
#लातेहार #वन्यजीवघटना : महुआडांड़ प्रखंड के सोहरपाठ गांव में झुंड से बिछड़ा हाथी पहुंचा, घर में घुसकर मचाई तोड़फोड़
- महुआडांड़ प्रखंड के चापीपाठ गांव के रास्ते एक जंगली हाथी झुंड से बिछड़कर सोहरपाठ गांव पहुंच गया।
- हाथी ने ग्रामीण विपिन टोप्पो के घर में घुसकर नुकसान पहुंचाया।
- घटना से गांव में अफरा-तफरी और दहशत का माहौल बन गया।
- सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और हाथी को जंगल की ओर भगाने का प्रयास किया जा रहा है।
- ग्रामीणों ने बताया कि हाथी गुमला जिले के बांसटोली गांव के झुंड से अलग होकर यहां पहुंचा है।
लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में एक जंगली हाथी के गांव में घुसने से अफरा-तफरी मच गई। चापीपाठ गांव के रास्ते से होकर आया यह हाथी अपने झुंड से बिछड़कर सोहरपाठ गांव पहुंच गया, जहां उसने ग्रामीण विपिन टोप्पो के घर में घुसकर तोड़फोड़ कर दी।
ग्रामीणों में दहशत, बच्चे और महिलाएं घरों में बंद
ग्रामीणों के अनुसार, हाथी के गांव में प्रवेश करते ही लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। बच्चे और महिलाएं घरों में बंद होकर भगवान से सुरक्षा की प्रार्थना करते रहे। बताया गया कि हाथी ने घर की दीवार और बाड़ को तोड़ दिया, लेकिन किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
ग्रामीण विपिन टोप्पो ने बताया: “रात के करीब तीन बजे आवाज सुनकर हम बाहर निकले तो देखा हाथी घर की दीवार तोड़ रहा था। किसी तरह परिवार को सुरक्षित निकालकर पास के खेत की ओर भागे।”
वन विभाग की टीम ने किया रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू
सूचना मिलते ही महुआडांड़ रेंज के वन विभाग कर्मी और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। टीम ने ग्रामीणों की मदद से हाथी को जंगल की ओर वापस भेजने का प्रयास शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि हाथी संभवतः गुमला जिले के बांसटोली क्षेत्र के झुंड से अलग होकर भटकते हुए यहां तक पहुंच गया है।
वन क्षेत्र पदाधिकारी ने कहा: “टीम लगातार निगरानी कर रही है। हाथी को सुरक्षित रूप से जंगल की ओर भेजने की पूरी कोशिश की जा रही है। ग्रामीणों से अपील है कि वे हाथी के पास न जाएं और सतर्क रहें।”
लगातार बढ़ रही हाथियों की आवाजाही से चिंता
पिछले कुछ महीनों से लातेहार और गुमला जिले में जंगली हाथियों की आवाजाही बढ़ी है। फसल कटाई के मौसम में हाथी अक्सर गांवों की ओर चले आते हैं। इससे लोगों की जान-माल का खतरा बढ़ गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शिकायत के बावजूद स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। उन्होंने वन विभाग से गश्ती दल की संख्या बढ़ाने और अलर्ट सिस्टम मजबूत करने की मांग की है।
वन विभाग की चेतावनी और अपील
वन विभाग ने घटना के बाद एक सार्वजनिक अपील जारी करते हुए ग्रामीणों से सावधानी बरतने को कहा है। विभाग ने बताया कि अगर हाथी फिर से गांव की ओर बढ़े तो तुरंत वन रेंज कार्यालय को सूचित करें।
साथ ही कहा गया कि ग्रामीण किसी भी स्थिति में हाथी को भगाने या डराने की कोशिश न करें, क्योंकि इससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
न्यूज़ देखो: मानव-वन्यजीव संघर्ष का बढ़ता खतरा
महुआडांड़ की यह घटना बताती है कि जंगलों से सटे गांवों में हाथियों का भटकाव और मानव-वन्यजीव संघर्ष अब एक गंभीर समस्या बन चुकी है। जरूरत है कि वन विभाग, प्रशासन और ग्रामीण मिलकर स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाएं। वन गलियारों की सुरक्षा, अलर्ट सिस्टम और ग्रामीण प्रशिक्षण अब प्राथमिकता बननी चाहिए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग रहें, सुरक्षित रहें — प्रकृति से संतुलन बनाना जरूरी
वन्यजीवों की सुरक्षा और ग्रामीणों की सुरक्षा, दोनों एक ही पारिस्थितिकी तंत्र के हिस्से हैं। अगर हम सजग और संगठित रहें, तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
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