#गिरिडीह #जैनधार्मिकअनुष्ठान – झारखंड अल्पसंख्यक आयोग उपाध्यक्ष ज्योति सिंह मथारू ने मधुबन पहुंचकर तीर्थस्थल की शांति और संस्कृति को बताया प्रेरणादायक
- साध्वी आर्यिका स्वस्तिमती माता जी के 101वें अवतरण दिवस पर तीन दिवसीय धार्मिक विधान का आयोजन
- झारखंड अल्पसंख्यक आयोग उपाध्यक्ष ज्योति सिंह मथारू ने जैन मंदिरों का दर्शन कर साध्वी को श्रद्धांजलि अर्पित की
- जैन-अजैन विवादों पर मथारू की दो टूक – “ऐसे विवाद राजनीति का हिस्सा हैं, जनता ध्यान न दे”
- धार्मिक कार्यक्रम में प्रवक्ता कमल ठाकुर, अजय जैन, प्रभात सेठी समेत कई गणमान्य व्यक्ति हुए शामिल
- मास-मदिरा निषेध पर बोले – “समाज में धीरे-धीरे सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है”
- आयोजन में देशभर से जुटे श्रद्धालु, धार्मिक वातावरण में उत्साह और आस्था का माहौल
जैन समाज की आध्यात्मिक विरासत को सलाम
झारखंड के प्रसिद्ध जैन तीर्थ मधुबन में तीन दिवसीय धार्मिक आयोजन के तहत साध्वी आर्यिका स्वस्तिमती माता जी के 101वें अवतरण दिवस का आयोजन श्रद्धा और भक्ति के माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर हजारों श्रद्धालु मधुबन पहुंचे और गणधर वलय विधान जैसे विशेष अनुष्ठानों में भाग लिया।
झारखंड अल्पसंख्यक आयोग की उपस्थिति और संदेश
इस आयोजन की विशेषता रही अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष ज्योति सिंह मथारू की उपस्थिति, जिन्होंने जैन समाज के योगदान की सराहना की। उन्होंने मधुबन गेस्ट हाउस में एक संक्षिप्त बैठक के साथ मंदिरों का दर्शन किया और धार्मिक वातावरण में सम्मिलित हुए।
“जैन तीर्थ की महिमा अपरंपार है। हमारा प्रयास है कि अल्पसंख्यकों को सम्मान और सुरक्षा मिले। ऐसे आयोजन सामाजिक एकता को मजबूत करते हैं,” — ज्योति सिंह मथारू
धार्मिक सौहार्द्र के पक्ष में स्पष्ट संदेश
अक्सर जैन तीर्थस्थलों पर उभरते विवादों को लेकर उन्होंने कहा:
“जो लोग जैन और अजैन के बीच विवाद बढ़ाते हैं, वे राजनीतिक मंशा से ऐसा करते हैं। आम जनता को ऐसे विवादों से दूर रहना चाहिए और शांति को प्राथमिकता देनी चाहिए,” — ज्योति सिंह मथारू
उन्होंने मास और मदिरा के सेवन पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि समाज में जागरूकता बढ़ रही है और बदलाव धीरे-धीरे आ रहा है।
आयोजन में प्रभावशाली उपस्थिति
मथारू के साथ इस कार्यक्रम में कमल ठाकुर (राज्य प्रवक्ता), अमरजीत सिंह, नितिन सिरमोर, अजय जैन, प्रभात सेठी और आयुष सिन्हा जैसे प्रमुख समाजसेवी और अधिकारी भी मौजूद थे। इनकी मौजूदगी से आयोजन को अतिरिक्त गरिमा मिली।
देशभर से जुटे श्रद्धालु और विशिष्ट अनुष्ठान
तीन दिनों तक चले इस धार्मिक आयोजन में गणधर वलय विधान, ध्यान-पूजन और आध्यात्मिक प्रवचनों का दौर चला। साध्वी आर्यिका स्वस्तिमती माता जी के 101वें अवतरण दिवस को श्रद्धा से मनाने के लिए देशभर से हजारों श्रद्धालु मधुबन पहुंचे और भागीदारी निभाई।
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