कुएं में नहाने के दौरान युवक की मौत, गढ़वा के महुलिया गांव में मचा कोहराम

#BreakingNews #गढ़वा #दर्दनाक_हादसा — कुएं में डूबने से 18 वर्षीय युवक की मौत, गांव में छाया मातम

दोस्तों के साथ गया था नहाने, अचानक गहराई में समा गया

गढ़वा। गढ़वा थाना क्षेत्र के महुलिया गांव में रविवार की दोपहर एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे गांव को गमगीन कर दिया। गांव निवासी बीरेंद्र बैठा के 18 वर्षीय पुत्र आदित्य कुमार की मौत नहाने के दौरान कुएं में डूबने से हो गई।

जानकारी के अनुसार, आदित्य अपने चार दोस्तों के साथ गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित एक कुएं में नहाने गया था। नहाने के क्रम में वह अचानक गहरे पानी में चला गया और डूब गया

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब तक साथ मौजूद दोस्तों को कुछ समझ आता, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़

घटना की सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और आनन-फानन में आदित्य को कुएं से निकालकर गढ़वा सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आदित्य अपने दो भाइयों में सबसे बड़ा था और पिता के साथ मिलकर घर चलाने में सहयोग करता था।

उसकी असामयिक मृत्यु ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।
मां बार-बार बेहोश हो रही हैं और पिता पूरी तरह टूट चुके हैं। गांव में शोक का माहौल है, लोग परिजनों को ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन दुख की यह घड़ी असहनीय बन गई है।

पुलिस जांच में जुटी, ग्रामीणों ने की सुरक्षा उपायों की मांग

सूचना पाकर गढ़वा पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

इस हादसे के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांवों में स्थित असुरक्षित कुओं की पहचान कर उनमें सुरक्षा के उपाय किए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही शोकाकुल परिवार को मुआवजा देने की भी मांग की गई है।

न्यूज़ देखो: असुरक्षित कुओं पर लगे विराम, सुरक्षित हो ग्रामीण जीवन

यह हादसा केवल एक परिवार की नहीं, पूरे समाज की पीड़ा है। हर वर्ष कुएं, तालाब जैसे असुरक्षित जल स्रोतों में बच्चों और युवाओं की दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है
‘न्यूज़ देखो’ यह अपील करता है कि प्रशासन प्रत्येक गांव में ऐसे जोखिमपूर्ण जल स्रोतों की समीक्षा करे, उन पर सुरक्षा घेरा, चेतावनी बोर्ड, या स्थायी समाधान सुनिश्चित करे।
हर जान की कीमत है — और हर लापरवाही एक त्रासदी।
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