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केरला मजदूरी करने जा रहे महुआडांड़ के युवक की विजयवाड़ा स्टेशन पर दर्दनाक मौत, शव लाने के लिए परिवार ने प्रशासन से लगाई गुहार

#लातेहार #प्रवासीश्रमिक – दौना गांव के कुशल की चलती ट्रेन से गिरकर हुई मौत, पत्नी और दो बच्चों के सामने छाया अंधकार

  • लातेहार के महुआडांड़ प्रखंड के दौना गांव निवासी कुशल बृजिया की आंध्र प्रदेश में ट्रेन हादसे में मौत
  • केरल मजदूरी के लिए जा रहा था, प्लेटफॉर्म पर केला खरीदते समय चलती ट्रेन में चढ़ने के दौरान हादसा
  • 30 मई को परिजनों को मिली मौत की सूचना, गांव में पसरा मातम
  • कुशल अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चे छोड़ गया, परिवार पहले से आर्थिक तंगी में था
  • शव लाने के लिए परिजनों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से लगाई मदद की गुहार

मजदूरी के लिए निकला युवक लौट आया लाश बनकर

लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड अंतर्गत अति सुदूरवर्ती दुरूप पंचायत के दौना गांव निवासी कुशल बृजिया (30 वर्ष) की विजयवाड़ा स्टेशन के पास एक ट्रेन हादसे में दर्दनाक मौत हो गई।
पिछले 25 मई को कुशल अपने गांव के तीन अन्य साथियों के साथ काम की तलाश में केरल जा रहा था। सभी मजदूर साधारण बोगी में सफर कर रहे थे।

केला खरीदते वक्त चलती ट्रेन में चढ़ते हुए हुआ हादसा

घटना विजयवाड़ा स्टेशन के चिराला क्षेत्र में हुई, जब ट्रेन कुछ देर के लिए रुकी थी।
कुशल केला खरीदने के लिए प्लेटफॉर्म पर उतरा, लेकिन ट्रेन अचानक चल पड़ी
जल्दी में ट्रेन में चढ़ने की कोशिश में कुशल का पैर फिसल गया और वह पटरी पर गिर पड़ा
घटनास्थल पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा इतना तेज था कि किसी को कुछ समझने का मौका तक नहीं मिला।

30 मई को मिली दुखद सूचना, गांव में पसरा मातम

हादसे के बाद साथियों ने किसी तरह से कुशल के परिजनों को फोन के जरिए जानकारी दी, जिसके बाद से पूरे गांव में मातम पसर गया।
पत्नी और दो मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया।
घर की आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर थी, और अब यह हादसा परिवार पर दोहरी मार बनकर टूटा।

शव लाने के लिए मदद की गुहार, आर्थिक तंगी बनी बाधा

परिजनों ने जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि कुशल का शव गांव तक लाने में सहायता की जाए।
उनका कहना है कि वर्तमान में परिवार की स्थिति इतनी खराब है कि वे शव लाने की यात्रा का खर्च भी नहीं उठा सकते
परिजनों ने शव को गांव लाकर अंतिम संस्कार की व्यवस्था प्रशासन से करवाने की मांग की है।

न्यूज़ देखो : प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और अधिकार पर केंद्रित हमारी रिपोर्टिंग

न्यूज़ देखो उन अनसुनी आवाज़ों को सामने लाता है, जो अक्सर प्रवासी मजदूरों, गरीब परिवारों और दूरदराज़ के गांवों से आती हैं
हमारा उद्देश्य है कि ऐसे पीड़ित परिवारों तक सरकारी मदद पहुंचाने की अपील तेज़ी से हो, और प्रशासनिक उदासीनता पर जिम्मेदार सवाल खड़े हों
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

एक सवाल: क्या गरीबों की जिंदगी इतनी सस्ती हो गई है?

कुशल बृजिया की यह मौत सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उस व्यवस्था की विफलता है जहां मजदूरी के लिए निकला व्यक्ति लौटता है तो कफन में लिपटकर।
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