
#Ranchi #Sawan #BolBam : शिवभक्ति के रंग में रंगी राजधानी — पहाड़ी मंदिर में भक्तों का सैलाब
- सावन की अंतिम सोमवारी पर रांची समेत पूरे झारखंड में भारी भीड़ उमड़ी।
- पहाड़ी मंदिर में सुबह 7:30 बजे तक 50 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे।
- प्रशासन और मंदिर समिति ने भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष तैयारी की।
- मंदिर परिसर को CCTV कैमरों से लैस किया गया, हर मोड़ पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहे।
- अन्य प्रमुख शिवालयों में भी भक्ति और सुरक्षा का सुंदर संगम दिखा।
- भक्तों ने मनोकामनाओं के साथ जलार्पण किया, रुद्राभिषेक और भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ।
पहाड़ी मंदिर में शिवभक्ति का अद्भुत नजारा
रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में सावन की अंतिम सोमवारी पर भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। सुबह से ही भोलेनाथ के जयघोष के साथ श्रद्धालु जल लेकर मंदिर पहुंचे। पहाड़ी मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार, इस बार सावन में चार लाख से अधिक श्रद्धालु जलार्पण कर चुके हैं। केवल अंतिम सोमवारी पर ही शाम तक दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
भीड़ नियंत्रण के लिए सख्त इंतजाम
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर समिति और जिला प्रशासन ने इस वर्ष विशेष तैयारियां कीं। आने और लौटने के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए। पहाड़ी पर चढ़ाई और उतराई के लिए अलग सीढ़ियां बनाई गईं ताकि अव्यवस्था न हो। पूरा मंदिर परिसर CCTV कैमरों से कवर किया गया और कंट्रोल रूम से निगरानी की गई। प्रवेश और निकासी मार्गों पर बैरिकेडिंग की गई और भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक रही।
सुरक्षा में तैनात रहे जवान और स्वयंसेवक
हर मोर्चे पर सुरक्षाकर्मी और वॉलिंटियर्स सक्रिय दिखे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, झारखंड पुलिस और पूजा समिति के सदस्य श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे रहे। दिशा-निर्देश देने, भीड़ नियंत्रित करने और जरूरतमंदों की सहायता के लिए जगह-जगह वॉलिंटियर्स मौजूद थे। स्वच्छता और स्वास्थ्य को लेकर भी प्रशासन अलर्ट रहा। जलपान केंद्र, प्राथमिक उपचार शिविर और मोबाइल मेडिकल टीम लगातार सक्रिय रही।
रांची के अन्य शिवालयों में भी दिखी श्रद्धा
सिर्फ पहाड़ी मंदिर ही नहीं, बल्कि रांची के सुरेश्वर धाम चुटिया, इक्कीसो शिवधाम, पंचमुखी मंदिर हटिया, धुर्वा मंदिर, डोरंडा शिवालय समेत कई मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें लगीं। सुरक्षा और स्वच्छता के इंतजाम हर जगह बेहतर नजर आए। पुलिस बल और विशेष सुरक्षा दल की मौजूदगी ने श्रद्धालुओं को भरोसा दिया।
आस्था, विश्वास और मनोकामनाओं का संगम
भक्तों ने भगवान शिव को जल, बेलपत्र, दूध, धतूरा, भांग और अक्षत अर्पित किया। कहीं रुद्राभिषेक, तो कहीं भजन-कीर्तन से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा। हर चेहरे पर आस्था, हर मन में उम्मीद दिखी। कोई नौकरी, कोई स्वास्थ्य तो कोई संतान सुख की कामना लेकर भगवान भोलेनाथ के चरणों में नतमस्तक हुआ। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि सावन की अंतिम सोमवारी पर सच्चे मन से जल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
न्यूज़ देखो: भक्ति और व्यवस्था का संगम
सावन की अंतिम सोमवारी ने यह साबित कर दिया कि व्यवस्था और आस्था साथ चल सकती हैं। रांची प्रशासन और मंदिर समिति ने जिस प्रकार श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखा, वह अनुकरणीय है। ऐसी व्यवस्था से न केवल श्रद्धालु संतुष्ट होते हैं, बल्कि धार्मिक आयोजनों की गरिमा भी बनी रहती है।
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शिवभक्ति बनी रहे और समाज सजग हो
सावन समाप्त हो गया, लेकिन भगवान शिव की भक्ति और उनसे जुड़ी सकारात्मक ऊर्जा पूरे वर्ष हमारे मन में बनी रहनी चाहिए। त्योहार केवल परंपरा नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और सजग नागरिकता का प्रतीक हैं। आप अपनी राय हमें कमेंट में बताएं, इस खबर को शेयर करें और अपने दोस्तों व परिवार तक जरूर पहुंचाएं।