
#गढ़वा #दुर्घटना : लगमा गांव के पास अज्ञात वाहन की चपेट में आए युवक को टीम दौलत ने तत्काल सहायता देकर अस्पताल पहुंचाया—डॉक्टरों ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है
- आनंद केशरी (30 वर्ष) को अज्ञात वाहन ने मोटरसाइकिल चलाते समय टक्कर मारी।
- टीम दौलत ने मौके पर पहुंचकर प्राथमिक उपचार के बाद गढ़वा सदर अस्पताल भेजा।
- गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने घायल को रांची राज अस्पताल रेफर किया।
- डॉक्टरों ने बताया कि सिर में थोड़ा खून जमना पाया गया, दवा से ठीक होने की उम्मीद।
- रिपोर्ट की समीक्षा के बाद डॉक्टर दवा बदलने व संभव छुट्टी देने पर निर्णय लेंगे।
- घटना स्थल लगमा गांव में तेज रफ्तार वाहनों के कारण पहले भी हादसे हो चुके हैं।
गढ़वा–बंशीधर नगर मुख्य मार्ग पर लगमा गांव के पास बुधवार की शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें मोटरसाइकिल सवार आनंद केशरी, पिता नंदकिशोर केशरी, निवासी संगत मोहल्ला, गंभीर रूप से घायल हो गए। जैसे ही वे सड़क से गुजर रहे थे, अचानक एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि आनंद सड़क पर गिर पड़े और गंभीर चोटों के कारण वहीं तड़पते रहे। मौके से गुजर रहे लोगों ने स्थिति की गंभीरता देखते हुए तुरंत टीम दौलत के व्हाट्सएप ग्रुप में सूचना दी।
टीम दौलत की ओर से युवा समाजसेवी दौलत सोनी के नेतृत्व में गढ़वा से तत्काल एक टीम रवाना हुई और मौके पर पहुंचकर घायल युवक को प्राथमिक सहायता दी। टीम ने बिना देरी किए एंबुलेंस के माध्यम से आनंद को गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने प्रारंभिक इलाज शुरू किया। हालांकि चोटों की गंभीरता और उनके लगातार बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची के राज अस्पताल रेफर करने का निर्णय लिया।
रांची पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने CT स्कैन के माध्यम से विस्तृत जांच की और बताया कि आनंद के सिर में थोड़ा-सा खून जमा है, किन्तु यह स्थिति दवाइयों से नियंत्रण में आ सकती है। उपलब्ध अपडेट के अनुसार डॉक्टरों ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है, और चिंता की बात नहीं है। डॉक्टरों की टीम आज दोबारा रिपोर्ट की समीक्षा करेगी, जिसके बाद नई दवाएं लिखी जाएंगी। चिकित्सकों ने संकेत दिया है कि यदि स्थिति में इसी प्रकार सुधार होता रहा तो संभव है कि आनंद को जल्द ही छुट्टी दे दी जाए।
दुर्घटना के कारणों और स्थानीय स्थिति पर विस्तृत नजर
लगमा गांव के आसपास का इलाका लंबे समय से दुर्घटना-प्रवण माना जाता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि गढ़वा–बंशीधर नगर मार्ग पर तेज रफ्तार से गुजरने वाले वाहनों के कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं। सड़क के इस हिस्से में निगरानी और गति नियंत्रण उपायों की कमी के कारण स्थिति भयावह बन चुकी है। कई बार स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस मार्ग पर स्पीड ब्रेकर, चेतावनी बोर्ड और पुलिस निगरानी जैसे उपाय किए जाएं, लेकिन स्थिति में उल्लेखनीय सुधार नहीं हुआ है।
टीम दौलत की तत्परता बनी जीवन रक्षक
जब हादसे की खबर ग्रामीणों ने टीम दौलत को दी, तो संगठन ने बिना समय गंवाए तुरंत सहायता पहुंचाई। घायल की हालत गंभीर थी, इसलिए कुछ ही मिनटों में टीम ने प्राथमिक देखभाल शुरू कर दी। यह त्वरित कार्रवाई ही आनंद केशरी के लिए जीवनदायी साबित हुई। संगठन के सदस्यों ने न केवल चिकित्सकीय सहायता सुनिश्चित की, बल्कि पूरी प्रक्रिया के दौरान परिवार को हर अपडेट दिया और उन्हें सांत्वना भी प्रदान की। टीम दौलत की यह सक्रियता दिखाती है कि कैसे सामुदायिक भागीदारी संकट की घड़ी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
रांची राज अस्पताल से प्राप्त अंतिम अपडेट
अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि आनंद के सिर में मामूली आंतरिक रक्तस्राव है, जो दवाइयों से ठीक होने की संभावना रखता है। डॉक्टरों द्वारा किए गए बयान के अनुसार स्थिति अब पहले से बेहतर है और यदि रिपोर्ट संतोषजनक आई तो उन्हें छुट्टी भी मिल सकती है। यह अपडेट परिजनों और ग्रामीणों के लिए राहत की खबर है, जो लगातार आनंद की कुशलता की जानकारी प्राप्त करने के लिए अस्पताल संपर्क में थे।
सुरक्षा और सड़क व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
इस घटना के बाद लोगों ने फिर से सड़क सुरक्षा उपायों की कमी की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि यदि मार्ग पर नियमित निगरानी होती, तो इस तरह की दुर्घटनाओं को टाला जा सकता था। कई ग्रामीणों के अनुसार प्रशासन को दुर्घटनाओं के कारणों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
न्यूज देखो: सड़क सुरक्षा किसी एक की नहीं, सबकी जिम्मेदारी
यह सड़क हादसा न केवल एक मानवीय संवेदना का मुद्दा है, बल्कि सिस्टम की खामियों का भी आईना है। तेज रफ्तार, लापरवाही और निगरानी की कमी ने कई जिंदगियों को खतरे में डाला है और यह घटना भी उसी श्रृंखला की कड़ी है। प्रशासन को चाहिए कि वह दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों की पहचान कर वहां त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई करे। टीम दौलत जैसी संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी प्रेरणादायक है, लेकिन स्थायी समाधान तभी आएगा जब शासन व्यवस्था सख्ती से लागू होगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित सड़कें सबकी साझा जिम्मेदारी
हर दिन होने वाली दुर्घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या हम सचमुच सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूक हैं। जरूरत है कि हम न केवल नियमों का पालन करें, बल्कि आसपास के लोगों को भी सावधानी बरतने के लिए प्रेरित करें। प्रशासन, समाज और व्यक्तिगत स्तर—सभी की जिम्मेदारी मिलकर ही सुरक्षित परिवेश का निर्माण कर सकती है। आइए जागरूक बनें, जिम्मेदार बनें और सुरक्षित यात्रा का संकल्प लें।
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