
#दुमका #एसीबी_छापेमारी : एसीबी की कार्रवाई को विनय चौबे से जुड़े कथित घोटाले की जांच का विस्तार माना जा रहा है।
- एसीबी टीम ने दुमका में नवीन पटवारी के ठिकानों पर छापेमारी की।
- कार्रवाई सुबह 7:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक चली।
- जांच दल का नेतृत्व एसीबी डीएसपी मनु टुडू ने किया।
- मामला निलंबित IAS विनय चौबे से जुड़े शराब घोटाले का विस्तार माना जा रहा है।
- श्रवण जालान–नवीन पटवारी के रिश्ते के आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ी।
- परिसर में अपोलो टायर्स डीलरशिप, एक्सिस बैंक शाखा, एलएनजेपी नेत्रालय संचालित।
दुमका में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की बड़ी कार्रवाई ने पूरे शहर में हलचल मचा दी है। एसीबी ने बुधवार की सुबह दुमका के प्रतिष्ठित व्यवसायी नवीन पटवारी के आवास और कई प्रतिष्ठानों पर अचानक दबिश दी। यह कार्रवाई करीब नौ घंटे तक चली, जिसकी जानकारी बाहर आते ही पूरे इलाके में चर्चा तेज हो गई। जांच की यह पूरी प्रक्रिया रांची मुख्यालय के निर्देश पर की गई और इसका नेतृत्व एसीबी डीएसपी मनु टुडू ने किया। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी निलंबित IAS अधिकारी विनय चौबे से जुड़े शराब घोटाले की जांच का ही आगे का हिस्सा है।
विनय चौबे से जुड़े अवैध निवेश की कड़ी
एसीबी की जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इनपुट मिला था कि विनय चौबे की कथित अवैध कमाई का निवेश व्यापारी श्रवण जालान के माध्यम से किया गया था। जालान पर हाल ही में छापेमारी होने के बाद यह आशंका जताई गई कि इस नेटवर्क में शामिल और लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
इसी कड़ी में नवीन पटवारी पर भी कार्रवाई की गई, क्योंकि श्रवण जालान और नवीन पटवारी जीजा-साला बताए जाते हैं। इस रिश्ते के आधार पर संदेह जताया गया कि अवैध लेन-देन और निवेश में पटवारी परिवार की भी भूमिका हो सकती है।
कई व्यवसायों से जुड़े पटवारी ब्रदर्स
नवीन पटवारी, उनके भाई सचिन पटवारी और विक्की पटवारी दुमका के प्रमुख व्यवसायी परिवारों में गिने जाते हैं। एसीबी द्वारा छापेमारी किए गए परिसर में—
- अपोलो टायर्स डीलरशिप
- एक्सिस बैंक शाखा
- एलएनजेपी नेत्रालय
जैसी प्रमुख इकाइयाँ संचालित होती हैं। इन प्रतिष्ठानों को भी टीम ने निरीक्षण के दायरे में लिया। हालांकि, कार्रवाई के दौरान क्या-क्या जब्त किया गया, इसकी आधिकारिक पुष्टि एसीबी ने अभी नहीं की है।
सुबह से शाम तक चला हाई-प्रोफ़ाइल ऑपरेशन
छापेमारी सुबह 7:30 बजे शुरू हुई और लगातार 4:30 बजे तक कई टीमें अलग-अलग ठिकानों पर जांच में लगी रहीं। इस दौरान पुलिस बल भी बड़ी संख्या में मौजूद रहा, ताकि भीड़ या अवरोध से जांच प्रभावित न हो।
जांच टीम दस्तावेज़, लेन-देन संबंधी कागजात, डिजिटल रिकॉर्ड और संभावित निवेश से जुड़े अन्य साक्ष्यों की पड़ताल करती दिखाई दी।
दुमका में चर्चा तेज, आगे और खुलासे की उम्मीद
इस छापेमारी के बाद दुमका में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। व्यापारी वर्ग से लेकर प्रशासनिक हलकों में इस कार्रवाई को विनय चौबे से जुड़े कथित करोड़ों के घोटाले के विस्तार के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि आगे भी और ठिकानों पर कार्रवाई हो सकती है और बड़े नामों के सामने आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है।

न्यूज़ देखो: एसीबी की कार्रवाई का बढ़ता दायरा
शराब घोटाले की जांच झारखंड में लगातार नई परतें खोल रही है। एसीबी की हालिया कार्रवाइयाँ यह संकेत दे रही हैं कि अवैध निवेश, फर्जी कंपनियों और हवाला जैसे नेटवर्क पर एजेंसी कड़ा रुख अपना चुकी है। दुमका में छापेमारी इसी व्यापक अभियान का हिस्सा है, जिससे बड़े आर्थिक नेटवर्क का खुलासा संभव है।
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जिम्मेदार प्रशासन ही न्याय की गारंटी
भ्रष्टाचार पर लगाम तभी कस सकती है जब जांच निष्पक्ष, निर्भीक और लगातार हो। जनता का विश्वास मजबूत रखने के लिए जरूरी है कि ऐसे मामलों में पारदर्शिता और कठोरता दोनों दिखाई दें।
आपके क्षेत्र में भी यदि किसी भ्रष्टाचार, अनियमितता या संदिग्ध गतिविधि की जानकारी है—तो उसे जरूर सामने लाएं।
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