Garhwa

सर्पदंश के बाद झाड़-फूंक में उलझी महिला की गई जान, प्रशासन की चेतावनी के बावजूद नहीं थम रहा अंधविश्वास

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#विशुनपुरा : पिपरकला में झाड़-फूंक के चक्कर में महिला की मौत — थाना प्रभारी ने की अस्पताल जाने की अपील
  • 50 वर्षीय फूलबसिया देवी की सर्पदंश के बाद मौत
  • अस्पताल ले जाने के बजाय पूरी रात झाड़-फूंक में फंसे रहे परिजन।
  • विशुनपुरा थाना प्रभारी राहुल सिंह ने दी सावधानी बरतने की अपील
  • श्रावण-भादो में विषैले जीवों से खतरे को लेकर किया आगाह।
  • डायल 112 या मोबाइल नंबर 6388600257 पर आपात संपर्क की सलाह।

अंधविश्वास ने छीनी जिंदगी, समय पर इलाज नहीं मिलने से महिला की मौत

गढ़वा जिले के विशुनपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पिपरकला अंबेडकर नगर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां झाड़-फूंक के अंधविश्वास के चलते एक महिला की जान चली गई। मंगलवार सुबह 50 वर्षीय फूलबसिया देवी, पति भोला राम को सोमवार की शाम तकरीबन 3 बजे सांप ने काट लिया। लेकिन इसके बाद जो होना चाहिए था, वह नहीं हुआ। अस्पताल ले जाने की जगह परिजनों ने महिला को झाड़-फूंक वाले के पास ले जाना बेहतर समझा, जिससे उनकी हालत बिगड़ती चली गई और आज मंगलवार को सुबह 8 बजे उनकी मौत हो गई।

स्थानीय लोगों के अनुसार, अगर समय पर मेडिकल ट्रीटमेंट मिल जाता, तो शायद महिला की जान बचाई जा सकती थी। लेकिन अंधविश्वास और अशिक्षा ने एक और जान ले ली

पुलिस पहुंची घटनास्थल पर, शव का कराया पोस्टमार्टम

घटना की सूचना मिलते ही विशुनपुरा थाना प्रभारी राहुल सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कराई। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार बांकी नदी किनारे किया गया। इस दर्दनाक हादसे के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

थाना प्रभारी राहुल सिंह ने कहा: “श्रावण-भादो में सांप और विषैले जीवों की गतिविधि बढ़ जाती है। अगर सर्पदंश होता है, तो झाड़-फूंक में समय गंवाने की बजाय तुरंत अस्पताल जाएं। समय पर एंटी वेनम दवा से जान बच सकती है।”

अंधविश्वास के खिलाफ प्रशासन की अपील

थाना प्रभारी ने लोगों से साफ शब्दों में अपील की कि किसी भी विषैले जीव के काटने की घटना को हल्के में न लें। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में प्राथमिक उपचार और समय पर अस्पताल ले जाना ही एकमात्र सुरक्षित विकल्प है। डायल 112 या सीधे मोबाइल नंबर 6388600257 पर संपर्क कर त्वरित सहायता प्राप्त की जा सकती है।

ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी अब भी जानलेवा साबित हो रही है। प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी और अभियान चलाने के बावजूद लोग झाड़-फूंक और ओझा-सोखा पर भरोसा करते हैं, जिससे कई बार जीवन खत्म हो जाता है।

सामाजिक जागरूकता जरूरी, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच भी चुनौती

यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज के सामने एक चेतावनी है। यह सवाल फिर से उठता है कि आज के दौर में भी झाड़-फूंक क्यों प्रभावी है? क्या सरकारी जागरूकता अभियान पर्याप्त हैं? या फिर स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों की पहुंच से बाहर हैं? इन प्रश्नों पर विचार करना ज़रूरी है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

न्यूज़ देखो: अंधविश्वास से लड़ना होगा, जान बचानी होगी

फूलबसिया देवी की मृत्यु एक चेतावनी है कि अंधविश्वास अब भी जान ले सकता है। न्यूज़ देखो यह मानता है कि प्रशासन की चेतावनियां तब तक प्रभावी नहीं हो सकतीं जब तक सामुदायिक जागरूकता और जिम्मेदार व्यवहार नहीं अपनाया जाए। अब समय है कि हम सब मिलकर जानलेवा विश्वासों के खिलाफ खड़े हों। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

सजगता से ही बचेगी जान, जानकारी से बनेगा सुरक्षित समाज

अंधविश्वास का मुकाबला ज्ञान, स्वास्थ्य जागरूकता और सही निर्णय से ही संभव है। आइए इस खबर को अधिक से अधिक साझा करें, अपने गांव-समाज में चेतना फैलाएं और इस पर अपने विचार कमेंट करें। किसी की जान बचाना सबसे बड़ा पुण्य है।

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Rajkumar Singh (Raju)

विशुनपुरा, गढ़वा

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