#लातेहार #सामाजिक_बदलाव : दहेज मुक्त झारखंड ने दिया महिला सशक्तिकरण को नया चेहरा
- अधिवक्ता अस्मिता एक्का को लातेहार जिला अध्यक्ष बनाया गया।
- नियुक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष सिंधु मिश्रा और संस्थापक डॉ. आनंद कुमार शाही ने की।
- संगठन दहेज प्रथा के साथ घरेलू हिंसा और अन्य अन्याय के खिलाफ भी लड़ता है।
- अस्मिता ने कहा – दहेज समाज को दीमक की तरह खा रहा है, जागरूकता फैलाई जाएगी।
- सामाजिक न्याय की दिशा में यह कदम महिला सशक्तिकरण का प्रतीक माना जा रहा है।
लातेहार जिले में महिलाओं के अधिकार और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ चल रही जंग को अब नई ताकत मिल गई है। दहेज मुक्त झारखंड ने अधिवक्ता अस्मिता एक्का को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह जिम्मेदारी संगठन ने उन्हें मंगलवार को सदस्यता प्रमाण पत्र प्रदान कर सौंपी। संगठन की ओर से यह निर्णय महिलाओं के सशक्तिकरण और दहेज प्रथा जैसी गहरी सामाजिक समस्या के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
दहेज मुक्त झारखंड की पहल और कार्यक्षेत्र
दहेज मुक्त झारखंड सिर्फ दहेज विरोधी मुहिम तक सीमित नहीं है। संस्था घरेलू हिंसा, महिला उत्पीड़न, बलात्कार, पुलिस उत्पीड़न, भ्रष्टाचार, मानवाधिकार हनन, नशीले पदार्थों की बिक्री, और चिकित्सीय लापरवाही जैसे मामलों में भी पीड़ितों को न्याय दिलाने का कार्य करती है। संगठन के प्रयासों का उद्देश्य सिर्फ घटनाओं का विरोध करना नहीं, बल्कि सामाजिक सोच में बदलाव लाना है।
नई अध्यक्ष अस्मिता एक्का की प्राथमिकताएं
नियुक्ति के बाद अधिवक्ता अस्मिता एक्का ने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता जागरूकता फैलाना और समाज की सोच बदलना होगी।
अधिवक्ता अस्मिता एक्का ने कहा: “दहेज प्रथा समाज को दीमक की तरह खोखला कर रही है। मेरी प्राथमिकता रहेगी कि जिले के कोने-कोने में जागरूकता फैलाकर सोच को बदला जाए। महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने की दिशा में मैं हरसंभव प्रयास करूंगी।”
नेतृत्व पर संगठन का भरोसा
राष्ट्रीय स्तर पर भी अस्मिता की नियुक्ति को बड़ा कदम माना जा रहा है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष सिंधु मिश्रा ने कहा: “अस्मिता जैसी जागरूक महिला का जुड़ना संगठन के लिए मील का पत्थर है।”
संस्थापक डॉ. आनंद कुमार शाही ने कहा: “यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा संदेश है।”
स्थानीय समाज और विधि जगत की प्रतिक्रिया
इस नियुक्ति पर वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी खुशी जताई।
वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील कुमार ने कहा: “अधिवक्ता के रूप में अस्मिता जी का अनुभव संस्था के लिए अमूल्य साबित होगा। यह नियुक्ति समाज में नई चेतना लाएगी।”
प्रदेश अल्पसंख्यक उपाध्यक्ष बब्लू खान ने कहा: “अस्मिता एक्का की नियुक्ति लातेहार की बेटियों के अधिकार की आवाज़ बनेगी। हमें विश्वास है कि उनका नेतृत्व जिले में सामाजिक बुराइयों के खिलाफ निर्णायक साबित होगा।”
न्यूज़ देखो: बदलाव की ओर एक सशक्त कदम
लातेहार में यह नियुक्ति सिर्फ एक जिम्मेदारी का हस्तांतरण नहीं, बल्कि समाज को नई दिशा देने वाला संदेश है। महिला नेतृत्व को आगे लाना और दहेज जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ ठोस रणनीति बनाना ही असली परिवर्तन की शुरुआत है। ऐसे कदमों से उम्मीद है कि जागरूकता और न्याय की जड़ें और गहरी होंगी।
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बदलाव अब हमारे हाथों में
अब समय है कि हम सब मिलकर दहेज जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ खड़े हों। समाज की सोच बदलने के लिए केवल संगठन ही नहीं, हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों व परिवार के साथ शेयर करें ताकि यह संदेश हर घर तक पहुंचे।