#रांची #अश्लीलवीडियोकांड : बीएससी नर्सिंग की छात्रा को बाथरूम में शूट करने की कोशिश — आरोपी किरायेदार मनीष कुमार गिरफ्तार, पड़ोस में ही ले रहा था कमरा
- रांची की एक नर्सिंग छात्रा का नहाते समय वीडियो बनाने की कोशिश
- बरियातू थाना क्षेत्र के इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में हुई शर्मनाक घटना
- आरोपी युवक मनीष उर्फ लिलूवा को पुलिस ने किया गिरफ्तार
- युवक छात्रा के पड़ोस में किराये पर रह रहा था
- छात्रा के शोर मचाने पर आरोपी मौके से फरार हुआ, देर रात खुद थाने पहुंचा
बाथरूम में नहा रही थी छात्रा, खिड़की से बना रहा था वीडियो
राजधानी रांची के बरियातू थाना क्षेत्र से गुरुवार को एक निंदनीय मामला सामने आया, जहां बीएससी नर्सिंग की छात्रा के नहाते वक्त एक युवक ने उसका वीडियो बनाने की कोशिश की। यह घटना दोपहर करीब 2:30 बजे की बताई जा रही है। पीड़िता रिम्स में पढ़ाई कर रही है और इंद्रप्रस्थ कॉलोनी, जोड़ा तालाब स्थित एक किराये के कमरे में रहती है।
खिड़की का शीशा हटाकर कर रहा था वीडियो रिकॉर्ड
आरोपी युवक मनीष कुमार उर्फ लिलूवा, जो छात्रा के पड़ोस में किराए पर रह रहा था, ने बाथरूम की खिड़की का शीशा हटाकर वीडियो बनाना शुरू किया। छात्रा को जैसे ही कुछ संदेह हुआ, उसने जोर से शोर मचाया। हल्ला सुनकर मनीष मौके से भाग निकला।
पुलिस को दी गई जानकारी, आरोपी देर रात थाने पहुंचा
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। बरियातू थाना की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। इसके बाद देर रात आरोपी युवक खुद बरियातू थाने पहुंचा, जहां पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की और फिर गिरफ्तार कर लिया।
सामाजिक सुरक्षा को लेकर फिर उठे सवाल
इस घटना से छात्राओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। खासतौर पर जब आरोपी पड़ोस में ही रह रहा हो, तब ऐसी घटनाएं मानसिक पीड़ा और डर का कारण बनती हैं। किरायेदारों का वेरिफिकेशन और निगरानी अब पहले से भी ज़रूरी हो गया है।
न्यूज़ देखो: सुरक्षा व्यवस्था पर फिर सवाल — कब जागेगा प्रशासन?
न्यूज़ देखो इस घटना को नारी सुरक्षा और निजता के अधिकार पर हमला मानता है। घनी बस्तियों में किरायेदारों की पहचान और पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया लचर है। यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि वह केवल अपराध होने के बाद नहीं, बल्कि रोकथाम पर भी ध्यान दे।
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सजग नागरिकता से बनेगा सुरक्षित समाज
इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए समाज और प्रशासन दोनों को एकजुट होकर काम करना होगा। किरायेदारों का सत्यापन, महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और डिजिटल अपराधों की पहचान पर जागरूकता आवश्यक है।
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