
#बानो #शिक्षा_निरीक्षण : आइसेक्ट विश्वविद्यालय हजारीबाग के अधिकारियों ने एलिस शैक्षणिक संस्थान बानो का दौरा कर कोर्स और नामांकन प्रक्रिया की दी जानकारी।
- एलिस शैक्षणिक संस्थान बानो में हुआ आइसेक्ट विश्वविद्यालय का निरीक्षण।
- रीजनल मैनेजर अनिल महतो और एक्जीक्यूटिव क्षेत्रीय मैनेजर तौहीद आलम रहे मौजूद।
- विश्वविद्यालय के यूजी, पीजी, एमबीए, तकनीकी और स्किल डेवलपमेंट कोर्स पर हुई चर्चा।
- ऑनलाइन और रेगुलर मोड दोनों में उपलब्ध हैं कोर्स।
- छात्रों को आसान किस्तों में फीस और छात्रवृत्ति सुविधा की दी जानकारी।
- मौके पर निदेशक बिमल कुमार, दीपिका कुमारी और सुष्मिता सिंह रही उपस्थित।
बानो प्रखंड स्थित एलिस शैक्षणिक संस्थान में गुरुवार को आइसेक्ट विश्वविद्यालय हजारीबाग के अधिकारियों ने निरीक्षण किया। इस अवसर पर छात्रों को कोर्स, नामांकन प्रक्रिया और विश्वविद्यालय की विशेष सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक जानकारी प्राप्त की और विश्वविद्यालय प्रतिनिधियों से अपने सवाल साझा किए।
निरीक्षण का उद्देश्य और विश्वविद्यालय की पहल
निरीक्षण के दौरान रीजनल मैनेजर अनिल महतो एवं एक्जीक्यूटिव क्षेत्रीय मैनेजर तौहीद आलम ने संस्थान के शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि आइसेक्ट विश्वविद्यालय हजारीबाग का उद्देश्य ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों के विद्यार्थियों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाना है।
तौहीद आलम ने कहा: “आइसेक्ट विश्वविद्यालय युवाओं को कौशल आधारित शिक्षा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हमारा उद्देश्य है कि हर छात्र अपनी पसंद के कोर्स के माध्यम से आत्मनिर्भर बने।”
कोर्स और नामांकन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी
निरीक्षण के दौरान तौहीद आलम ने बताया कि विश्वविद्यालय में यूजी, पीजी, एमबीए, तकनीकी और स्किल डेवलपमेंट के कई कोर्स रेगुलर और ऑनलाइन मोड में उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि छात्र कम किस्तों में नामांकन शुल्क जमा कर सकते हैं और योग्य छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना भी लागू है।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय का मकसद सिर्फ डिग्री देना नहीं बल्कि विद्यार्थियों को रोजगार योग्य बनाना है।
स्थानीय छात्रों के लिए बड़ा अवसर
कार्यक्रम में उपस्थित निदेशक बिमल कुमार, उपसचिव दीपिका कुमारी और काउंसलर सुष्मिता सिंह ने बताया कि यह निरीक्षण विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरक अवसर है। विश्वविद्यालय की जानकारी से छात्रों को सही दिशा में करियर चुनने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम ग्रामीण छात्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिससे वे उच्च शिक्षा के विभिन्न अवसरों से परिचित हो सकें।
बिमल कुमार ने कहा: “हम चाहते हैं कि हमारे छात्र राज्य और देश दोनों स्तर पर बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर प्राप्त करें।”

न्यूज़ देखो: शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम
बानो में इस तरह का निरीक्षण कार्यक्रम न केवल शिक्षण संस्थानों को नई दिशा देता है, बल्कि छात्रों में उच्च शिक्षा के प्रति विश्वास भी जगाता है। आइसेक्ट विश्वविद्यालय का यह प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का दायरा बढ़ाने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम कदम है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा से आत्मनिर्भरता की ओर
अब समय है कि ग्रामीण इलाकों के युवा इन शैक्षणिक अवसरों का पूरा लाभ उठाएं और खुद को नई दिशा दें। शिक्षा केवल रोजगार का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को बदलने की शक्ति है। आइए, हम सब मिलकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को आगे बढ़ाने में योगदान दें।
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