
#गिरिडीह #शैक्षणिक_अधिकार : एन.एस.यू.आई. के नेतृत्व में छात्रों के आंदोलन के बाद कॉलेज प्रशासन ने सेमेस्टर-5 का परिणाम जारी किया
- एन.एस.यू.आई. के ज़िला अध्यक्ष विनीत भास्कर, प्रदेश महासचिव अभय कुमार और ज़िला उपाध्यक्ष गौरव सिंह के नेतृत्व में छात्रों ने तालाबंदी और भूख हड़ताल की।
- आंदोलन की मांग थी कि सेमेस्टर-5 का परिणाम तुरंत जारी किया जाए।
- लगातार दबाव और छात्रों की एकजुटता के बाद कॉलेज प्रशासन ने लिखित आश्वासन दिया।
- आज 06 सितंबर शाम 5 बजे विश्वविद्यालय ने परिणाम जारी किया।
- ज़िला अध्यक्ष ने कहा कि छात्रों को परिणाम के लिए आंदोलन करना पड़ना दुखद और अस्वीकार्य है।
- छात्रों ने एन.एस.यू.आई. की मेहनत को अपनी सफलता और जीत माना।
गिरिडीह कॉलेज में लंबे समय से रुके सेमेस्टर-5 के परिणाम को लेकर छात्रों की नाराजगी का असर अब देखने को मिला। बीते 01 सितंबर को ज़िला अध्यक्ष विनीत भास्कर, प्रदेश महासचिव अभय कुमार और ज़िला उपाध्यक्ष गौरव सिंह के नेतृत्व में एन.एस.यू.आई. कार्यकर्ताओं ने कॉलेज परिसर में तालाबंदी और भूख हड़ताल करके परिणाम की मांग की। इस आंदोलन के दबाव के चलते कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए आज 06 सितंबर को परिणाम जारी किया।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
छात्रों की लगातार शिकायतों और प्रशासन की निष्क्रियता के कारण एन.एस.यू.आई. ने सक्रिय कदम उठाया। उन्होंने कॉलेज प्रशासन के सामने स्पष्ट किया कि छात्रों के अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती। तालाबंदी और भूख हड़ताल के दौरान छात्रों ने परिसर में आंदोलन जारी रखा, जिससे प्रशासन पर दबाव बढ़ा।
प्रशासन का लिखित आश्वासन
आंदोलन के चलते कॉलेज प्रशासन ने छात्रों को लिखित आश्वासन दिया कि 2 दिनों के भीतर सेमेस्टर-5 का परिणाम जारी कर दिया जाएगा। इस आश्वासन के बाद भी छात्रों ने अपनी सतर्कता नहीं छोड़ी और आंदोलन जारी रखा।
ज़िला अध्यक्ष विनीत भास्कर ने कहा: “यह बेहद दुखद है कि छात्रों को अपने परिणाम के लिए भी आंदोलन करना पड़ा। एन.एस.यू.आई. की कड़ी मेहनत और छात्रों की एकजुटता के कारण प्रशासन सक्रिय हुआ और आंतरिक अंक विश्वविद्यालय को भेजा गया, जिसके बाद परिणाम जारी करना संभव हुआ।”
परिणाम जारी और छात्रों की प्रतिक्रिया
आज शाम 5 बजे विश्वविद्यालय ने परिणाम जारी कर दिया, जिससे छात्रों में खुशी और राहत का माहौल है। छात्रों ने एन.एस.यू.आई. की मेहनत को अपनी सफलता और जीत माना।
ज़िला उपाध्यक्ष गौरव सिंह ने कहा: “भविष्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। छात्रों के अधिकारों की रक्षा और समय पर परिणाम सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है।”
छात्रों की एकजुटता का संदेश
इस घटना से यह स्पष्ट हुआ कि छात्रों की एकजुटता और संगठित प्रयास प्रशासन को जवाबदेह बना सकते हैं। कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन अब इस मामले से यह सीखेंगे कि छात्र अधिकारों की अनदेखी नहीं होने दी जानी चाहिए।
न्यूज़ देखो: छात्रों की मेहनत और आंदोलन की सफलता
गिरिडीह कॉलेज के छात्रों का यह आंदोलन दिखाता है कि जब छात्र संगठित होते हैं, तो उनके अधिकारों की रक्षा संभव होती है। एन.एस.यू.आई. के सक्रिय नेतृत्व ने छात्रों के हक की आवाज बुलंद की और प्रशासन को कार्रवाई के लिए मजबूर किया।
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