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मनोरम आस्था की यात्रा को प्रशासनिक संबल: मानस मणि दीप सेवा संस्थान की कांवड़ यात्रा के लिए दो दंडाधिकारी नियुक्त

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#गारु #कांवड़यात्रा : आस्था और अनुशासन के संगम में प्रशासन की सख्त निगरानी
  • 24 जुलाई को लोध फॉल से सरना धाम तक होगी पवित्र कांवड़ यात्रा।
  • महुआडांड एसडीओ बिपिन दुबे के निर्देश पर नियुक्त हुए दो दंडाधिकारी।
  • सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे कार्यपालक अभियंता सुधीर कुमार रवि और कनिष्ठ अभियंता भरत राम टोप्पो।
  • 55 किलोमीटर पैदल यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना।
  • कांवड़ यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था, स्वास्थ्य और आपात सेवाओं का विशेष ध्यान।

तैयारियों में जुटा प्रशासन और संस्था

लातेहार जिले के गारु प्रखंड स्थित मानस मणि दीप सेवा संस्थान इस वर्ष भी पवित्र कांवड़ यात्रा का आयोजन 24 जुलाई (गुरुवार) को कर रहा है। इस यात्रा में श्रद्धालु लोध जलप्रपात से जल भरकर सरना धाम तक की करीब 55 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा पूरी करेंगे। सावन माह की धार्मिक भावना और इस आयोजन की विशालता को देखते हुए प्रशासन भी सक्रिय रूप से जुट गया है।

दो दंडाधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी

कांवड़ यात्रा की कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए महुआडांड अनुमंडल पदाधिकारी बिपिन दुबे ने दो अधिकारियों को दंडाधिकारी के रूप में नियुक्त किया है। इनमें शामिल हैं:

  • सुधीर कुमार रवि – कार्यपालक अभियंता, महुआडांड
  • भरत राम टोप्पो – कनीय अभियंता, गारु

इन अधिकारियों की प्रमुख जिम्मेदारी होगी कि वे यात्रा मार्ग पर प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में निगरानी रखें, किसी भी आपात स्थिति की सूचना तत्काल दें, और श्रद्धालुओं को सहायता प्रदान करें

महुआडांड एसडीओ बिपिन दुबे ने कहा: “कांवड़ यात्रा के दौरान अनुशासन, सुरक्षा और श्रद्धा तीनों पहलुओं का संतुलन बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी प्रकार की लापरवाही या अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

हर वर्ष बढ़ती है भव्यता

मानस मणि दीप सेवा संस्थान द्वारा आयोजित यह यात्रा पिछले कुछ वर्षों से लगातार भव्य होती जा रही है। हर साल सावन अमावस्या के दिन आयोजित यह यात्रा अब हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करने लगी है। लोध फॉल से सरना धाम तक की कठिन यात्रा में लोग पूरे उत्साह, अनुशासन और समर्पण के साथ भाग लेते हैं।

यात्रा मार्ग में घने जंगल, पहाड़ी रास्ते और दुर्गम इलाकों के कारण प्रशासन के लिए यह आयोजन एक चुनौती भी होता है, लेकिन आस्था की ऊर्जा इसे सफल बनाती है।

संस्थान के संयोजक ने बताया: “इस बार सुरक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल की मुकम्मल व्यवस्था की जा रही है। साथ ही कई स्वंयसेवी टीमें भी श्रद्धालुओं की सेवा में रहेंगी।”

यात्रियों को मिलेगा प्रशासनिक सहयोग

दंडाधिकारी के रूप में नियुक्त अधिकारी यात्रा के दौरान मार्ग की सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण, स्वास्थ्य सेवाओं की समन्वय व्यवस्था, और प्रभावी संचार सुनिश्चित करेंगे। इससे यात्रा में अव्यवस्था की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी और श्रद्धालु शांतिपूर्वक भक्ति के इस पथ को पूर्ण कर सकेंगे।

न्यूज़ देखो: श्रद्धा और सुरक्षा के संतुलन की मिसाल

गांव, प्रकृति और परंपरा से जुड़ी इस कांवड़ यात्रा में श्रद्धालुओं की आस्था जितनी ऊंची है, प्रशासन की जिम्मेदारी उतनी ही गंभीर। ‘न्यूज़ देखो’ यह सराहना करता है कि ऐसे आयोजनों में प्रशासन और समाज के बीच बेहतर तालमेल बनाकर सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। यात्रा में सौहार्द और व्यवस्था का समन्वय झारखंड की पहचान को और मजबूत करता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

श्रद्धा के पथ पर सामूहिक सहभागिता की प्रेरणा

कांवड़ यात्रा सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, यह सामूहिक अनुशासन और सामाजिक भागीदारी का उदाहरण भी है। आइए हम सभी इस आयोजन में सहयोग, सजगता और सकारात्मक सोच के साथ भाग लें।
लेख को साझा करें, अपने विचार कमेंट करें और इसे उन तक पहुँचाएं जो इस यात्रा से जुड़े हैं।

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