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गढ़वा में तीन अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर प्रशासन की सख्त कार्रवाई, संवेदनशीलता को देखते हुए सभी केंद्र सील

#गढ़वा #प्रशासनिककार्रवाई : एसडीएम संजय कुमार ने औचक निरीक्षण में गड़बड़ी मिलने पर अल्ट्रासाउंड केंद्रों को अगले आदेश तक किया बंद

गढ़वा में प्रशासन ने स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बड़ी कार्रवाई की। उपायुक्त के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने शुक्रवार को शहर के तीन अल्ट्रासाउंड केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। जांच के दौरान सभी केंद्रों में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। इसके बाद झारखंड अल्ट्रासाउंड सेंटर, चंद्रिका हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर और एमजीएम अस्पताल के अल्ट्रासाउंड यूनिट को अगले आदेश तक सील कर दिया गया। एसडीएम ने स्पष्ट किया कि जांच पूरी होने और सिविल सर्जन से अनुमति मिलने के बाद ही ये केंद्र दोबारा खुलेंगे।

झारखंड अल्ट्रासाउंड सेंटर में फर्जीवाड़े के संकेत

टाउन हॉल मैदान के पास स्थित झारखंड अल्ट्रासाउंड सेंटर में निरीक्षण के समय पाया गया कि केंद्र पर कार्यरत डॉक्टर अभिषेक कुमार पिछले 6-7 महीने से मौजूद नहीं थे, बावजूद इसके अल्ट्रासाउंड सेवाएं लगातार जारी थीं। रजिस्टर में अद्यतन प्रविष्टियां थीं और दो अलग-अलग रजिस्टर मिलने से मामला संदिग्ध प्रतीत हुआ। मौके पर केवल 12वीं पास युवक और युवती मिले। इस पर एसडीएम ने केंद्र को तत्काल सील करवा कर चाबी रविकांत दुबे को अंडरटेकन के साथ सौंप दी।

चंद्रिका हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में अस्पष्ट जानकारी

कचहरी रोड स्थित चंद्रिका हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की जांच के दौरान प्रबंधक अयूब अंसारी ने दावा किया कि केवल अपने अस्पताल के मरीजों का अल्ट्रासाउंड किया जाता है। लेकिन डॉक्टर कादिर परवेज से संपर्क करने पर पता चला कि उन्होंने इस महीने मात्र 8-10 अल्ट्रासाउंड किए हैं, जबकि रजिस्टर में सही विवरण उपलब्ध नहीं था। इसके अलावा डॉक्टर कादिर ने पहले ही संबद्धता समाप्त करने का आवेदन सिविल सर्जन को दे रखा था। ऐसी स्थिति को देखते हुए केंद्र को बंद कर चाबी अंडरटेकन के साथ प्रबंधक को सौंप दी गई।

एमजीएम अस्पताल में टेक्नीशियन से अल्ट्रासाउंड

नवादा मोड़ स्थित एमजीएम अस्पताल की जांच में भी गंभीर गड़बड़ी सामने आई। रजिस्टर में 25 जुलाई तक अल्ट्रासाउंड का विवरण दर्ज था, जबकि डॉक्टर कादिर ने बताया कि वे केवल 15 दिन में एक बार यहां आते हैं। पूछताछ में अस्पताल प्रबंधन ने स्वीकार किया कि टेक्नीशियन से अल्ट्रासाउंड करवाया जाता है। इसे गंभीर उल्लंघन मानते हुए एसडीएम ने इस केंद्र को भी सील कर दिया।

एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “लोगों का स्वास्थ्य प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बिना योग्य चिकित्सक के अल्ट्रासाउंड करना गंभीर अपराध है। दोषियों पर कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी।”

अन्य केंद्रों को चेतावनी

एसडीएम ने अनुमंडल के अन्य अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों से अपील की कि वे मानक और नियमों का पालन करें। यदि योग्य चिकित्सक उपलब्ध नहीं हैं, तो सेवाएं तत्काल बंद करें। उन्होंने चेतावनी दी कि अनियमितता पाए जाने पर प्रशासन कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं बरतेगा।

न्यूज़ देखो: स्वास्थ्य सेवाओं में जिम्मेदारी की कसौटी

यह कार्रवाई स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितताओं पर प्रशासन की तत्परता को दर्शाती है। बिना योग्य चिकित्सक के अल्ट्रासाउंड करना जन स्वास्थ्य के साथ गंभीर खिलवाड़ है। न्यूज़ देखो इस कदम का स्वागत करता है और अपील करता है कि ऐसी सतर्कता हर स्तर पर कायम रहे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

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