- 26 जनवरी को भारत का 76वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है।
- 1950 में इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।
- यह दिन देशभक्ति और संविधान के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
- राजपथ पर होने वाली परेड और सांस्कृतिक झांकियां इस दिन का मुख्य आकर्षण होती हैं।
गणतंत्र दिवस का इतिहास
26 जनवरी का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी तो मिली, लेकिन भारत को एक मजबूत और संगठित गणराज्य बनाने के लिए एक संविधान की जरूरत थी। डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिनों में संविधान तैयार किया।
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ और हमारा देश पूर्ण गणराज्य बन गया। यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित किया था।
गणतंत्र दिवस का महत्व
गणतंत्र दिवस सिर्फ एक राष्ट्रीय त्योहार नहीं, बल्कि यह भारत के लोकतंत्र, स्वतंत्रता और समानता के मूल्यों को दर्शाता है। यह दिन हमें संविधान और लोकतंत्र के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का एहसास कराता है। इस दिन राजपथ पर भव्य परेड, सांस्कृतिक झांकियां और वीरता पुरस्कार समारोह आयोजित किए जाते हैं।
देश की विविधता, समृद्ध संस्कृति और सैन्य ताकत का प्रदर्शन इस दिन का मुख्य आकर्षण है। यह दिन हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है और प्रेरित करता है कि हम एक मजबूत और विकसित भारत का निर्माण करें।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
न्यूज़ देखो की पूरी टीम की ओर से आप सभी को 76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आइए, हम सब मिलकर संविधान के मूल्यों का सम्मान करें और अपने देश को और भी मजबूत और विकसित बनाने की दिशा में कार्य करें।
“विविधता में एकता” भारत की पहचान है। इस गणतंत्र दिवस, हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि देश के विकास और भाईचारे के लिए मिलकर कार्य करेंगे।
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एक बार फिर से आप सभी को गणतंत्र दिवस 2025 की शुभकामनाएं!