। भक्तों ने स्थानीय बाजारों में प्रसाद, पूजा सामग्री, भस्म, माला, भजन CD, और चित्रों की खरीदारी भी की। दुकानों पर भारी भीड़ दिखी और व्यापारी भी इस धार्मिक उत्सव से उत्साहित नजर आए।

दुकानदार रंजीत शर्मा ने बताया: “श्रावणी मेला में बिक्री दोगुनी हो जाती है। इस साल भी बाबा की कृपा से व्यापार अच्छा हो रहा है।”

श्रद्धा, सेवा और संकल्प का अनूठा संगम

श्रावणी मेला सिर्फ धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि सेवा और सहयोग का भी उदाहरण बना। स्वयंसेवी संगठनों ने भोजन, मेडिकल सहायता और जल वितरण जैसी सेवाएं दीं। बाबा के दर्शन के साथ ही श्रद्धालु वर्ष 2026 में पुनः आने का संकल्प लेते हुए लौटते दिखे।

न्यूज़ देखो: भक्ति, व्यवस्था और संस्कृति का समन्वय

श्रावणी मेला 2025 का पहला चरण यह साबित करता है कि आस्था और प्रशासनिक सजगता मिलकर एक आदर्श आयोजन बना सकती है। बासुकीनाथ धाम में हर वर्ष की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं का विश्वास, प्रशासन की तत्परता और समाज की भागीदारी ने इस उत्सव को सफल और ऐतिहासिक बना दिया।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजग नागरिक बनें, श्रद्धा में शामिल हों

बाबा बासुकीनाथ की भक्ति से ओतप्रोत इस आयोजन में शामिल हर व्यक्ति सामाजिक सौहार्द, अनुशासन और सेवा भावना का प्रतीक बना। आप भी श्रद्धा और व्यवस्था की इस मिसाल को दूसरों से साझा करें —
कमेंट करें, पोस्ट शेयर करें और दोस्तों के साथ जरूर बाँटें।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20251017-WA0018
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250925-WA0154
1000264265
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Saroj Verma

दुमका/देवघर

Related News

Back to top button
error: