
#पलामू #महिला_आत्महत्या : महुगंवा गांव में दुपट्टे से फांसी लगाकर विवाहिता ने की आत्महत्या — जांच जारी
- महुगंवा गांव की रहने वाली 27 वर्षीय सोनी कुमारी ने लगाई फांसी
- पति का नाम एकवन सोनी, मौके पर परिजनों ने दी पुलिस को सूचना
- दुपट्टे का फंदा बनाकर घर में ही आत्महत्या की घटना
- पाण्डु थाना पुलिस कर रही है अग्रिम जांच और कानूनी कार्रवाई
- शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीनगर भेजा गया
सुबह घर में मिला शव, परिवार में मचा कोहराम
पलामू जिला के पाण्डु प्रखंड अंतर्गत ग्राम महुगंवा से एक दुखद समाचार सामने आया है। यहां की विवाहिता सोनी कुमारी (उम्र 27 वर्ष) ने दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
सुबह लगभग 9 बजे परिजनों ने जब घर में उसे फंदे से लटका देखा, तो घटना की जानकारी तुरंत पाण्डु थाना पुलिस को दी गई।
घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को फंदे से नीचे उतारकर कब्जे में लिया।
आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं, जांच में जुटी पुलिस
फिलहाल सोनी कुमारी द्वारा आत्महत्या किए जाने की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है।
पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया है और परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
पुलिस के अनुसार हर पहलू की गहराई से जांच की जा रही है, जिससे यह तय किया जा सके कि यह आत्महत्या थी या किसी तरह का दबाव या उत्पीड़न इसके पीछे था।
थाना प्रभारी बिगेश कुमार राय ने कहा: “मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मृत्यु के कारणों की पूरी पुष्टि हो सकेगी।”
ग्रामीणों में भी शोक और चिंता
घटना के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है।
सोनी कुमारी के आत्मघाती कदम को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं।
गांव की महिलाओं ने कहा कि ऐसे मामलों में परिवारिक तनाव, घरेलू हिंसा या मानसिक दबाव बड़ी वजहें हो सकती हैं, जिनकी समय रहते पहचान और समाधान ज़रूरी है।
न्यूज़ देखो: आत्महत्या जैसे मुद्दों पर संवेदनशीलता ज़रूरी
‘न्यूज़ देखो‘ मानता है कि आत्महत्या जैसे मामलों को केवल एक घटना नहीं, एक सामाजिक चेतावनी के रूप में देखना चाहिए।
इस मामले में भी कई सवाल हैं जिनका जवाब प्रशासन और समाज दोनों को मिलकर तलाशना होगा।
आत्महत्या की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि कहीं न कहीं समाजिक तंत्र, संवाद और सपोर्ट सिस्टम की कमी है।
हम मांग करते हैं कि पुलिस गहन जांच कर सच सामने लाए और यदि किसी का उत्पीड़न इसमें शामिल हो, तो कड़ी कार्रवाई की जाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बात करें, साथ दें — ताकि कोई और जान न गंवाए
यदि आपके आसपास कोई मानसिक तनाव से गुजर रहा है, तो उसकी बात सुने, उसे समझें और सहायता करें।
एक संवाद, एक सहारा किसी की जान बचा सकता है।
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