Giridih

गिरिडीह में गर्मी को लेकर प्रशासन सतर्क! उपायुक्त ने दिए पेयजल व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश

#गिरिडीह #पेयजल_समस्या – समाहरणालय में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक, डीसी ने कहा — जल संकट से न जूझे कोई भी नागरिक

  • गर्मी में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर समाहरणालय सभागार में समीक्षा बैठक आयोजित
  • उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने दिए चापाकलों और जलमीनारों की मरम्मती के निर्देश
  • जल संकट से निपटने को वैकल्पिक स्रोतों और जल संरक्षण योजनाओं पर जोर
  • आंगनबाड़ी केंद्रों में चापाकल की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा
  • नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्रों दोनों में त्वरित कार्रवाई की मांग
  • सभी अनुमंडल अधिकारियों को अपने क्षेत्र की स्थिति का तत्काल मूल्यांकन करने का निर्देश

गिरिडीह प्रशासन अलर्ट, गर्मी से पहले की जा रही पेयजल व्यवस्था की व्यापक तैयारी

गिरिडीह में गर्मी के मौसम में संभावित जल संकट से निपटने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। इसी क्रम में समाहरणालय सभागार में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में पेयजल व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में डीसी ने स्पष्ट कहा कि “पेयजल एक मौलिक आवश्यकता है और गर्मी के दिनों में इसकी आपूर्ति में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए।” उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल जीवन मिशन, चापाकलों की मरम्मती और वैकल्पिक जल स्रोतों की पहचान पर विशेष ध्यान दें।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर विशेष फोकस, सभी बच्चों को मिले साफ पानी

चापाकल न होने वाले केंद्रों में होगा त्वरित अधिष्ठापन

आंगनबाड़ी केंद्रों की जल व्यवस्था को लेकर भी उपायुक्त ने विशेष निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि जिन केंद्रों में चापाकल खराब हैं, उनकी शीघ्र मरम्मती कराई जाए और जहां चापाकल नहीं हैं, वहां जल्द से जल्द स्थापना सुनिश्चित की जाए।

“बच्चों की सेहत से कोई समझौता नहीं होना चाहिए,”उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने अधिकारियों से कहा।

ग्रामीण और शहरी इलाकों दोनों में समाधान की प्राथमिकता

अनुमंडल अधिकारियों और उप नगर आयुक्त को सौंपी ज़िम्मेदारी

बैठक में उपायुक्त ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों और उप नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों का गहन सर्वेक्षण कर लें और खराब चापाकलों और जलमीनारों की मरम्मती कार्य शीघ्र पूरा करें।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी जल संकट को उतनी ही प्राथमिकता दी जाए जितनी शहरी क्षेत्रों में दी जाती है।

जल संरक्षण और भूजल प्रबंधन पर भी विशेष चर्चा

दीर्घकालिक समाधान के लिए योजनाएं बन रहीं

बैठक में उपस्थित पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के अभियंताओं ने बताया कि आने वाले समय में भूजल स्तर गिरने की आशंका को देखते हुए जल संरक्षण उपायों जैसे कि सोखता गड्ढे, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, आदि को बढ़ावा देने की योजना बनाई जा रही है। उपायुक्त ने इसे लेकर विभागीय समन्वय को तेज करने के निर्देश दिए।

न्यूज़ देखो : पेयजल संकट से जुड़ी हर चिंता पर हमारी सतर्क नज़र

गर्मियों में गिरिडीह जैसे जिले में जल संकट कोई नई बात नहीं, लेकिन इस बार प्रशासन की सक्रियता और योजनागत तैयारी से उम्मीदें बढ़ गई हैं। ‘न्यूज़ देखो’ आपके लिए सिर्फ खबर नहीं लाता, बल्कि स्थानीय समस्याओं पर प्रशासन की जवाबदेही और समाधान के प्रयासों पर भी करीबी नजर रखता है।

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