#लातेहार #आत्महत्या_मामला : मामूली विवाद के बाद कमरे में फांसी लगाकर दी जान—गांव में पसरा मातम
- बारेसांढ़ थाना क्षेत्र के ललमटिया गांव की घटना।
- मृतका सतेंद्र प्रसाद की 17 वर्षीय पुत्री बताई जा रही है।
- दोपहर में घर में कहासुनी के बाद कमरे में चली गई थी किशोरी।
- दरवाजा तोड़ने पर फंदे से लटकी मिली किशोरी।
- पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए लातेहार सदर अस्पताल भेजा।
लातेहार। जिले के बारेसांढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत ललमटिया गांव में सोमवार दोपहर एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई, जहां एक 17 वर्षीय किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है, वहीं परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। किशोरी की असामयिक मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोमवार दोपहर करीब ढाई बजे किशोरी की घर में किसी मामूली बात को लेकर परिजनों से कहासुनी हो गई थी। इसके बाद वह नाराज होकर अपने कमरे में चली गई और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। काफी देर तक जब वह बाहर नहीं निकली तो परिजनों को चिंता हुई। दरवाजा खटखटाने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिलने पर परिजनों ने दरवाजा तोड़ा, जहां अंदर का दृश्य देखकर सभी सन्न रह गए। किशोरी कमरे में रस्सी के सहारे फंदे से लटकी हुई थी।
पुलिस जांच में जुटी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
घटना की सूचना मिलते ही बारेसांढ़ थाना प्रभारी विजय कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी की और पंचनामा तैयार किया। इसके बाद शव को लातेहार सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
थाना प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पूरी पुष्टि हो सकेगी। फिलहाल पुलिस हर पहलू से मामले की गहन जांच कर रही है।
गांव में शोक, परिजनों को सांत्वना
इस घटना के बाद ललमटिया गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। ग्रामीण पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने में जुटे हैं। किशोरी की मौत से न केवल परिवार बल्कि पूरा गांव गहरे सदमे में है। लोग इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि आज के दौर में किशोरों पर मानसिक दबाव किस तरह गंभीर रूप लेता जा रहा है।
न्यूज़ देखो: सोचने पर मजबूर करती घटना
किशोर अवस्था में छोटी-छोटी बातों पर उठाए गए ऐसे कदम समाज और परिवार दोनों के लिए चेतावनी हैं। मानसिक स्वास्थ्य, संवाद और संवेदनशीलता को लेकर जागरूकता बेहद जरूरी है।
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संवाद और संवेदनशीलता है जरूरी
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