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पलामू चौकीदार बहाली में एफआईआर के बाद प्रशासन की सख्ती, अभ्यर्थियों और अधिकारियों को नोटिस जारी

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#पलामू #चौकीदारबहाली : एफआईआर के बाद पुलिस ने मांगे दस्तावेज, नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू
  • पलामू में चौकीदार बहाली विवाद में 10 अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
  • जून 2025 में एफआईआर के बाद पुलिस ने शुरू किया अनुसंधान
  • बहाली से संबंधित वीडियो, कागजात और बयान जुटाने की तैयारी।
  • अभ्यर्थियों और बहाली से जुड़े अधिकारियों को नोटिस जारी होंगे।
  • रिजल्ट में पलामू एसपी के हस्ताक्षर नदारद, केवल डीसी के हस्ताक्षर दर्ज।

पलामू जिले में चौकीदार बहाली के विवाद ने प्रशासनिक हलचल तेज कर दी है। जून 2025 में मेदिनीनगर टाउन थाना में दर्ज एफआईआर के बाद अब पुलिस और प्रशासन दोनों ही सक्रिय हो गए हैं। प्रशासन ने आरोपित 10 अभ्यर्थियों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जबकि बहाली में शामिल अन्य पदाधिकारियों से भी स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। पुलिस के पास अभी एफआईआर आवेदन और उससे जुड़े कागजात मौजूद हैं, लेकिन बहाली से संबंधित कोई वीडियो या बयान आधिकारिक तौर पर उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। अब चौकीदारी शाखा और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस देकर यह सामग्री उपलब्ध करवाने को कहा जाएगा।

एफआईआर दर्ज होने की पृष्ठभूमि

पलामू में 155 पदों पर चौकीदार बहाली के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। 15 से 17 जनवरी 2025 तक शारीरिक दक्षता परीक्षण कराया गया, जिसमें 138 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। इसके बाद प्रमाणपत्रों की जांच की गई। 25 जनवरी 2025 को तत्कालीन उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई चौकीदारी स्थापना समिति की बैठक में बहाली प्रक्रिया की समीक्षा हुई। इसी बैठक में तय किया गया कि 10 अभ्यर्थियों की पहचान वीडियो फुटेज में सत्यापित नहीं हो पाई, जबकि एक अभ्यर्थी अनुपस्थित रहा। नतीजतन, एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया गया।

जून में दर्ज हुई एफआईआर, पुलिस की कार्रवाई जारी

बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर जिला प्रशासन ने 26 जून 2025 को मेदिनीनगर टाउन थाना में एफआईआर दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया और अब वीडियो, बहाली कागजात एवं संबंधित बयानों की मांग कर रही है। पुलिस अभ्यर्थियों और अधिकारियों से लिखित एवं मौखिक जानकारी लेने की तैयारी में है।

मेदिनीनगर टाउन थाना प्रभारी ज्योतिलाल रजवार ने कहा: “पुलिस अनुसंधान के दौरान बहाली से संबंधित वीडियो और दस्तावेज की जांच करेगी। संबंधित शाखा एवं पदाधिकारियों से इन्हें उपलब्ध करवाने का आग्रह किया जाएगा।”

रिजल्ट पर एसपी के हस्ताक्षर नहीं

इस पूरे विवाद में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। पुलिस को उपलब्ध दस्तावेजों के मुताबिक, चौकीदार बहाली के रिजल्ट पर पलामू एसपी के हस्ताक्षर नहीं हैं, जबकि एसपी बहाली प्रक्रिया के महत्वपूर्ण सदस्य होते हैं। जिला वेबसाइट पर अपलोड रिजल्ट में सिर्फ डीसी के 25 जनवरी की तिथि वाले हस्ताक्षर दर्ज हैं। चौकीदारी स्थापना समिति में चौकीदार पदाधिकारी, सदर एवं अनुमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, उप विकास आयुक्त और नगर आयुक्त भी शामिल थे।

न्यूज़ देखो: बहाली में पारदर्शिता की चुनौती

पलामू चौकीदार बहाली प्रकरण यह दिखाता है कि सरकारी नियुक्तियों में पारदर्शिता और जवाबदेही कितनी अहम है। पुलिस और प्रशासन की सक्रियता से उम्मीद है कि दोषियों पर कार्रवाई होगी और भविष्य में ऐसी अनियमितताओं की गुंजाइश नहीं बचेगी। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

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