
#गिरिडीह #राष्ट्रीय_एकता : पूर्वोत्तर के राज्यों में चल रही यात्रा में झारखंड से भी युवा शामिल, नागालैंड में विधायक से हुई मुलाकात
- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा नागालैंड के दीमापुर पहुंची।
- झारखंड से उज्जवल तिवारी सहित पूरे भारत के 70 प्रतिनिधि शामिल हुए।
- दीमापुर में जनजातीय मामलों एवं चुनाव विभाग के सलाहकार H Tovihoto Ayemi से की मुलाकात।
- यात्रा का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक सौहार्द और सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़ाव को मजबूत करना है।
- यात्रा के दौरान असम, नागालैंड, अरुणाचल, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा का भ्रमण कराया जाएगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित अंतरराज्यीय छात्र जीवन दर्शन सह राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा इस वर्ष पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में पहुंची है। झारखंड से इस यात्रा में उज्जवल तिवारी शामिल हुए हैं, जबकि देशभर से कुल 70 प्रतिभागी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। नागालैंड के दीमापुर में यात्रा के दूसरे दिन प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात स्थानीय विधायक एवं जनजातीय मामलों के सलाहकार H Tovihoto Ayemi से हुई। उन्होंने नागालैंड की सामाजिक संरचना, सांस्कृतिक विविधता और विकास की दिशा में हो रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी।
नागालैंड में समृद्ध संस्कृति और सौहार्द का परिचय
यात्रा के दौरान प्रतिनिधियों ने नागालैंड की पारंपरिक जीवनशैली और स्थानीय संस्कृति का अनुभव किया। H Tovihoto Ayemi ने प्रतिभागियों से बातचीत में कहा कि नागालैंड अपने सांस्कृतिक सौहार्द, आदिवासी परंपराओं और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। उन्होंने बताया कि यहां की जनता अपने जीवन मूल्यों और एकजुटता के सिद्धांतों पर गर्व महसूस करती है।
उज्जवल तिवारी ने कहा: “पूर्वोत्तर भारत के बारे में जो नरेटिव चलाया जाता है, वास्तविकता उससे अलग है। यहां की संस्कृति, विविधता और एकता देखकर प्रेरणा मिलती है।”
1966 से चल रही एकात्मता यात्रा की ऐतिहासिक परंपरा
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की इस यात्रा की शुरुआत वर्ष 1966 में की गई थी। तब से यह लगातार देश के विभिन्न कोनों में एकता और सद्भाव का संदेश फैलाती आ रही है। यात्रा का मूल उद्देश्य देश के दूर-दराज इलाकों, विशेष रूप से सीमावर्ती प्रदेशों में रहने वाले लोगों और मुख्यभूमि भारत के युवाओं के बीच भावनात्मक एकता और सांस्कृतिक जुड़ाव को सुदृढ़ करना है।
यात्रा के अंतर्गत प्रतिभागी अगले कुछ दिनों में असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा का भ्रमण करेंगे। इस दौरान वे न केवल स्थानीय समुदायों से संवाद करेंगे, बल्कि वहां की संस्कृति, भाषा, और जीवनशैली को करीब से समझने का अवसर भी प्राप्त करेंगे।
विविधता में एकता का अनुभव
कार्यक्रम के दौरान दीमापुर के संगठन मंत्री अभिलाष शर्मा सहित कई स्थानीय नागरिकों ने भी प्रतिनिधियों का स्वागत किया। यात्रा के आयोजकों का कहना है कि भारत की विविधता में ही उसकी असली ताकत है, और इस प्रकार के कार्यक्रम युवाओं को यह सिखाते हैं कि कैसे भिन्न संस्कृतियों और परंपराओं में भी एक समान भावना पाई जाती है – एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना।
यात्रा में शामिल युवाओं ने भी बताया कि उन्हें इस अभियान से देश के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को समझने का अनोखा अवसर मिल रहा है। नागालैंड के प्राकृतिक सौंदर्य और आदिवासी परंपराओं की झलक देखकर वे अभिभूत हैं।
न्यूज़ देखो: एकता की मिसाल बनी अभाविप की यह यात्रा
अभाविप की यह यात्रा न केवल संगठन के युवाओं को जोड़ रही है बल्कि देश के दूर-दराज क्षेत्रों में भी एकता और अपनत्व का संदेश फैला रही है। ऐसे प्रयासों से यह साबित होता है कि भारत की आत्मा उसकी विविधता में बसती है, और युवाओं की भूमिका इस एकता को मजबूत करने में सबसे अहम है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
विविधता में एकता का संदेश
भारत की विविधता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। जब देश के अलग-अलग हिस्सों के युवा एक मंच पर आते हैं, तो यह न केवल सामाजिक बल्कि सांस्कृतिक मजबूती का प्रतीक बनता है। अब समय है कि हम सब इस एकता यात्रा का हिस्सा बनें, अपने समाज में सद्भाव और भाईचारे का वातावरण बनाएं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि एकता का यह संदेश दूर-दूर तक पहुंचे।




