आध्यात्मिक परिचर्चा में बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोर

पलामू: जीवन में बढ़ती असहिष्णुता, द्वेष और एकाकीपन के बीच आध्यात्मिक गुरुओं की आवश्यकता को लेकर संत मरियम आवासीय विद्यालय में रविवार को एक आध्यात्मिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गुरु भजनों से हुई, जिसमें मेघाराम डाल्टन ने अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरा। उनके साथ श्याम किशोर पांडे, पंकज निराला, ओंकार नाथ तिवारी, और अन्य कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से बच्चों और उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

गुरु का महत्व और अध्यात्म पर चर्चा

कार्यक्रम में विद्यालय के चेयरमैन अविनाश देव ने कहा:

“यह आयोजन किसी विशेष जाति, धर्म या मजहब को बढ़ावा देने के लिए नहीं था। हमारा उद्देश्य बच्चों को शैक्षणिक गुणों के साथ-साथ अध्यात्म, परंपरा और संस्कारों से परिपूर्ण करना है। आधुनिक प्रौद्योगिकी ने चांद तक पहुंचाया है, लेकिन इंसान अपनी मानवता भूल चुका है। अध्यात्म की कमी ही बच्चों के जीवन में असंतुलन और समाज में बिखराव का कारण है।”

अध्यात्म से बच्चों का सर्वांगीण विकास

अविनाश देव ने अभिभावकों से अनुरोध करते हुए कहा कि बच्चों पर अधिकार और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दबाव न डालें। उन्होंने कहा:

“बच्चे उत्पादन नहीं, बल्कि जीते-जागते मनुष्य हैं। उनके निर्माण में स्नेह, संयम और संवेदनाओं का होना अनिवार्य है। शिक्षा के साथ अध्यात्म बच्चों को आत्मनिर्भर और समाज का आदर्श नागरिक बनाएगा।”

संस्कार और शिक्षा का समन्वय

कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को शैक्षणिक गुणों के साथ संस्कार और आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ना था। इस प्रयास के तहत बच्चों को केवल पढ़ाई में उत्कृष्ट बनाने का ही नहीं, बल्कि उन्हें परंपरा और संस्कार का वाहक भी बनाने पर जोर दिया गया।

न्यूज़ देखो’ से जुड़े रहें और पलामू व अन्य क्षेत्रों की हर महत्वपूर्ण खबर पर नजर बनाए रखें!

Exit mobile version