
#डुमरी #शांति_समिति : त्योहारों पर शांति और भाईचारे के लिए प्रशासन-जनप्रतिनिधि एक मंच पर
- डुमरी थाना परिसर में हुई शांति समिति की बैठक।
- चेहलुम और कृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर हुई चर्चा।
- BDO उमेश कुमार स्वासी ने की बैठक की अध्यक्षता।
- थाना प्रभारी अनुज कुमार ने किया संचालन।
- भीड़-भाड़ और संवेदनशील स्थानों पर विशेष निगरानी की व्यवस्था।
डुमरी प्रखंड मुख्यालय स्थित थाना परिसर में बुधवार शाम 5 बजे चेहलुम और कृष्ण जन्माष्टमी जैसे महत्वपूर्ण पर्वों के मद्देनज़र शांति समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक का उद्देश्य आगामी त्योहारों को शांति, सौहार्द और आपसी भाईचारे के वातावरण में संपन्न कराना था।
प्रशासन और जनप्रतिनिधि एक साथ
बैठक की अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी उमेश कुमार स्वासी ने की, जबकि संचालन थाना प्रभारी अनुज कुमार ने किया। इस दौरान सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और प्रशासनिक पदाधिकारियों ने मिलकर त्योहारों के दौरान अमन-चैन बनाए रखने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा की।
सुरक्षा और सतर्कता की तैयारी
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पर्व के दौरान भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाएगी। संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी ताकि किसी भी अप्रिय घटना को समय रहते रोका जा सके। प्रशासन ने सभी से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने की अपील की।
प्रमुख उपस्थित लोग
बैठक में जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों में अनिल साहू, जून कुमार, प्रदीप जी (मुखिया, जुर्मू), SI मनोज कुमार, SI आनंदी साव सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे। सभी ने प्रशासन को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
सौहार्द और गंगा-जमुनी तहज़ीब का संकल्प
अंत में बैठक में मौजूद सभी लोगों ने यह संकल्प लिया कि चेहलुम और कृष्ण जन्माष्टमी जैसे पर्व आपसी प्रेम, एकता और भाईचारे के साथ मनाए जाएंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डुमरी प्रखंड की गंगा-जमुनी तहज़ीब बरकरार रहे और आने वाली पीढ़ियां भी इस विरासत पर गर्व कर सकें।

न्यूज़ देखो: प्रशासन-जन सहयोग की मिसाल
डुमरी में शांति समिति की बैठक यह साबित करती है कि जब प्रशासन और जनता एक साथ आगे बढ़ते हैं, तो त्योहार केवल आनंद का नहीं बल्कि एकजुटता और भाईचारे का संदेश भी देते हैं। इस तरह की पहलें समाज में आपसी समझ और सहयोग की नींव को मजबूत करती हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
त्योहार, प्रेम और एकजुटता के प्रतीक
त्योहार तभी सार्थक होते हैं जब वे लोगों को करीब लाएं और सामाजिक बंधन को मजबूत करें। सजग नागरिक के रूप में हमें इस माहौल को बनाए रखने में योगदान देना चाहिए। इस खबर को दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें ताकि सौहार्द और एकता का यह संदेश दूर-दूर तक पहुंचे।