
#राँची #साइबरअपराध : जरूरतमंद बनकर दुकानदार से ठगी का प्रयास – फर्जी आधार कार्ड दिखाते रंगे हाथ पकड़ा गया आरोपी
- गणेश मोहल्ला हटिया में दुकानदार को जरूरतमंद मरीज के बहाने से ठगी का शिकार बनाने की कोशिश।
- आरोपी संतोष कुमार ने पहले 74,500 रुपये खाते में मंगाकर 74,000 रुपये कैश लिए थे।
- Axis Bank खाते से राशि माइनस होने पर सामने आया साइबर फ्रॉड का मामला।
- 15 अक्टूबर को आरोपी फिर पहुंचा दुकान पर – Bajaj Pay QR से 90,000 रुपये मंगाने की कोशिश की।
- फर्जी आधार कार्ड दिखाने पर पकड़ा गया आरोपी, मौके से तीन-चार सहयोगियों के साथ धमकी दी।
- जगरनाथपुर थाना पुलिस ने आरोपी को नेपाली कॉलोनी हटिया से गिरफ्तार कर दो मोबाइल व फर्जी आधार जब्त किया।
राँची के हटिया क्षेत्र में साइबर अपराध का एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जहाँ एक दुकानदार की सूझबूझ ने न केवल दूसरी ठगी को रोका बल्कि पुलिस को एक शातिर अपराधी तक पहुँचने में मदद की। आरोपी ने पहले खुद को जरूरतमंद बताकर हजारों रुपये ठग लिए थे, और जब दोबारा ठगी करने पहुंचा तो उसका चालाकी भरा जाल खुद ही उलझ गया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर पूरे गिरोह की परतें खोलने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
पहले ही ठग चुका था 74 हजार रुपये
घटना की शुरुआत 23 सितंबर 2025 को हुई जब गणेश मोहल्ला, हटिया स्थित एक दुकान पर संतोष कुमार नामक युवक पहुंचा। उसने दुकानदार से कहा कि उसके रिश्तेदार की तबीयत बहुत खराब है और तत्काल नगद पैसे की जरूरत है। वह बोला कि पैसे खाते में मंगवा देगा, दुकानदार बस कैश दे दे। दुकानदार ने भरोसा जताते हुए 74,500 रुपये खाते में मंगवाए और 500 रुपये कमीशन रखकर बाकी 74,000 रुपये उसे दे दिए। कुछ दिनों बाद दुकानदार के Axis Bank खाते से वही राशि माइनस हो गई।
बैंक से पता चला साइबर फ्रॉड हुआ है
जब दुकानदार ने बैंक से संपर्क किया तो उसे बताया गया कि उसके खाते से जुड़ा एक साइबर फ्रॉड केस दर्ज हुआ है। यह सुनकर वह स्तब्ध रह गया। उसने तुरंत 12 अक्टूबर 2025 को साइबर थाना, राँची में जाकर जानकारी ली। वहाँ बताया गया कि यह ठगी नागपुर, महाराष्ट्र से लोन के नाम पर की गई थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह एक संगठित साइबर अपराध का हिस्सा था।
फिर लौट आया वही ठग, मांगी बड़ी रकम
इस घटना के कुछ दिन बाद, 15 अक्टूबर 2025 को वही युवक संतोष कुमार फिर उसी दुकान पर पहुँचा। इस बार उसने फिर से अस्पताल में भर्ती रिश्तेदार का हवाला दिया और Bajaj Pay QR कोड से 90,000 रुपये मंगवाने की बात कही। दुकानदार को शक हुआ और उसने पहचान पत्र दिखाने को कहा।
फर्जी आधार से खोली अपनी पोल
संतोष ने अपने मोबाइल में एक आधार कार्ड की फोटो दिखाने की कोशिश की, लेकिन जब दुकानदार ने उसकी बारीकी से जांच की तो पता चला कि आधार फर्जी है। जैसे ही दुकानदार ने यह बात कही, संतोष घबरा गया और तुरंत अपने तीन-चार साथियों को बुलाकर दुकानदार को धमकी देने लगा। इसके बाद दुकानदार ने जगरनाथपुर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने दिखाया तत्परता, आरोपी गिरफ्तार
शिकायत के आधार पर पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की। 17 अक्टूबर 2025 को नेपाली कॉलोनी, हटिया से आरोपी संतोष कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और अपने अन्य सहयोगियों के नाम भी बताए। पुलिस ने उसकी तलाशी के दौरान फर्जी आधार कार्ड की सच्ची प्रति और दो मोबाइल फोन बरामद किए।
अपराध स्वीकारने के बाद खुला गिरोह का जाल
पुलिस सूत्रों के अनुसार, संतोष कुमार एक छोटे स्तर के गिरोह से जुड़ा है जो झारखंड और महाराष्ट्र के बीच ठगी की घटनाएं संचालित करता था। आरोपी से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिनके आधार पर पुलिस अब उसके साथियों की तलाश में जुट गई है।
न्यूज़ देखो: सतर्क दुकानदार ने बचाया बड़ा साइबर अपराध
यह मामला साबित करता है कि साइबर अपराधी अब स्थानीय स्तर पर भी सक्रिय हैं और ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। लेकिन यदि नागरिक समय रहते सजग रहें और हर वित्तीय लेन-देन में पहचान की पूरी जांच करें, तो कई अपराधों को रोका जा सकता है। राँची पुलिस की त्वरित कार्रवाई भी इस मामले में सराहनीय है, जिसने ठग को पकड़कर दूसरों के लिए नजीर पेश की है।
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सतर्क रहें, जागरूक बनें – यही असली सुरक्षा
यह घटना हमें सिखाती है कि भरोसे से पहले सत्यापन जरूरी है। हर नागरिक को चाहिए कि बैंकिंग या डिजिटल पेमेंट से जुड़ी किसी भी असामान्य स्थिति में तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करे। ऐसे सतर्क कदम न केवल अपनी बल्कि समाज की सुरक्षा भी सुनिश्चित करते हैं।
अब समय है कि हम सब इस संदेश को आगे बढ़ाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को दोस्तों के साथ साझा करें और जागरूकता फैलाएं ताकि कोई और ऐसी ठगी का शिकार न हो।