
#घाघरा #बोर्ड_परीक्षा : डीडीसी ने परीक्षा तैयारी की समीक्षा कर गुणवत्ता सुधार के निर्देश दिए।
गुमला जिले में आगामी मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नजर आ रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को उप विकास आयुक्त ने घाघरा स्थित एसएस प्लस टू उच्च विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान शैक्षणिक व्यवस्था, विद्यार्थियों की उपस्थिति और परीक्षा तैयारी की समीक्षा की गई। जिला प्रशासन का उद्देश्य इस वर्ष बोर्ड परीक्षाओं में जिले का प्रदर्शन और पास प्रतिशत बेहतर करना है।
- डीडीसी ने एसएस प्लस टू उच्च विद्यालय घाघरा का औचक निरीक्षण किया।
- मैट्रिक एवं इंटर परीक्षा की तैयारियों पर विशेष फोकस।
- कमजोर विद्यार्थियों के लिए एक्स्ट्रा क्लास के निर्देश।
- मॉडल प्रश्न पत्र और पुराने सेट हल करने पर जोर।
- विद्यालय की मूलभूत सुविधाओं का भी किया गया अवलोकन।
घाघरा (गुमला) में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर प्रशासनिक सक्रियता तेज हो गई है। जिले के शैक्षणिक प्रदर्शन को मजबूत करने के उद्देश्य से उप विकास आयुक्त (डीडीसी) ने गुरुवार को घाघरा स्थित एसएस प्लस टू उच्च विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य मैट्रिक और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं से पहले विद्यालय स्तर पर हो रही तैयारियों की वास्तविक स्थिति को परखना था।
निरीक्षण के दौरान डीडीसी ने कक्षाओं में जाकर शिक्षण व्यवस्था, छात्र-छात्राओं की उपस्थिति और शिक्षकों की भूमिका का जायजा लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि बोर्ड परीक्षा केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के भविष्य से जुड़ा महत्वपूर्ण पड़ाव है, इसलिए इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
शैक्षणिक तैयारियों की विस्तृत समीक्षा
डीडीसी ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के साथ बैठक कर सिलेबस की प्रगति, विषयवार तैयारी और रिवीजन क्लास की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने यह जानने का प्रयास किया कि किन विषयों में विद्यार्थी कमजोर हैं और उन कमियों को दूर करने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने निर्देश दिया कि सभी विषयों का सिलेबस समय पर पूरा किया जाए और परीक्षा से पूर्व पर्याप्त रिवीजन कराया जाए, ताकि विद्यार्थी आत्मविश्वास के साथ परीक्षा में शामिल हो सकें।
कमजोर विद्यार्थियों के लिए एक्स्ट्रा क्लास
निरीक्षण के दौरान डीडीसी ने विशेष रूप से कमजोर विद्यार्थियों पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिया कि ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए अलग से एक्स्ट्रा क्लास का आयोजन किया जाए।
डीडीसी ने कहा:
उप विकास आयुक्त ने कहा: “हर विद्यार्थी की क्षमता अलग होती है। जो छात्र पीछे हैं, उन्हें अतिरिक्त मार्गदर्शन और समय देकर आगे लाना शिक्षकों की जिम्मेदारी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि एक्स्ट्रा क्लास केवल औपचारिक न होकर परिणामोन्मुखी होनी चाहिए, ताकि इसका सीधा लाभ परीक्षा परिणामों में दिखाई दे।
मॉडल प्रश्न पत्र और पुराने प्रश्नों का अभ्यास
डीडीसी ने विद्यार्थियों से सीधे संवाद करते हुए उन्हें परीक्षा की तैयारी के महत्वपूर्ण टिप्स दिए। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों और मॉडल प्रश्न सेटों का नियमित अभ्यास करें।
उन्होंने कहा कि इससे न केवल परीक्षा पैटर्न समझने में मदद मिलेगी, बल्कि समय प्रबंधन और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। विद्यार्थियों को अपनी शंकाओं को खुलकर शिक्षकों के सामने रखने के लिए भी प्रेरित किया गया।
विद्यालय की सुविधाओं का लिया जायजा
निरीक्षण के दौरान डीडीसी ने विद्यालय में उपलब्ध क्लासरूम, बैठने की व्यवस्था, साफ-सफाई, प्रकाश और अन्य मूलभूत सुविधाओं का भी अवलोकन किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि परीक्षा तैयारी के दौरान छात्रों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
उन्होंने कहा कि बेहतर शैक्षणिक वातावरण से ही बेहतर परिणाम संभव हैं और इसके लिए विद्यालय प्रबंधन एवं प्रशासन को मिलकर कार्य करना होगा।
बेहतर परिणाम को लेकर प्रशासन का लक्ष्य
डीडीसी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस वर्ष जिला प्रशासन का लक्ष्य बोर्ड परीक्षाओं में जिले का पास प्रतिशत और गुणवत्ता दोनों को बेहतर बनाना है। उन्होंने शिक्षकों से अपेक्षा जताई कि वे विद्यार्थियों को तनावमुक्त माहौल में पढ़ाई के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने कहा:
डीडीसी ने कहा: “विद्यार्थियों को परीक्षा का भय नहीं, बल्कि आत्मविश्वास होना चाहिए। शिक्षक यह सुनिश्चित करें कि हर छात्र समय रहते अपनी शंकाओं का समाधान कर सके।”
अधिकारियों की रही मौजूदगी
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक, अंचलाधिकारी खाखा सुशील, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी पुष्पा टोप्पो सहित अन्य संबंधित अधिकारी और शिक्षक उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने परीक्षा की तैयारी को लेकर प्रशासन के निर्देशों का पालन करने का आश्वासन दिया।
छात्रों में बढ़ा उत्साह
डीडीसी के औचक निरीक्षण और संवाद से विद्यालय के छात्र-छात्राओं में उत्साह देखने को मिला। कई विद्यार्थियों ने कहा कि प्रशासन की सक्रियता से उन्हें पढ़ाई को लेकर नई प्रेरणा मिली है और वे बेहतर प्रदर्शन के लिए और मेहनत करेंगे।

न्यूज़ देखो: शिक्षा सुधार की दिशा में सख्त निगरानी
बोर्ड परीक्षाओं से पहले डीडीसी का औचक निरीक्षण यह दर्शाता है कि जिला प्रशासन शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है। यदि दिए गए निर्देशों का सही ढंग से पालन होता है, तो निश्चित रूप से जिले के परीक्षा परिणामों में सुधार देखने को मिलेगा। अब जरूरत है नियमित निगरानी और सतत प्रयास की। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
मजबूत तैयारी से ही मजबूत भविष्य
बोर्ड परीक्षा विद्यार्थियों के जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ होती है। सही मार्गदर्शन, मेहनत और प्रशासनिक सहयोग से बेहतर परिणाम संभव हैं।
आपके क्षेत्र में परीक्षा तैयारी को लेकर क्या व्यवस्थाएं हैं। अपनी राय कमेंट में साझा करें, खबर को छात्रों और अभिभावकों तक पहुंचाएं और शिक्षा को मजबूत बनाने में सहभागी बनें।





