
#सिमडेगा #आदिवासीविकास : उपायुक्त कंचन सिंह ने किया उद्घाटन, जनजातीय नेतृत्व को मिलेगा नया आयाम
- समाहरणालय सभागार में आदि कर्मयोगी अभियान कार्यशाला का आयोजन।
- उपायुक्त कंचन सिंह, पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी व उप विकास आयुक्त ने किया दीप प्रज्ज्वलन।
- 20 लाख आदिवासी परिवर्तनकर्ताओं को सशक्त बनाने का लक्ष्य।
- मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण से गांव-गांव तक पहुंचेगा अभियान।
- जनकल्याणकारी योजनाओं के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन पर दिया जोर।
सिमडेगा जिला मुख्यालय स्थित समाहरणालय सभागार में सोमवार को जनजातीय विकास एवं परिवर्तन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आदि कर्मयोगी अभियान कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त सिमडेगा कंचन सिंह, पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी और उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में संचालित पहल
यह अभियान जनजातीय कार्य मंत्रालय के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय आंदोलन है। इसका उद्देश्य जिला, ब्लॉक और गांव स्तर पर विकेन्द्रीकृत आदिवासी नेतृत्व और शासन की मजबूत संरचना तैयार करना है। अभियान का लक्ष्य देशभर के आदिवासी बहुल जिलों के 1 लाख गांवों में 20 लाख आदिवासी परिवर्तनकर्ताओं को प्रशिक्षित कर सशक्त बनाना है।
उपायुक्त का संदेश
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा कि आदिवासी समाज को मुख्यधारा से जोड़ने और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में यह अभियान बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे गांवों का विकास मॉडल तैयार कर पूरी ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करें।
उपायुक्त कंचन सिंह: “जब तक सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक योजनाओं का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन नहीं होगा, अभियान की सफलता अधूरी रहेगी।”
उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण होगा, जो आगे प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। ये प्रशिक्षक ग्रामीण समुदायों को उनके अधिकारों, संसाधनों और योजनाओं के बारे में जागरूक करेंगे।
कार्य संस्कृति और जवाबदेही पर जोर
उपायुक्त ने यह भी कहा कि इस अभियान का उद्देश्य केवल समुदाय को सशक्त बनाना ही नहीं, बल्कि सरकारी कर्मियों की कार्य संस्कृति में सुधार और नागरिकों को त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराना भी है। उन्होंने सभी अधिकारियों को समयबद्ध मॉनिटरिंग और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
शपथ के साथ हुआ समापन
कार्यक्रम के अंत में उपायुक्त ने सभी उपस्थित अधिकारियों और कर्मियों को इस अभियान को सफल बनाने की शपथ दिलाई। मौके पर आईटीडीए परियोजना निदेशक सरोज तिर्की, अपर समाहर्ता ज्ञानेन्द्र, सिविल सर्जन, जिला स्तरीय पदाधिकारी और सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित रहे।



न्यूज़ देखो: जनजातीय आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
सिमडेगा में आयोजित यह कार्यशाला बताती है कि अब शासन का फोकस केवल योजनाएं बनाने पर नहीं, बल्कि उन्हें प्रभावी तरीके से गांव-गांव तक पहुंचाने पर है। आदिवासी समाज को जागरूक और सशक्त बनाना ही इस अभियान की असली सफलता होगी।
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अब समय है कि हर नागरिक इस अभियान में भागीदार बने। सरकारी योजनाओं की जानकारी लें, दूसरों को बताएं और विकास की राह में साथ चलें। अपनी राय कमेंट करें और खबर को शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोग जागरूक हों।