
#लातेहार #वज्रपातसेमौत : चकला गांव की महिला की मौत से परिवार में फिर टूटा दुखों का पहाड़ — 13 साल पहले भी खेत में वज्रपात से गई थी पति और बेटे की जान।
- चकला गांव की महिला की वज्रपात से मौत, घटना चंदवा प्रखंड की
- 13 साल पहले महिला के पति और बेटे की भी वज्रपात से हुई थी मृत्यु
- महिला विश्व जनसंख्या दिवस कार्यक्रम में भाग लेकर लौट रही थी
- बोदा गांव में कुएं में गिरने से सुनील बड़ाइक के बेटे की हुई मौत
- दोनों मामलों में शव को सीएचसी चंदवा लाया गया, डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
वज्रपात की चपेट में आने से महिला की दर्दनाक मौत
लातेहार जिला के चंदवा प्रखंड अंतर्गत चकला गांव (पुरना टोली) की एक महिला की वज्रपात की चपेट में आकर मौत हो गई। यह घटना शुक्रवार दोपहर लगभग 3:30 बजे की है, जब वह चंदवा सीएचसी में आयोजित विश्व जनसंख्या दिवस कार्यक्रम में भाग लेकर घर लौट रही थी।
रास्ते में अचानक मौसम बिगड़ गया और तेज गर्जना के साथ आकाशीय बिजली गिरी। महिला वहीं वज्रपात की चपेट में आ गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। साथ चल रहे सहयोगियों ने उसे तत्काल चंदवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
13 साल पहले भी वज्रपात ने छीना था पति और बेटा
इस घटना को और भी हृदयविदारक बनाता है यह तथ्य कि करीब 13 वर्ष पहले इसी महिला के पति और पुत्र की भी वज्रपात से मौत हो गई थी। उस समय दोनों खेत में कार्य कर रहे थे, जब अचानक आकाशीय बिजली गिरने से उनकी जान चली गई थी। अब परिवार की एकमात्र महिला सदस्य की भी ठीक वैसे ही मौत हो गई, जिससे गांव और परिवार में शोक की लहर है।
ग्रामवासियों ने बताया कि यह परिवार वज्रपात से पहले ही दो बड़ी हानि झेल चुका था, और अब तीसरी मौत ने उन्हें पूरी तरह तोड़ दिया है।
दूसरी घटना: कुएं में गिरने से मासूम की जान गई
चंदवा प्रखंड के ही बोदा ग्राम में एक और दुखद घटना घटी, जब सुनील बड़ाइक का 10 वर्षीय बेटा प्रकाश बड़ाइक अचानक कुएं में गिर गया। घटना के वक्त घर में कोई नहीं था, जिससे उसे समय पर मदद नहीं मिल पाई। जब परिवार वालों को पता चला, तब तक काफी देर हो चुकी थी।
परिजनों ने उसे जल्दबाजी में कुएं से निकालकर चंदवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है।
एक ग्रामीण ने बताया: “यह हफ्ता चंदवा क्षेत्र के लिए बेहद मनहूस रहा है। लगातार हो रही मौतों से पूरा इलाका शोकग्रस्त है।”
न्यूज़ देखो: वज्रपात से लगातार हो रही मौतें, ज़मीनी चेतावनी की ज़रूरत
‘न्यूज़ देखो’ बार-बार इस बात को रेखांकित करता रहा है कि झारखंड में वज्रपात एक गंभीर मौसमी आपदा बन चुका है, जिससे हर साल कई लोगों की जान जाती है। इसके लिए पूर्व चेतावनी तंत्र, ग्रामीणों के बीच जागरूकता, और सुरक्षित आश्रय स्थलों की व्यवस्था समय की मांग है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सजग नागरिकता से बच सकती हैं जानें
इस खबर को अपने गांव, टोले, और मोहल्लों तक पहुंचाएं। वज्रपात के समय खुले स्थानों से बचना, पेड़ के नीचे शरण न लेना और घर के अंदर रहना जैसी सामान्य सावधानियां कई ज़िंदगियां बचा सकती हैं।
आपकी एक साझा की गई जानकारी किसी की जान बचा सकती है।