
#घाघरा #अवैध_खनन : जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने अरंगी मौजा में छापेमारी कर भारी मात्रा में अवैध बालू जब्त किया
- घाघरा थाना क्षेत्र के अरंगी मौजा में 6000 घनफीट अवैध बालू जब्त।
- कार्रवाई में अंचल अधिकारी घाघरा, वन परिसर पदाधिकारी गुमला, खनन निरीक्षक गुमला शामिल।
- अवैध भंडारण में संजय उरांव, अनिल उरांव, अनिल उरांव, दिनेश गोप के संलिप्त होने की जानकारी।
- कार्रवाई उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित के सख्त निर्देश पर की गई।
- संबंधित अधिनियमों के तहत FIR दर्ज करने का निर्देश, आगे भी अभियान जारी रहेगा।
घाघरा थाना क्षेत्र के अरंगी मौजा में रविवार 23 नवंबर 2025 को जिला प्रशासन की संयुक्त टास्क फोर्स ने अवैध बालू भंडारण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित के निर्देश पर की गई इस औचक छापेमारी में लगभग 6000 घनफीट बालू जब्त किया गया। प्रशासन ने पाया कि वन भूमि से सटे एक प्लॉट पर बड़े पैमाने पर बालू का भंडारण बिना किसी वैध लाइसेंस के किया जा रहा था, जो पूरी तरह गैर-कानूनी है। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने स्थिति का निरीक्षण कर तत्काल कार्रवाई शुरू की।
अवैध खनन और भंडारण का खुलासा
संयुक्त टीम ने स्थल पर पाया कि बालू का भंडारण लंबे समय से किया जा रहा था। पूछताछ में यह जानकारी सामने आई कि इस अवैध गतिविधि में संजय उरांव, अनिल उरांव, अनिल उरांव और दिनेश गोप शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस तरह का अवैध भंडारण न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि राष्ट्रीय संपत्ति का भी गंभीर क्षरण करता है।
यह कार्रवाई खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957, झारखंड लघु खनिज नियमावली, 2004 और Jharkhand Minerals (Prevention of Illegal Mining, Transportation and Storage) Rules, 2017 के सीधे उल्लंघन में आती है। इसके साथ ही वन भूमि के दुरुपयोग पर भारतीय वन अधिनियम का भी स्पष्ट उल्लंघन पाया गया।
उपायुक्त का सख्त निर्देश, FIR का आदेश
उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि अवैध कार्य में शामिल चारों व्यक्तियों के विरुद्ध तुरंत FIR दर्ज की जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि खनन माफियाओं के खिलाफ यह अभियान हर हाल में जारी रहेगा और अवैध खनन, परिवहन या भंडारण में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने जोर दिया कि जिले में प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रकार की गैर-कानूनी गतिविधि पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अवैध खनन के विरुद्ध प्रशासन की दृढ़ नीति
छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि प्रशासन पहले भी कई बार ऐसी गतिविधियों के खिलाफ अभियान चला चुका है और आगे भी इसी तरह कठोर कदम उठाए जाएंगे। स्थानीय लोगों ने प्रशासन की इस कार्रवाई को सराहा और कहा कि इससे क्षेत्र में अवैध खनन पर लगाम लगेगी।
न्यूज़ देखो: प्राकृतिक संपदा की सुरक्षा के लिए जरूरी है निरंतर सतर्कता
अवैध खनन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है बल्कि सामाजिक और आर्थिक संतुलन को भी प्रभावित करता है। प्रशासन की समय पर कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि संसाधनों की लूट बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संसाधनों की रक्षा, समाज की जिम्मेदारी
प्राकृतिक संपदा का संरक्षण केवल प्रशासन का नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। अवैध गतिविधियों की सूचना समय पर देकर समाज सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। आप भी अपनी राय कॉमेंट करें और खबर को साझा कर जागरूकता बढ़ाएं।





