
#डुमरी #अपराध_नियंत्रण : दो दशक से फरार चल रहे डकैती कांड के आरोपी अरुण तिर्की को पुलिस ने गुप्त सूचना पर सफल छापेमारी में पकड़ा।
- अरुण तिर्की, पिता बर्तन तिर्की, ग्राम पुतरंगी निवासी पुलिस के हत्थे चढ़ा।
- 20 वर्षों से बालीडीह थाना (बोकारो) के डकैती कांड में लाल वारंटी के रूप में फरार था।
- माननीय न्यायालय द्वारा गैर-जमानती वारंट व भगोड़ा घोषित होने के बाद भी लगातार ठिकाना बदलकर बचता रहा।
- डुमरी थाना पुलिस ने गुप्त सूचना पर टीम गठित कर छापेमारी में की गिरफ्तारी।
- आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।
- थाना प्रभारी शशि कुमार ने कहा—फरार अपराधियों पर कार्रवाई जारी है।
बीस वर्षों से कानून से बचता फिर रहा डकैती कांड का लाल वारंटी अरुण तिर्की आखिरकार डुमरी पुलिस की गिरफ्त में आ गया। पुतरंगी गांव का रहने वाला यह आरोपी बालीडीह थाना, बोकारो में दर्ज डकैती मामले में लंबे समय से फरार था और न्यायालय द्वारा भगोड़ा घोषित किया जा चुका था। लगातार ठिकाने बदलते हुए वह गिरफ्तारी से बचता रहा, लेकिन हाल ही में पुलिस को सूचना मिली कि वह अपने गांव के आसपास देखा जा रहा है। इसी सूचना के आधार पर डुमरी थाना पुलिस ने रणनीति बनाकर उसे धर दबोचा।
कैसे हुई गिरफ्तारी
डुमरी थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने इलाके में निगरानी तेज की और तय स्थान पर छापेमारी की।
तेजी से की गई कार्रवाई में पुलिस ने अरुण तिर्की को बिना किसी विरोध के पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ की गई और कानूनी औपचारिकताएँ पूरी की गईं। अब उसे संबंधित न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
आरोपी पर लगे आरोप
अरुण तिर्की पर बालीडीह थाना, बोकारो में दर्ज डकैती कांड के आरोप हैं। दो दशक पूर्व दर्ज इस मामले में न्यायालय ने उसे लाल वारंटी घोषित किया था। उसके खिलाफ जारी एनबीडब्ल्यू और भगोड़ा आदेश के चलते पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश में थी।
पुलिस की सक्रियता से मिली सफलता
थाना प्रभारी शशि कुमार ने कहा कि फरार और वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस लगातार अभियान चलाए हुए है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अपराधियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी और कानून से बचने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी।
न्यूज़ देखो: दो दशक पुरानी तलाश पर पुलिस की निर्णायक कार्रवाई
डुमरी पुलिस की इस कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि लंबे समय से फरार अपराधियों के खिलाफ अभियान अब और मजबूत हो गया है। यह गिरफ्तारी न सिर्फ पुराने मामलों को आगे बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि अपराधियों में कानून का भय भी स्थापित करेगी। पुलिस की सतर्कता और समन्वित कार्रवाई से न्याय प्रक्रिया को गति मिलेगी।
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न्याय की राह कभी बंद नहीं होती
बीस वर्षों बाद भी न्याय का पहिया रुका नहीं—यह गिरफ्तारी उसी का प्रमाण है। समाज तभी सुरक्षित बनता है, जब कानून से बचने वालों को अंततः जवाबदेह ठहराया जाए।
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