
#आवासीय_विद्यालय #नामांकन – झारखंड में 26 स्कूलों में 936 सीटों के लिए नामांकन, विशेष श्रेणी के बच्चों को मिलेगा प्राथमिकता:
- झारखंड राज्य में 26 नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों में 936 रिक्त सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू।
- विशेष श्रेणी के बच्चों के लिए प्राथमिकता: अनाथ, एकल माता-पिता के बच्चे, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित परिवारों के बच्चे, और अन्य वंचित वर्ग।
- 15 मई तक नामांकन की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश।
- जिलों में रिक्त सीटों की संख्या का विवरण सार्वजनिक किया गया।
- आम लोगों से अपील की गई है कि वे विशेष श्रेणी के बच्चों का नामांकन कराएं।
नामांकन प्रक्रिया का विवरण
झारखंड राज्य के 26 नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों में 936 रिक्त सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह नामांकन विशेष श्रेणी के बच्चों के लिए है, जिनमें अनाथ बच्चे, एकल माता-पिता के बच्चे, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित परिवारों के बच्चे, सड़क पर जीवन यापन करने वाले बच्चे, और अन्य वंचित वर्ग के बच्चे शामिल हैं।
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिलों को पत्र भेजकर 15 मई तक नामांकन की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, बच्चों के प्रगमन का कार्य 30 अप्रैल तक पूरा किया जाना अनिवार्य था। इसके बाद, रिक्त सीटों पर नामांकन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
रिक्त सीटों की जिलावार स्थिति
नीचे दी गई तालिका में झारखंड के विभिन्न जिलों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों के लिए रिक्त सीटों की संख्या दी गई है:
जिला/स्थान | रिक्त सीटें |
---|---|
बोकारो (स्कूल 1) | 51 |
बोकारो (स्कूल 2) | 49 |
चतरा | 32 |
धनबाद | 49 |
दुमका | 8 |
गढ़वा | 71 |
गिरिडीह | 45 |
गोड्डा | 27 |
गुमला | 17 |
हजारीबाग (स्कूल 1) | 53 |
हजारीबाग (हॉस्टल) | 39 |
कोडरमा | 33 |
लातेहार | 35 |
लोहरदगा | 33 |
पाकुड़ | 35 |
पलामू | 46 |
रामगढ़ | 46 |
रांची (स्कूल 1) | 15 |
रांची (स्कूल 2) | 33 |
सरायकेला | 38 |
पश्चिमी सिंहभूम (स्कूल 1) | 16 |
पश्चिमी सिंहभूम (स्कूल 2) | 18 |
पूर्वी सिंहभूम (स्कूल 1) | 43 |
पूर्वी सिंहभूम (स्कूल 2) | 50 |
सिमडेगा | 54 |
इस तालिका में दर्शाई गई रिक्त सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है, और 15 मई तक इसे पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।
विशेष श्रेणी के बच्चों का नामांकन
इस विशेष नामांकन प्रक्रिया में उन बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी जो किसी भी प्रकार से संरक्षण से वंचित हैं। इनमें अनाथ बच्चे, एकल माता-पिता के बच्चे, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित परिवारों के बच्चे, भिक्षाटन करने वाले बच्चे, और घुमंतू श्रमिकों के बच्चे शामिल हैं।
इस प्रक्रिया के तहत, प्रखंड स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा ताकि इन बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जा सके। इन शिविरों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
आम लोगों की भूमिका
इस नामांकन प्रक्रिया में आम लोगों से भी सहयोग लिया जाएगा। यदि किसी को अपने आस-पास कोई विशेष श्रेणी का बच्चा नजर आता है, जो अभी तक अनामांकित है, तो उन्हें नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय में नामांकन कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए वे नजदीकी विद्यालय या शिक्षा पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
विशेष रूप से, यह प्रक्रिया एक सामाजिक जिम्मेदारी के तौर पर ली जा रही है, और सभी नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें।
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हमारी टीम शिक्षा से जुड़े सभी मुद्दों पर निरंतर नजर रखती है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों में विशेष श्रेणी के बच्चों का नामांकन भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। न्यूज़ देखो हर घटनाक्रम पर आपकी भरोसेमंद आवाज़ बना हुआ है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
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