
#गढ़वा #पर्यटन_व्यवस्था : नववर्ष व शीतकालीन अवकाश में बढ़ती भीड़ को लेकर अन्नराज डैम में व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई।
गढ़वा जिले के अन्नराज डैम क्षेत्र का सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने गुरुवार को निरीक्षण किया। नववर्ष, क्रिसमस और शीतकालीन अवकाश के दौरान संभावित पर्यटक भीड़ को देखते हुए उन्होंने सुरक्षा, साफ-सफाई और यातायात व्यवस्था का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान बोटिंग और स्टीमर सेवा को सशर्त बहाल करने का निर्णय लिया गया। वहीं, तैराकी और स्नान पर प्रतिबंध यथावत रखने के निर्देश दिए गए।
- एसडीएम संजय कुमार ने अन्नराज डैम क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया।
- नववर्ष और क्रिसमस को लेकर पर्यटक व्यवस्थाओं की समीक्षा।
- बोटिंग और स्टीमर सेवा सशर्त रूप से बहाल।
- तैराकी, कूदने और स्नान पर प्रतिबंध पूर्ववत जारी।
- सुरक्षा मानकों और लाइफ जैकेट अनिवार्य करने का निर्देश।
- साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन दुरुस्त करने के आदेश।
गढ़वा जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल अन्नराज डैम में आगामी नववर्ष, क्रिसमस और शीतकालीन अवकाश के दौरान बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की संभावना को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क नजर आ रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने डैम प्रक्षेत्र का विस्तृत निरीक्षण किया और पर्यटकों की सुविधा एवं सुरक्षा से जुड़ी व्यवस्थाओं का आकलन किया।
पर्यटक भीड़ को लेकर व्यवस्थाओं की समीक्षा
निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने डैम क्षेत्र में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं, साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था, पार्किंग और यातायात प्रबंधन की बारीकी से जांच की। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि संभावित भीड़ को ध्यान में रखते हुए किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए और सभी आवश्यक इंतजाम समय रहते पूरे कर लिए जाएं।
एसडीएम ने स्पष्ट किया कि अन्नराज डैम न केवल स्थानीय बल्कि आसपास के जिलों के लोगों के लिए भी प्रमुख पर्यटन स्थल है, ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों को सुरक्षित और सुव्यवस्थित वातावरण उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
पूर्व प्रतिबंध और आंशिक संशोधन का निर्णय
एसडीएम ने जानकारी दी कि अन्नराज डैम में पूर्व में हुई कुछ दुर्घटनाओं को देखते हुए 11 अगस्त को सुरक्षा के मद्देनजर इसे नो-स्विमिंग ज़ोन घोषित किया गया था। इसके तहत डैम में तैराकी, कूदने, स्नान करने और अन्य जल क्रीड़ा गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था। साथ ही किसी भी अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए बोटिंग और स्टीमर सेवा पर भी रोक लगाई गई थी।
हालांकि, पर्यटन गतिविधियों और स्थानीय लोगों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इस आदेश में आंशिक संशोधन किया है।
बोटिंग और स्टीमर सेवा को सशर्त अनुमति
संशोधित आदेश के तहत अब अन्नराज डैम में बोटिंग और स्टीमर सेवा को सशर्त अनुमति प्रदान की गई है। इसका उद्देश्य यह है कि पर्यटक नियंत्रित और सुरक्षित तरीके से जल पर्यटन का आनंद ले सकें, वहीं जोखिम भरी गतिविधियों से उन्हें दूर रखा जा सके।
एसडीएम संजय कुमार ने कहा:
“पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। बोटिंग और स्टीमर सेवा तभी संचालित होगी जब सभी सुरक्षा मानकों का पूरी तरह पालन सुनिश्चित किया जाएगा।”
सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन अनिवार्य
एसडीएम ने संबंधित संचालकों को निर्देश दिया कि बोटिंग और स्टीमर संचालन के दौरान निम्नलिखित सुरक्षा उपायों का सख्ती से अनुपालन किया जाए:
- सभी यात्रियों के लिए लाइफ जैकेट की अनिवार्य उपलब्धता।
- नाव या स्टीमर में क्षमता से अधिक सवारियां नहीं बैठाने का निर्देश।
- प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती।
- डैम क्षेत्र में सतत निगरानी व्यवस्था।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तैराकी और स्नान पर प्रतिबंध रहेगा जारी
एसडीएम ने साफ तौर पर कहा कि बोटिंग सेवा बहाल होने के बावजूद तैराकी, कूदने, स्नान करने और अन्य जोखिमपूर्ण गतिविधियों पर प्रतिबंध पूर्ववत जारी रहेगा। इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार की दुर्घटना की संभावना को न्यूनतम करना है।
साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन पर विशेष जोर
निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला पर्यटन पदाधिकारी और संबंधित विभागों के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि डैम क्षेत्र और आसपास साफ-सफाई, कचरा प्रबंधन, संकेतक बोर्ड और पर्यटकों की सुविधा से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि भीड़ के समय आपात स्थिति से निपटने के लिए गोताखोर की उपलब्धता और अन्य आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जाएं।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की उपस्थिति
इस अवसर पर स्थानीय मुखिया राम लगन राम, जिला मत्स्य कार्यालय के चन्द्रेश्वर साहनी, पर्यटन और मत्स्यजीवी समितियों के सदस्य तथा बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने प्रशासन के इस कदम को सकारात्मक बताते हुए सुरक्षित पर्यटन के लिए आवश्यक बताया।

न्यूज़ देखो: संतुलन बनाता प्रशासनिक फैसला
अन्नराज डैम को लेकर प्रशासन का यह निर्णय सुरक्षा और पर्यटन दोनों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास दर्शाता है। जहां एक ओर जोखिम भरी गतिविधियों पर सख्ती बरती जा रही है, वहीं नियंत्रित तरीके से पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाया गया है। अब यह देखना अहम होगा कि सशर्त अनुमति के साथ सुरक्षा मानकों का कितना प्रभावी पालन होता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित पर्यटन से ही बढ़ेगा स्थानीय विकास
पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा नियमों का पालन न केवल जान-माल की रक्षा करता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देता है। अन्नराज डैम में लागू नए निर्देशों का पालन करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
यदि आपके पास इस पर्यटन स्थल से जुड़ा कोई सुझाव या अनुभव है, तो अपनी राय साझा करें।
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