
#सिमडेगा #खनन_नियंत्रण : उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक, अवैध खनन रोकने के लिए कार्रवाई तेज करने का आदेश।
सिमडेगा में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। उपायुक्त कंचन सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में हुई बैठक में अब तक की गई कार्रवाइयों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। उपायुक्त ने अवैध खनन के खिलाफ निरंतर छापेमारी और लंबित मामलों में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में पर्यावरण, राजस्व और कानून-व्यवस्था पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को गंभीरता से लेते हुए समन्वित कार्रवाई पर जोर दिया गया।
- बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त कंचन सिंह ने की।
- अवैध खनन रोकने के लिए अब तक 35 निरीक्षण अभियान चलाए गए।
- 9 मामलों में कार्रवाई किए जाने की जानकारी दी गई।
- कई बालू घाटों पर ट्रेंच कटिंग कराने का निर्देश।
- बैठक में पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी सहित सभी विभागों के अधिकारी मौजूद।
सिमडेगा जिले में अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर प्रशासन पूरी तरह सख्त नजर आ रहा है। इसी क्रम में समाहरणालय सभागार में जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में चल रहे अवैध खनन, अवैध परिवहन और अवैध भंडारण की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि प्राकृतिक संसाधनों के अवैध दोहन को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की समीक्षा
बैठक के दौरान जिला खनन पदाधिकारी ने अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि अवैध खनन की रोकथाम के लिए जिले में कुल 35 निरीक्षण अभियान चलाए जा चुके हैं।
इन अभियानों के दौरान 9 मामलों में दोषियों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की गई है। उपायुक्त ने इस पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रयास सराहनीय है, लेकिन अभी और अधिक सख्ती की आवश्यकता है ताकि अवैध गतिविधियों पर पूर्ण अंकुश लगाया जा सके।
लगातार छापेमारी और शून्य लापरवाही का निर्देश
उपायुक्त कंचन सिंह ने स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिया कि अवैध खनन के खिलाफ छापेमारी अभियान लगातार और प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए।
उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही को स्वीकार नहीं किया जाएगा और लंबित मामलों में त्वरित एवं कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उपायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि जिम्मेदारी तय करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
बालू घाटों पर ट्रेंच कटिंग का आदेश
बैठक में अवैध बालू खनन और उठाव को रोकने के लिए विशेष कदमों पर चर्चा हुई। उपायुक्त ने कई संवेदनशील बालू घाटों पर ट्रेंच कटिंग (खाई खुदाई) कराने का निर्देश दिया।
इसका उद्देश्य अवैध रूप से बालू उठाव में लगे वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह रोकना है। प्रशासन का मानना है कि इस प्रकार के भौतिक अवरोध अवैध खनन को रोकने में प्रभावी साबित होंगे।
पर्यावरण, राजस्व और कानून-व्यवस्था पर प्रभाव
बैठक में यह भी बताया गया कि अवैध खनन से केवल सरकारी राजस्व का नुकसान ही नहीं होता, बल्कि पर्यावरणीय क्षति और कानून-व्यवस्था की समस्या भी उत्पन्न होती है।
नदियों से अवैध बालू उठाव के कारण जलस्तर, भूमि कटाव और पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। उपायुक्त ने इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अवैध खनन को जिले के लिए गंभीर चुनौती बताया।
विभागों के बीच समन्वय पर जोर
उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि खनन, परिवहन, वन, पुलिस और प्रशासनिक विभागों की संयुक्त कार्रवाई से ही अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण संभव है।
नियमित निगरानी, संयुक्त निरीक्षण और त्वरित सूचना साझा करने पर विशेष जोर दिया गया।
बैठक में शामिल रहे वरिष्ठ अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी, उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी, वन प्रमंडल पदाधिकारी शशांक शेखर सिंह, अपर समाहर्ता ज्ञानेन्द्र, जिला खनन पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, थाना प्रभारी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग से जुड़े मुद्दों पर जानकारी साझा की और निर्देशों के अनुपालन का आश्वासन दिया।
सख्त प्रशासनिक रुख से बढ़ी उम्मीद
बैठक में लिए गए निर्णयों से यह स्पष्ट है कि सिमडेगा प्रशासन अवैध खनन को लेकर किसी भी तरह की नरमी बरतने के मूड में नहीं है। आने वाले दिनों में छापेमारी और निगरानी और तेज किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
न्यूज़ देखो: अवैध खनन पर अब निर्णायक कार्रवाई की तैयारी
जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की बैठक यह संकेत देती है कि प्रशासन अब अवैध खनन के खिलाफ निर्णायक मोड में है। उपायुक्त द्वारा स्पष्ट और सख्त निर्देश देना एक मजबूत संदेश है कि प्राकृतिक संसाधनों की लूट नहीं होने दी जाएगी। यदि विभागों के बीच समन्वय इसी तरह बना रहा, तो अवैध खनन पर प्रभावी रोक संभव है। अब यह देखना अहम होगा कि जमीनी स्तर पर इन निर्देशों का कितना प्रभावी क्रियान्वयन होता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रकृति की रक्षा से ही सुरक्षित भविष्य
प्राकृतिक संसाधन किसी एक पीढ़ी की नहीं, आने वाली पीढ़ियों की धरोहर हैं।
अवैध खनन पर रोक लगाना केवल प्रशासन की नहीं, समाज की भी जिम्मेदारी है।
सतत विकास और पर्यावरण संतुलन के लिए सख्त कदम समय की मांग हैं।
जागरूकता और सहयोग से ही जिले को सुरक्षित बनाया जा सकता है।





