भाजपा कार्यालय में मनाया गया अहिल्याबाई होलकर जयंती सप्ताह, श्रद्धा व प्रेरणा का बना मंच

#अहिल्याबाईहोलकरजयंती #भाजपा_गढ़वा — पुण्य स्मरण में सामाजिक मूल्यों का संदेश

श्रद्धांजलि से प्रेरणा तक: अहिल्याबाई की स्मृति में कार्यक्रम

भाजपा जिला कार्यालय, गढ़वा में अहिल्याबाई होलकर की 299वीं जयंती के उपलक्ष्य में सप्ताहव्यापी समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर तथा ‘वंदे मातरम्’ गीत के साथ की गई।

अहिल्याबाई: एक आदर्श शासक और सामाजिक प्रेरणा

भाजपा जिलाध्यक्ष ठाकुर प्रसाद महतो ने कार्यक्रम की विषयवस्तु पर प्रकाश डालते हुए कहा,
“अहिल्याबाई होलकर का पूरा जीवन समाज की सेवा में समर्पित रहा है। वे न केवल एक उत्कृष्ट प्रशासक थीं, बल्कि उन्होंने सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना को भी सुदृढ़ किया।”

मुख्य अतिथि पूर्व विधायक हरे कृष्णा सिंह ने कहा,
“अहिल्याबाई ने बिना युद्ध के प्रशासनिक योग्यता, न्यायप्रियता और परोपकारिता के बल पर शासन चलाया। उन्होंने मंदिरों, घाटों, कुओं और तालाबों का निर्माण कर देश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत किया।”
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो देशहित में योगदान देने वाले महान व्यक्तित्वों का सम्मान करती है।

ऐतिहासिक परिचय: जीवन और कार्य

कार्यक्रम में बताया गया कि अहिल्याबाई होलकर का जन्म 31 मई 1725 को हुआ था और उनका निधन 13 अगस्त 1795 को हुआ। उनका विवाह खंडेराव होलकर से हुआ था। वे सभ्य सोच रखने वाली एक दूरदर्शी महिला थीं, जिन्होंने सुदृढ़ न्याय प्रणाली और लोककल्याणकारी शासन की मिसाल पेश की।

विविध सहभागिता से भरा कार्यक्रम

कार्यक्रम का संचालन भाजयुमो जिलाध्यक्ष रामशीष तिवारी ने किया। इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि नगर परिषद धनंजय गौड़, भाजपा नेता रामलला दुबे, नगर मंडल अध्यक्ष उमेश कश्यप, रितेश दुबे, पवन कुमार, एससी मोर्चा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण राम, सरोज सिंह, पार्वती सिंह, अलख निरंजन, शुभम गुप्ता समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो : विरासत से सीखें, भविष्य को रचें

‘न्यूज़ देखो’ ऐसे आयोजनों की खबरें लाकर आपको उन मूल्यों से जोड़ता है जो भारतीय समाज की आत्मा हैं। अहिल्याबाई होलकर जैसे महापुरुषों की स्मृति में होने वाले कार्यक्रम न केवल श्रद्धा के प्रतीक हैं, बल्कि वे हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाते हैं कि हम भी अपने समाज और देश के लिए कुछ करें।

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