
#मेदिनीनगर #शैक्षणिक_भ्रमण : संत मरियम स्कूल के छात्रों ने ‘ग्राम श्री’ पाठ्य अध्ययन के बाद गांव जाकर खेती, प्रकृति और ग्रामीण संस्कृति को करीब से समझा।
- संत मरियम स्कूल, मेदिनीनगर के छात्रों ने ‘ग्राम श्री’ अध्याय पढ़ने के बाद किया ग्रामीण भ्रमण।
- विद्यार्थियों ने खेती-किसानी, फसल देखभाल, पशुपालन और गांव के प्राकृतिक संसाधनों को करीब से देखा।
- ग्रामीण जीवन की हरियाली, प्राकृतिक सुंदरता और पारंपरिक कार्यशैली ने बच्चों को प्रभावित किया।
- भ्रमण के दौरान शिक्षिका सुधा कुमारी ने ग्रामीण परिवेश के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी दी।
- उद्देश्य था बच्चों में अनुभव आधारित शिक्षा, पर्यावरण, प्रकृति और ग्रामीण संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
- छात्रों में ग्रामीण जीवन को समझने को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला।
मेदिनीनगर स्थित संत मरियम स्कूल के छात्रों ने अपनी पाठ्यपुस्तक के ‘ग्राम श्री’ पाठ का अध्ययन पूरा करने के बाद वास्तविक ग्रामीण जीवन को समझने के लिए गांव का शैक्षणिक भ्रमण किया। पुस्तक में लिखी बातों को प्रत्यक्ष रूप से देखने का अवसर मिलने पर बच्चों में अलग ही उत्साह देखने को मिला। गांव पहुंचने के बाद बच्चों ने खेत-खलिहान, फसलें, हरियाली, पशुपालन और ग्रामीण परिवेश को करीब से निरीक्षण किया।
भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने जाना कि किस प्रकार ग्रामीण लोग कृषि कार्य करते हैं, फसलों की रोजाना देखभाल किस तरह होती है और प्राकृतिक संसाधन गांवों के जीवन व आजीविका के केंद्र में किस तरह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बच्चों ने किसानों से जुड़ी पारंपरिक प्रक्रियाओं और प्राकृतिक जीवनशैली के कई अनूठे पहलुओं को भी समझा।
ग्रामीण परिवेश को समझने का अनूठा अवसर
छात्रों ने खेतों में उगती फसलों, बारिश पर निर्भर खेती के तरीकों, पशुओं की देखभाल और ग्रामीण जीवन की सादगी को बेहद नजदीक से जाना। प्राकृतिक हवा, शांत माहौल और हरियाली ने बच्चों को प्रभावित किया। उन्होंने देखा कि गांव की अर्थव्यवस्था किस तरह कृषि और प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित रहती है।
शिक्षिका सुधा कुमारी ने भ्रमण के दौरान बच्चों को मार्गदर्शन देते हुए ग्रामीण जीवन से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किताबों से सीखी गई बातें जब वास्तविक जीवन में देखी जाती हैं, तो सीखने की प्रक्रिया और गहराई तक जाती है।
अनुभव आधारित शिक्षा का उद्देश्य रहा केंद्र में
इस शैक्षणिक भ्रमण का मुख्य उद्देश्य था कि बच्चे अपने आस-पास के समाज और पर्यावरण को व्यावहारिक रूप से समझें। विद्यालय प्रशासन का मानना है कि बच्चों को प्रकृति, पर्यावरण, खेती-किसानी और भारतीय ग्रामीण संस्कृति से परिचित कराना अनुभव आधारित शिक्षा का एक मजबूत कदम है, जो जीवन कौशल के विकास में सहायक होता है।
शिक्षकों ने बताया कि गांव का यह दौरा बच्चों की सोच को व्यापक बनाएगा और उन्हें वास्तविक जीवन से जुड़े विषयों की समझ को और गहरा करेगा। ग्रामीण जीवन की सादगी, मेहनत और प्राकृतिक संतुलन की सीख बच्चों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालेगी।

न्यूज़ देखो: शिक्षा में अनुभव का महत्व
बच्चों को स्कूल की चारदीवारी से बाहर निकालकर वास्तविक जीवन से जोड़ना सीखने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और यादगार बनाता है। ग्रामीण भ्रमण जैसे कार्यक्रम बच्चों में संवेदनशीलता, समझ और प्रकृति के प्रति लगाव बढ़ाते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सीखें, समझें और प्रकृति से जुड़ें
बच्चों को अनुभवात्मक शिक्षा के अधिक अवसर मिलें।
पर्यावरण और कृषि से जुड़ी गतिविधियों में सहभागिता बढ़ाएं।
ग्रामीण संस्कृति की खूबियों को जानें और साझा करें।
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