
#मोतिहारी #हत्याकीवारदात – भोज से लौटते समय घात लगाए बदमाशों ने युवक को मारा गोली, भाई से अंतिम बार की थी बात
- तिलक भोज से लौटते समय युवक की गोली मारकर हत्या
- मरने से पहले भाई को फोन कर बताया – “मुझे कुछ लोग मार रहे हैं”
- सीने में लगी गोली, अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
- मृतक की पहचान आकाश कुमार (25), अंबरिया गांव निवासी के रूप में हुई
- माता-पिता खाटू श्याम दर्शन को गए थे, अकेला था युवक
भोज से लौटते वक्त घेर कर की गई हत्या
मोतिहारी (बिहार) में तिलक समारोह से भोज खाकर लौट रहे एक युवक की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान आकाश कुमार (25 वर्ष), पिता सुभाष पांडे, निवासी अंबरिया गांव (शिकारगंज थाना क्षेत्र) के रूप में हुई है। वारदात चिरैया थाना क्षेत्र के परतापुर मठ के पास मंगलवार देर रात की है।
मरने से पहले किया भाई को आखिरी फोन
घटना के दौरान जब आकाश को कुछ लोगों ने घेरा और मारपीट शुरू की, तो उसने तत्काल अपने छोटे भाई को फोन कर कहा—
“भाई मेरा झगड़ा हो गया है, मुझे कुछ लोग मार रहे हैं…”
यह सुनते ही परिजन घटनास्थल की ओर भागे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस मौके पर पहुंच चुकी थी। घायल आकाश को ढाका रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सीने में लगी थी गोली, तिलक भोज से लौटते समय हुआ हमला
मिली जानकारी के अनुसार, आकाश पड़ोसी गांव गंगा पीपर में सुरेन्द्र सिंह के बेटे के तिलक समारोह में भोज खाने गया था। लौटते समय कुछ बदमाशों ने उसे घेर लिया और बुरी तरह पीटते हुए गोली मार दी। गोली सीधे सीने में लगी, जिससे उसकी मौके पर ही हालत गंभीर हो गई।
माता-पिता थे खाटू श्याम यात्रा पर
घटना के वक्त आकाश के माता-पिता खाटू श्याम दर्शन के लिए बाहर गए हुए थे। इस बीच घर का जिम्मा आकाश पर था। हादसे की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। भाई और अन्य परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है।
पुलिस जांच में जुटी, आवेदन के बाद होगी कार्रवाई
चिरैया थानाध्यक्ष महेन्द्र प्रसाद ने पुष्टि करते हुए बताया कि—
“घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। युवक को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। परिजनों से लिखित आवेदन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
न्यूज़ देखो: आखिरी कॉल बना आखिरी संकेत, सिस्टम पर फिर उठे सवाल
युवक की हत्या से यह सवाल उठता है कि जब किसी को खतरा होता है और वो तत्काल मदद मांगता है, तो क्या हमारी व्यवस्था उतनी तेजी से प्रतिक्रिया देती है? आकाश का फोन कॉल एक SOS था, जिसे समाज और सिस्टम को समझना था। न्यूज़ देखो इस खबर के हर पहलू पर नजर बनाए हुए है, ताकि न्याय मिले और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
समय पर कार्रवाई हो, तभी थमेगी वारदातों की ये श्रृंखला
बेखौफ अपराधियों की हिम्मत तब तक बढ़ती रहेगी जब तक कानून का डंडा उन पर सख्ती से नहीं चलेगा। आकाश की हत्या सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि समाज और सुरक्षा व्यवस्था दोनों पर सवाल है। अब जरूरत है तेज, पारदर्शी और निर्णायक कार्रवाई की, ताकि भविष्य में किसी और को अपनी जान गंवानी न पड़े।