
#कोलेबिरा #किशोर_स्वास्थ्य : डोमटोली पंचायत में किशोरों को वैज्ञानिक स्वास्थ्य जानकारी देकर जागरूक किया गया।
कोलेबिरा प्रखंड के डोमटोली पंचायत में किशोर-किशोरियों और स्कूली बच्चों के लिए विशेष किशोर स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन पिरामल फाउंडेशन की प्रतिनिधि रविना मालवीय ने किया, जबकि पंचायत मुखिया अनीता जड़िया कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहीं। इसमें मासिक धर्म, व्यक्तिगत स्वच्छता, सुरक्षित व्यवहार और परिवार नियोजन जैसे विषयों पर वैज्ञानिक जानकारी साझा की गई। कार्यक्रम का उद्देश्य किशोरों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर उन्हें सुरक्षित और जिम्मेदार भविष्य के लिए तैयार करना रहा।
- डोमटोली पंचायत में किशोर स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन।
- पिरामल फाउंडेशन की प्रतिनिधि रविना मालवीय ने किया कार्यक्रम संचालन।
- मुखिया अनीता जड़िया की रही गरिमामयी उपस्थिति।
- मासिक धर्म, स्वच्छता और मानसिक बदलावों पर दी गई वैज्ञानिक जानकारी।
- गुड टच-बैड टच और परिवार नियोजन विषयों पर भी हुआ संवाद।
कोलेबिरा प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र डोमटोली पंचायत में आयोजित इस कार्यक्रम में किशोरों और स्कूली बच्चों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किशोर अवस्था में होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलावों को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करना रहा। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सरल भाषा में विषयों को समझाया, जिससे बच्चों ने खुलकर प्रश्न पूछे और चर्चा में भाग लिया।
मासिक धर्म को लेकर फैली भ्रांतियों पर खुलकर चर्चा
कार्यक्रम के दौरान मासिक धर्म को लेकर समाज में मौजूद गलत धारणाओं पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रतिभागियों को बताया गया कि मासिक धर्म एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है, जिसे लेकर शर्म या भय की कोई आवश्यकता नहीं है। मासिक चक्र के दौरान शरीर में होने वाले सामान्य शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तनों को उदाहरणों के माध्यम से समझाया गया।
स्वच्छता न रखने से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम
सैनिटरी पैड के नियमित और सुरक्षित उपयोग पर विशेष जोर दिया गया। वक्ताओं ने बताया कि स्वच्छता में लापरवाही से संक्रमण, एनीमिया और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। किशोरियों को व्यक्तिगत स्वच्छता के व्यावहारिक उपाय भी बताए गए, ताकि वे स्वयं को स्वस्थ रख सकें।
गुड टच और बैड टच की पहचान पर जागरूकता
कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण सत्र गुड टच और बैड टच की पहचान से जुड़ा रहा। बच्चों और किशोरों को यह समझाया गया कि कौन सा स्पर्श सुरक्षित है और किन परिस्थितियों में तुरंत सहायता लेना जरूरी है। उन्हें यह भी बताया गया कि किसी भी असहज स्थिति में चुप न रहें और भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें।
परिवार नियोजन और सुरक्षित व्यवहार की जानकारी
कार्यक्रम में परिवार नियोजन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां भी साझा की गईं। इसमें कंडोम, 72 घंटे की आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली, छाया गोली, माला-एन गोली और कॉपर-टी जैसे साधनों के उपयोग, लाभ और सावधानियों के बारे में स्पष्ट जानकारी दी गई। वक्ताओं ने सुरक्षित व्यवहार को किशोर स्वास्थ्य का अहम हिस्सा बताया।
समुदाय की सहभागिता ने बढ़ाया कार्यक्रम का प्रभाव
इस अवसर पर सीएचओ प्रिसिला जी, एएनएम दीदी, सहिया दीदी, आंगनवाड़ी सहायिका, अभिभावकगण और पंचायत के अन्य समुदाय सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने एकमत से कहा कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में किशोरों के समग्र विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
न्यूज़ देखो: किशोर स्वास्थ्य पर निवेश भविष्य को सुरक्षित करता है
यह कार्यक्रम दर्शाता है कि जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य जागरूकता किस प्रकार समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। किशोरों को सही समय पर सही जानकारी देना उन्हें सुरक्षित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। पंचायत स्तर पर इस तरह की पहल स्वास्थ्य तंत्र की मजबूती को भी दर्शाती है। ऐसे प्रयासों की निरंतरता ही सामाजिक बदलाव की कुंजी है।
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जागरूक किशोर ही स्वस्थ समाज की नींव
जब बच्चों को सही जानकारी और सुरक्षित वातावरण मिलता है, तभी वे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी जागरूकता सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है। ऐसे कार्यक्रम भविष्य की पीढ़ी को मजबूत बनाते हैं।





